नपुंसकता और बांझपन (Impotence and infertility) का पता लगाने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन व टेस्ट
बीमारी का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर फिजिकल इग्जामिनेशन कर सकते हैं। इसके बाद आपके विशेषज्ञ कुछ लैब टेस्ट कराने के लिए भी बोल सकते हैं। जैसे कि टेस्टोस्टेरोन लेवल (testosterone level) की जांच, एचबी 1एसी और फास्टिंग लिपिड पैनल (fasting lipid panel) जैसे टेस्ट कराने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं। ताकि पता कर सकें कि मरीजडायबिटीज मेलिटस (diabetes mellitus), हार्ट डिजीज, हार्मोनल प्रॉब्लम के कारण उसे इरेक्शन की समस्या तो नहीं हो रही। मरीज की शारिरिक जांच व लैब रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर मरीज का ट्रीटमेंट प्लान करते हैं। कुछ मामलों में तो डॉक्टर मरीज की लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव कराते हैं ताकि बेहतर नजीते हासिल किए जा सके। जैसे
इन तमाम आदतों को लाइफ में अपनाकर परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि यह तरकीब काम न आए तो संभव है कि डॉक्टर मरीज को कुछ दवा आदि का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं। (फॉस्फोडिएस्टरेज़ -5-इनहेबिटर- phosphodiesterase-5-inhibitor) का सुझाव दे सकते हैं। यह दवा लिंग में बल्ड फ्लो को बढ़ाती है इस कारण इरेक्शन संभव हो पाता है। अन्य दवा में सिल्डेनाफिल (sildenafil) , टाडालाफिल (tadalafil), वार्डेनाफिल ( vardenafil) जैसी दवा का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं। इन तमाम दवा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए बिना एक्सपर्ट की सलाह के इन दवा का सेवन न करें। खासतौर पर हार्ट फेल्योर या फिर हार्ट डिजीज से ग्रसित मरीज, वैसे मरीज जो हार्ट डिजीज और लो ब्लड प्रेशर के लिए नाइट्रेट (nitrate ) दवा का सेवन करते हैं। वैसे लोगों को इस प्रकार की दवा का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। नहीं तो उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ सकती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करने के लिए अन्य दवा का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें एलप्रोस्टाडिल (alprostadil ), केविरजेक्ट इंपल्स, एडेक्स, म्यूस (Caverject Impulse, Edex, Muse), जिसे प्रोस्टाग्लेडिन ई1 थैरेपी (Prostaglandin E1 therapy)। इस दवा को डॉक्टर पेनिस में इंजेक्ट करते हैं। ताकि इरेक्शन हो। ऐसा करने से एक घंटे तक लिंग में तनाव रहता है।
यदि दवा आपको सही नहीं लगती तो ऐसे में पेनिस पंप्स और इंप्लांट्स इसमें मदद कर सकता है।
जब समस्या मानसिक स्थिति से जुड़ी हो तो ऐसी स्थिति में काउंसलर आपकी इस समस्या को बातचीत से हल कर सकते हैं। ऐसा कर इरेक्शन हासिल किया जा सकता है। इसके लिए आपका पार्टनर की आवश्यकता भी थैरेपी सेशन में पड़ सकती है।
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