एनोवुलेटरी सायकल (Anovulatory Cycle)
एनोवुलेटरी सायकल वो समय होता है जब ओवरीज एग रिलीज नहीं करती हैं। यह तब होता है जब महिलाएं मेनोपॉज के नजदीक होती हैं। जब कोई महिला ओव्युलेट नहीं करती है तो पीरियड असामान्य हो सकते हैं और एक या दो दिन की माहवारी (Periods for One or Two Days) भी हो सकती है। इस समस्या के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
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एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस की परेशानी तब होती है जब एक टिश्यू जो गर्भाशय में ग्रो होने वाले टिश्यू के जैसा होता है, गर्भाशय के बाहर ग्रो होने लगता है। यह टिश्यू आमतौर पर ओवरीज (ovaries), फॉलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes) में ग्रो होता है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण भी पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होती है। इसलिए कई महिलाएं इसे एक या दो दिन की माहवारी (Periods for One or Two Days) समझ लेती हैं। इसके अन्य लक्षण इस प्रक्रार हैं:
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गर्भपात (Miscarriage)
गर्भपात के कारण होने वाली ब्लीडिंग को भी एक या दो दिन की माहवारी (Periods for One or Two Days) समझा जा सकता है। खासतौर पर अगर आपको पता ही न हो कि आप गर्भवती हैं। यह ब्लीडिंग लाइट स्पॉटिंग से लेकर हैवी फ्लो तक हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रेग्नेंसी कितने महीने की है। ऐसे में, आप पेट या पीठ में भी क्रैम्प्स अनुभव कर सकती हैं। अगर आपको गर्भपात का संदेह है, तो भी आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding)
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी आप लाइट पीरियड का अनुभव कर सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं को पीरियड नहीं आते हैं। ऐसा हॉर्मोन्स के कारण होता है। आमतौर पर शिशु के जन्म के 9 से 18 महीनों महिला को पीरियड्स नहीं आते हैं अगर वो शिशु को स्तनपान कराती है। लेकिन, कई बार इस दौरान होने वाली हल्के ब्लीडिंग को भी एक या दो दिन की महावारी (Periods for One or Two Days) समझा जा सकता है।
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पिल और अन्य दवाईयां (The Pill and other Medications)
हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स और शॉट्स (Hormonal Birth Control Pills and Shots) भी हल्के या कम पीरियड्स का कारण बन सकती हैं। क्योंकि, इनमें हॉर्मोन्स होते हैं जो यूटरस की लायनिंग को पतला कर सकते हैं। इसके कारण काम ब्लीडिंग वाले पीरियड्स आते हैं। यही नहीं, इंट्रायूटेराइन डिवाइस (Intrauterine Device) के कारण भी ऐसा हो सकता है। अन्य ओवर-द-काउंटर (Over-the-Counter Medicine) और सप्लीमेंट्स या डॉक्टर की सलाह के बाद दी जाने वाली दवाईयां भी मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग में परिवर्तन का कारण बन सकती हैं। इनमें यह सब दवाईयां भी शामिल हैं: