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PMS Premenstrual Syndrome : पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) क्या है? जानें लक्षण और उपचार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/05/2020

    PMS Premenstrual Syndrome : पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) क्या है? जानें लक्षण और उपचार

    पीएमएस (PMS) यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से आठ से 10 दिन पहले होते हैं। इस प्रक्रिया का असर सभी महिलाओं पर अलग-अलग हो सकता है। लगभग 85 फीसदी महिलाओं को इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, अभी तक इसे किसी गंभीर बीमारी की श्रेणी में नहीं रखा गया है।

    किन महिलाओं में होता है प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का प्रभाव?

    आमतौर पर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम एक शारीरिक और मानसिक स्थिति है। महिलाओं में 20 साल की उम्र के बाद ही प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की शुरुआत होने लगती है। लेकिन, जो महिलाएं डिलिवरी, मिसकैरेज या एबॉर्शन के समय ज्यादा हार्मोनल बदलाव महसूस करती हैं, उनमें  प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का असर ज्यादा देखा जाता है। साथ ही, जो महिलाएं नियमित तौर पर गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं और जब उनका सेवन बंद करती हैं, तो उनमें भी इसका प्रभाव देखा जाता है। जब तक उनका हार्मोनल स्तर सामान्य नहीं हो जाता, तब तक उन्हें PMS के प्रभाव से गुजरना होता है।

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    महिलाओं में होने वाले बदलाव

    PMS के प्रभाव से महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। अक्सर आपने देखा भी होगा कि कई मांएं अपने बच्चों को बेवजह मारने भी लगती हैं। हालांकि, पीएमएस की सही वजहों का अभी तक पता नहीं चला है। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा हार्मोन के असंतुलन की वजह से हो सकता है।

    PMS के लक्षण

    • शरीर का फूलना
    • पानी इकट्ठा होना
    • स्तनों में सूजन आना
    • चेहरे पर अचानक पिंपल आना
    • वजन बढ़ना
    • सिर दर्द
    • पीठ दर्द
    • जोड़ों में दर्द होना
    • बेवजह परेशान रहना
    • डिप्रेशन में रहना
    • स्वाभाव में चिड़चिड़ापन आना
    • ज्यादा मीठा या नमकीन खाने की इच्छा होना
    • नींद न आना
    • जी घबराना
    • छोटी-छोटी बातों पर रोना
    • मन में आत्महत्या के विचार आना

    पीएमएस (PMS) की पहचान कैसे करें?

    PMS का असर सभी महिलाओं में अलग-अलग हो सकता है। अगर आप खुद में इसके जरिए होने वाले प्रभाव को समझना चाहती हैं, तो इसे पहचानने के लिए एक कैलेंडर में तीन महीने तक इसके शुरू होने और खत्म होने तक का समय नोट करें। फिर जिस दिन पीरियड्स शुरू हो उसकी भी तारीख नोट कर लें। इसके बाद नीचे बताए गए बिंदुओं पर ध्यान दें :

    • PMS का प्रभाव पीरियड्स शुरू होने के कितने दिन पहले शुरू होता है?
    • इसका प्रभाव कितने दिनों तक रहता है?
    • इस दौरान आपने किस तरह के बदलाव होते हैं?

    पीएमएस (PMS) के लिए घरेलू उपचार

    अधिकतर खाद्य पदार्थों में ट्रिप्टोफेन (Tryptophan) नामक एमिनो एसिड पाया जाता है, जो सेरोटोनिन का लेवल बढ़ाता है, जो पीएमएस से होने वाले प्रभाव को कम कर सकता है।

    पीएमएस में क्या खाएं?

    अनानास, मूंगफली, आलू, कद्दू, अखरोट, तिल, गेहूं, मशरूम, अंडा, साबूत आनाज आदि का सेवन कर सकते हैं।

    क्या नहीं खाएं?

    चटपटी चीजें जैसेः आचार, चिप्स, तली-भुनी चीजें, कैफीन युक्त चीजें, चीनी, नशीले पदार्थ।

    एक्सरसाइज करें

    एक्सरसाइज की मदद से आप अपने मन को शांत कर सकती हैं। साथ ही PMS के कारण शरीर में हो रहे दर्द को भी दूर कर सकती हैं। हालांकि, इसका असर तभी सफल रहता है, जब इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करती हैं।

    ध्यान रहे कि पीएमएस एक नैचुरल प्रक्रिया है। लेकिन, इससे राहत पाने के लिए आप ऊपर बताए गए तरीकों को ध्यान में रख सकते हैं। अगर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की समस्या ज्यादा परेशान करती है, तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/05/2020

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