दरअसल, हमारा शरीर हीट और एनर्जी को संरक्षित करता है। इसलिए, ठंड में यह एनर्जी और हीट हमारे अंगों को ब्लड सरक्यूलेशन(blood circulation) को बनाए रखने में मदद करती है, खासतौर पर हमारे महत्वपूर्ण अंगों में। लेकिन, ठंड में शरीर के कुछ अंग जिनमें लिंग भी शामिल है उसमे खून का प्रवाह सही से नहीं हो पाता। यही नहीं, अंडकोष भी ठंड में पीछे हट जाते हैं और शरीर के बाकी हिस्सों के करीब हो जाते हैं, ताकि वे भी गर्म रह सकें। तो जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, आपके अंडकोष और लिंग सामान्य से छोटा होता जाएगा। सर्दियों में नपुंसकता(erectile dysfunction in winter) की संभावना बढ़ जाती है। यह कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन इसके बारे में आपको पता होना चाहिए। यह घटना मूल रूप से गर्मी के मौसम में लिंग की स्थिति से बिलकुल विपरीत है।
[mc4wp_form id=’183492″]
ठंड में ऑर्गज्म
गर्म और कोजी रहना मनुष्य को ऑर्गज्म तक पहुंचने में मदद करता है। उसी तरह से जैसे गर्मी शरीर को आराम पहुंचाती है। इसलिए, ऐसा माना जाता है कि अगर किसी ने बेड में जुराबें पहनी हों तो उसे ऑर्गज्म तक पहुंचने में आसानी होती है। इसका मतलब यह है कि जब मौसम ठंडा होता है, तो आपका शरीर तनाव से पीड़ित हो सकता है और उसी ऑर्गज्म तक पहुंचने में मुश्किल होती है। ऐसा कहा भी जाता है कि ठंडा शावर लेने से इरेक्शन समाप्त हो सकता है और चरमसुख पाने में भी मुश्किल होती है।
यह भी पढ़ें: स्तंभन दोष (erectile dysfunction) के डॉक्टर्स से पूछें ये जरूरी सवाल
रिसर्च के दौरान से ये भी पाया गया है कि सर्दियां बढ़ते ही लिंग में सेंसेशन कम हो जाता है और यह जल्दी से रिस्पॉन्स नहीं कर पाता। एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि जो लोग सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर(Seasonal affective disorder) यानी एसएडी से परेशान रहते हैं, उन्हें भी ठंड के मौसम के दौरान मूड डिसऑर्डर हो सकता है। यही कारण है कि सर्दियों के मौसम में पुरुष अधिक डिप्रेस महसूस करते हैं या पुरुषों को ऑर्गज्म में अधिक समय लग सकता है। यानी इसके पीछे केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक कारण भी हैं। यानी,सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर(Seasonal affective disorder) के कारण आप सेक्स पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस बारे में सोचते हैं कि ठंड से कैसे बचे।
कैसे रखें सर्दियों में नपुंसकता(erectile dysfunction in winter) का ख्याल?