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सीनियर्स के लिए बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises for seniors)
एक सर्वे के अनुसार सीनियर्स में गिरने और चोट लगने के मामले अक्सर बहुत अधिक आते हैं। हालांकि गिरने का कारण फिसलना या अन्य भी हो सकता है। लेकिन, इसका बड़ा कारण बुजुर्गों में बैलेंस की कमी है। इसलिए बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility)में कुछ ऐसी बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) हैं, जो बैलेंस को सुधारने में मदद कर सकती हैं, जैसे:
बैक लेग राइजेज (Back Leg Raises)
सीनियर्स के लिए यह स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) उनके निचले हिस्से खासतौर पर उनके पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाती है।
कैसे करें:
- बैक लेग राइजेज को करने के लिए सबसे पहले सीधा खड़े रहें।
- अब अपनी एक टांग को सीधा पीछे की तरफ ले जाएं।
- इस दौरान न तो आपके घुटने या ही आपके पैर की उंगलियां मुड़ी हुई होनी चाहिए।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें और उसके बाद अपनी टांग को वापस आरामदायक स्थिति में ले आएं।
- इस प्रक्रिया को दूसरी टांग के साथ दोहराएं।
वॉल पुशअप्स (wall pushups)
इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करना आसान है और यह बहुत प्रभावी भी है।
कैसे करें
- एक दिवार के सामने सीधा खड़े हो जाएं।
- आपके और दिवार के बीच में आपकी बाजु के जितना अंतर होना चाहिए।
- अब थोड़ा सा आगे झुकें और अपनी हथेलियों को दिवार पर रख दें।
- अब अपने शरीर को दिवार की तरफ धकेलें।
- इसी तरह से धीरे से अपने आप को पीछे ले जाएं ताकि आपकी बाजुएं सीधी हो जाएं।
- इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।
ट्री पोज
ट्री पोज यानी वृक्षासन आपकी एड़ियों को मजबूत करता है, आपके संतुलन को बेहतर बनाता है, और आपके कोर को बढ़ाता है।
कैसे करें
- ट्री पोज करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं। आपके पैर जुड़े होने चाहिए।
- अब धीरे-धीरे अपने बायें पैर को अपने दाएं पैर की जांघ की अंदर की तरफ रख दें और दाएं पैर पर ही संतुलन बनाएं।
- अब अपनी बाजुओं को अपने सामने ले आएं और नमस्कार की मुद्रा में रखे रहें।
- कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद दूसरे पैर के साथ इस मुद्रा को दोहराएं।
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किन हेल्थ कंडिशन में कौन सी बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) फायदेमंद हैं?
कुछ हेल्थ कंडीशंस में बैलेंस एक्सरसाइजेज(balance exercises) बहुत अधिक लाभदायक हैं जैसे :
पार्किंसंस रोग में लेग राइजेज (leg rises)
पार्किंसंस रोग नर्वस सिस्टम में होने वाली बीमारी है, जो कई शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करती है। इससे हाथों में कंपकंपी, पूरे शरीर में अकड़न या शरीर को बैलेंस करने में समस्या होती है। अगर आपको यह समस्या है तो आप चेयर राइजेज बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) ट्राय कर सकते हैं।
कैसे करें:
- इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाए और अपने पास एक कुर्सी रख लें।
- अपने एक हाथ को अपनी कमर पर रखें और दूसरे हाथ से कुर्सी को पकड़ें।
- अब अपनी बाई टांग को ऊपर उठाएं और उसे दाई तरफ ले कर जाएं।
- कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें, उसके बाद दूसरी टांग के साथ इस एक्सरसाइज को दोहराएं।
घुटने के गठिया के लिए फॉरवर्ड बेंड (Forward Bend)
घुटने के गठिया होने की स्थित में रोगी को घुटने में दर्द, जलन और सूजन आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस बैलेंस एक्सरसाइज को अपनाएं।
कैसे करें
- इस करने के लिए सीधा खड़ा हो जाएं ताकि आपके पैरों के बीच में थोड़ा अंतर हो।
- अब अपनी कमर से जमीन की तरफ झुकें और अपने पैरों की उंगलियों को छुनें की कोशिश करें।
- जितना संभव हो सके उतना ही नीचे जाएं और अपनी बाजुओं को ढीला छोड़ दें।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहने के बाद पहले की मुद्रा में आ जाएं और इस दोहराएं।
स्ट्रोक रिकवरी में बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise)
यदि आप स्ट्रोक के बाद चलने में समस्या महसूस कर रहे हैं तो यह समस्या मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है, लेकिन इसका कारण संतुलन भी हो सकता है। ऐसे में कुछ बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) आपके लिए लाभदायक हो सकती है जैसे हील राइजेज, सिंगल लेग स्टैंड और हील टू टो वाकिंग।
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हील टू टो वॉकिंग
- इसे करना बेहद आसान है। इसमें आप किसी साफ जगह पर इस तरह से चलते हैं कि अपने एक पैर की एड़ी को अपने दूसरे पैर के पंजे के सामने रखें।
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शारीरिक रूप से फिट रहना हम सभी के लिए आवश्यक है और जब उम्र बढ़ती है तो हमारी ज़रूरतें बदल सकती हैं। ऐसे में, बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) करना सीमित मोबिलिटी को समायोजित करता है, आपको सक्रिय रखने और शरीर के संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है। लेकिन, किसी भी व्यायाम को करने से पहले डॉक्टर और किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
ये तो थी बैलेंस एक्सरसाइज़ की बात, अब हम जानेंगे फ्लेक्सिबिलिटी से जुड़ी ऐसी एक्सरसाइज़ के बारे में, जो आपके शरीर को लचीला बनाने में मदद करेंगी। चलिए बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में अब जान लेते हैं फ्लेक्सिबिलिटी के महत्व को।
फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने वाली एक्सरसाइज कौन सी हैं? इन्हें करने का सही तरीका जानें
खेलते या कोई इंटेंस वर्कआउट करते हुए सही स्ट्रेचिंग(stretching) होना जरूरी है। ऐसे ही चोट को रोकने के लिए भी लचीलापन बेहद जरूरी है। एथलेटिक गतिविधि से पहले स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को व्यायाम के लिए तैयार करने में मदद करती है। चलिए जान लेते हैं बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में वो कौन सी आसान फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) हैं, जो आप रोजाना कर सकते हैं।
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फॉरवर्ड लंजेस (forward lunges)
बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में यह फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज(flexibility exercise) बेहद आसान और प्रभावी है।
कैसे करें:
- इसे करने के लिए सबसे पहले दाएं पैर को आगे रखते हुए, बाएं पैर को मोड़ें।
- पीठ को सीधा रखते हुए आगे की ओर ऐसे झुकें कि कमर में खिंचाव महसूस हो।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें। उसके बाद दूसरी टांग के साथ इसे दोहराएं।
साइड लंजेस (Side Lunges)
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज(flexibility exercise) की लिस्ट में दूसरी है साइड लंजेस। इसे करने के लिए भी आपको अधिक समय नहीं चाहिए।
कैसे करें: