शायद आपको पता नहीं कि एक स्टडी के अनुसार भारत को “दुनिया की नपुंसकता की राजधानी’ कहा जाता है क्योंकि घनी आबादी के कारण भारत में जीवनशैली संबंधित बीमारियाँ भी बहुत होती है। ऐसी बीमारियों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी आता है जिसमें पेनिस इरेक्शन या पेनाइल इरेक्शन नहीं हो पाता है जिसके कारण सेक्शुअल लाइफ में भी असंतोषजनक अवस्था उत्पन्न होती है। वैसे तो इसका इलाज भी संभव हैं और आसानी से किया भी जा सकता है। लेकिन मुश्किल की बात यह है कि पुरुष वर्ग इस बात को दूसरों के सामने बताने से हिचकिचाते हैं। उनकी इसी शर्मिंदगी के एहसास के कारण वह अपनी इस बीमारी को अपने पत्नी के सामने बोल नहीं पाते हैं। इस बीमारी के संदर्भ में फाइजर अपजोन (Pfizer Upjohn) ने एक सर्वे लॉच किया है। जिसमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता के इलाज और उसको प्रभावित करने वाले फैक्टर्स के बारे में पता चलेगा।
सर्वे से यह पता चलता है कि 35% पुरुष और 47% महिलाओं का यह मानना है कि नपुंसकता होने का मूल कारण तनाव या चिंता होता है। फाइजर अपजोन सर्वे की एक दिलचस्प बात यह है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज में महिलाओं की भूमिका बहुत ही प्रंशसनीय है। क्योंकि अधिकतर महिलाएं यानि लगभग 82% औरतें चाहती हैं कि उनके पार्टनर घरेलू नुस्खे या दोस्तों से बात करने के जगह पर डॉक्टर के पास जाएं और सही तरह से इसका इलाज करवाएं। पर मुश्किल की बात यह है कि 56% पुरुष अपने पार्टनर से ही बात करके प्रॉबल्म को सुलझाना चाहते हैं। जब पुरुष अपना सही तरह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करवाने से कतराने लगते हैं तब 28% महिलाएं डिवोर्स या सेपरेट हो जाना ही बेहतर ऑप्शन मानती है।
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सच तो यह है कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ इरेक्टाइल डिसफंक्शन बीमारी को लेकर ज्यादा बात नहीं की जाती है जबकि इसका इलाज आसानी से हो जाता है। बस इस बात का ध्यान रखने की जरूरत होती है कि इसका इलाज मान्यता प्राप्त हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर से होनी चाहिए। आजकल मर्दों की अपेक्षा महिलाएं इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गई हैं। वह इस बीमारी को लेकर खुलकर बात करने लगी हैं और अपने पार्टनर को इलाज करवाने के लिए उत्साहित भी करती हैं।
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सर्वे के बारे में-
फाइजर का यह सर्वे दो भागों में संचालित किया गया था। जनवरी 2020 को यह सर्वे संचालित हुआ था। इसमें दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई या कोलकाता के 1042 जोड़े शामिल हुए थे। साथ ही 307 डॉक्टर्स भी थे, जो यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, सेक्सोलॉजिस्ट और कंसल्टेंट फिजिशियन थे।
फाइजर अपजॉन के बारे में-
130 से अधिक वर्षों का अनुभव लेकर फाइजर ने मरीजों का इलाज करने के लक्ष्य को लेकर इस सर्वे को किया है। फाइजर अपजोन चाहता है कि 2025 तक 225 मिलियन रोगियों को इसका लाभ मिले। इस सर्वे का सबसे विश्वसनीय ब्रांड हैं- नॉरवास्क® जे- एम्लोडिपीन(Amlodipine) ,लाइरिका®- प्रेगाबेलिन (Pregabalin) और वियाग्रा®-सिल्डेनाफिल (Sildenafil)- जिनको 100 से अधिक बाजारों में विश्व स्तरीय मेडिकल, मैनुफैक्चरिंग और कमर्शियल विशेषज्ञता है।
चलिये अब जानते हैं सर्वे को लेकर कुछ रोचक फैक्ट्स जिनको पढ़कर आप रह जाएंगे दंग-

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) को लेकर लोगों में जागरूकता का प्रतिशत-
- 35% पुरुषों और 47% महिलाओं को लगता है कि स्ट्रेस नपुसंकता का मूल कारण होता है।
- 75% पुरुषों और 66% महिलाओं का मानना है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) बुढ़ापा या बढ़ते उम्र की समस्या नहीं है।