अगर आप एक अच्छी और हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं तो व्यायाम को अपने जीवन का जरूरी हिस्सा बना लें। ऐसा सिद्ध हुआ है कि नियमित रूप से व्यायाम करने से पीरियड के लक्षणों में सुधार होता है। जिनमें से एक पीरियड ब्लोटिंग (Period Bloating) भी है। अगर आप किन्हीं कारणों से रोजाना व्यायाम नहीं कर पा रही हैं तो दिन में कम से कम तीस मिनट निकाल कर सैर करे इससे भी आपको लाभ होगा। इस बारे में आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
पानी (Water)
पानी न केवल अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक है बल्कि पीरियड ब्लोटिंग (Period Bloating) में भी लाभदायक है। ऐसा माना जाता है कि अधिक पानी पीने से वाटर रिटेंशन सुधारने में मदद मिलती है। हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है। लेकिन, यह सच है कि अधिक पानी पीने से हम हाइड्रेट रहते हैं और हमें अच्छा महसूस होता है। इसलिए पीरियड की समस्याओं से बचने के लिए भी जितना अधिक हो सके पानी पीएं।
अल्कोहल और कैफीन का सेवन न करें (Limit Alcohol and Caffeine)
एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि एल्कोहॉल और कैफीन से ब्लोटिंग की समस्या बढ़ती है। इसके साथ ही इससे पीरियड की अन्य समस्याएं भी बढ़ती है। इसलिए चाय और कॉफी या तो बिलकुल छोड़ देना चाहिए या इसकी मात्रा को सीमित कर दें।
तनाव को मैनेज करें (Manage Stress)
जो महिलाएं चिंता (Stress), तनाव (Depression) या एंग्जायटी (Anxiety) से पीड़ित होती है, उनमे भी पीरियड के दौरान समस्याएं अधिक पाई जाती हैं। जिनमे ब्लोटिंग भी शामिल है। ऐसे में, आपको अपने तनाव को मैनेज करने के लिए अन्य तरीकों को अपनाना होगा जैसे भरपूर नींद लेना (Enough sleep), योगा (Yoga), मैडिटेशन (Meditation), व्यायाम (Exercise) आदि। अपनी नींद को कभी भी नजरअंदाज न करें। सही नींद लें, सकारात्मक और खुश रहें। इससे भी आप पीरियड ब्लोटिंग (Period Bloating) में आराम महसूस करेंगी। तनाव से छुटकारा पाने के लिए आप अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं
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जैसे हर महिला का शरीर अलग होता है, वैसे ही उनमें पीरियड के दौरान भी अलग लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन, अधिकतर महिलाओं के लिए पीरियड ब्लोटिंग (Period Bloating) या पेट का फूलना परेशान करने वाली समस्या है। हालांकि यह समस्या पीरियड के दौरान या बाद में स्वयं ही ठीक हो जाती है। किंतु अगर ऐसा न हो और आपको पीरियड के अन्य लक्षण भी दिखाई दें। तो यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लें और इस स्थिति में सही उपचार कराना जरूरी है।