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मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए सेंधा नमक से नहाना एक बेहद पुराना नुस्खा है। मैग्नीशियम और सल्फेट में समृद्ध सेंधा नमक आसानी से स्किन के अब्जार्ब हो जाते हैं, जिससे आपको सूजन, मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द से निजात मिलती है। जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए बाथटब में गुनगुना पानी डालकर उसमें दो कप सेंधा नमक डालें और करीबन 20 मिनट के लिए इस पानी में बैठें। इससे आपको तुरंत जोड़ों के दर्द से निजात मिलेगी।
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K: ( Kidney stone)
किडनी स्टोन का घरेलू इलाज
किडनी स्टोन क्या है, गुर्दे की पथरी तब बनती है जब नमक और खनिज क्रिस्टलीकृत होकर यूरिनरी सिस्टम में कहीं भी एक साथ चिपक जाते हैं। इसे यूरोलिथियासिस या कैल्सी के रूप में भी जाना जाता है। गुर्दे की पथरी को रोकने और उसके उपचार में पानी का सेवन बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसमें दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं।
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आमतौर पर व्यक्ति को दिन में आठ से दस गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको किडनी में स्टोन की समस्या है तो आप कम से कम 12 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। यह न सिर्फ स्टोन बनने की वृद्धि को धीमा करेगा, बल्कि उसे बाहर निकालने में भी मददगार होगा।
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L: ( Lyme disease & Liver cirrhosis)
नेक पेन क्या है, गर्दन में दर्द की समस्या है जो समय के साथ बहुत गंभीर हो सकती है। ऐसे ही एक समस्या गर्दन दर्द की भी है। गर्दन का दर्द गर्दन के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इनमें मांसपेशियां, नस, हड्डियां, जोड़ और हड्डियों के बीच की डिस्क शामिल हैं। घंटों तक गर्दन का एक ओर झुकाव, खराब पोस्चर में बैठना और गर्दन झुका कर रखना इसके होने का कारण है।
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इससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदों में तुलसी के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर लगाएं।
नेक स्ट्रेन का घरेलू इलाज
नेक स्ट्रेन क्या है, गर्दन की मांसपेशियों में एक या अधिक फाइबर या टेंडन्स में अत्यधिक खिंचाव और टीयर होता है तो गर्दन में खिंचाव आ जाता है। यह एक प्रकार की चोट होती है। इसे पुल्ड मसल (pulled muscle) भी कहा जाता है।गर्दन में खिंचाव कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर अपने आप ही ठीक हो जाता है। र्दन में खिंचाव के लक्षण के रूप में दर्द और गर्दन के रेंज ऑफ मोशन में कमी आना है।
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इसमें आराम के लिए आाप सिकाई भी कर सकते हैं। सिकाई के लाहौरी नमक की ईट को आग में गर्म कर के कपड़े में लपेट लें और फिर हल्के-हल्के से सिकाई करें।
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O: ( Osteoporosis & Obesity)
ऑस्टियोपोरोसिस का घरेलू इलाज: कैल्शियम
ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज क्या है, ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज हड्डियों की एक बीमारी है। यह डिजीज तब होती है तब बॉडी में अतिरिक्त रूप से हड्डियों को नुकसान पहुंचता है और हड्डियां कमजोर बनती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज की वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण फेफड़ों में सूजन और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है।
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इस समस्या से बचने के लिए उचित मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करने से हड्डियों मजबूत होती हैं। विटामिन डी इस बीमारी को रोकने में अहम भूमिका निभाती है। साथ ही वह बॉडी में कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ा देती है। हड्डियों के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वो रोजाना पर्याप्त कैल्शियम लें। रोज एक ग्लास दूध जरूर पीएं और एक्सरसाइज भी नियमित रूप से करें।
ओबेसिटी का घरेलू इलाज: दालचीनी
मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाता है कि उसका स्वास्थ पर हानिकारक प्रभाव होने लगता है। अधिक वजन वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। गलत दिनचर्या, प्रदूषण और अपच भी इसका कारण हो सकता है।
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लगभग 200 मि.ली. पानी में 3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर डालकर 15 मिनट तक उबालें। गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ। दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल है, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
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P: ( PMS & Parkinson Disease)
A-Z होम रेमेडीज: पीएमएस का घरेलू इलाज: ओटमिल
पीएसएस क्या है, अधिकांश महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं, जैसे: पीरियड्स के समय पेट दर्द, ब्रेस्ट में सूजन, ब्रेस्ट में दर्द, पीठ में दर्द इत्यादि जिन्हें प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहा जाता है। पीएमएस (PMS) यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से आठ से 10 दिन पहले होते हैं। तनाव, स्तनों में सूजन और दर्द, चेहरे पर अचानक पिंपल आना और वजन बढ़ना इसका मुख्य लक्षण है।
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इस समस्या से बचने के लिए ओटमील, धीमे और धीरे-धीरे चीनी के मेटाबॉल्जिम में हेल्प करता है। आप अपनी डायट में बासमती चावल, राई ब्रेड और कुछ फल शामिल है।
प्रेग्नेंसी में दाद की समस्या के कारण और बचाव के तरीके
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S: ( Sunburn & Stoke)
साइटिका का घरेलू इलाज: लहसुन
साइटिका तंत्रिका आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होती है, आपके कूल्हों (hips )और नितंबों ( buttocks)के माध्यम से चलकर आपके पैरों तक पहुंचता है। साइटिका तंत्रिका( आपके शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका होती है और बहुत महत्वपूर्ण भी होता है। आपके पैरों को नियंत्रित करने और महसूस करने की आपकी क्षमता पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। जब यह तंत्रिका आपको परेशान करती है। इससे बचने के लिए आप आप जितना ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहेगें आपका शरीर उतना ही रिलीज होगा। साइटिका के उपचार के लिए आप हॉट पैक या हीटिंग पैड भी प्रयोग कर सकते हैं।
होम रेमेडीज:
सूजन को कम करने के लिए पहले कुछ दिनों के दौरान बर्फ का उपयोग करें, और दो या तीन दिनों के बाद, हॉट पैक से सेकाई करें। लहसुन का उपयोग में इसमें आराम के लिए काफी फायदेमंद है। सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन को कुचल कर खाएं।
सनबर्न का घरेलू इलाज: नारियल का तेल
सनबर्न क्या है, सनबर्न एक सामान्य समस्या है। आपको सिर्फ सूर्य की रौशनी से ही सनबर्न नहीं होता, बल्कि यह टेनिंग्स बेड्स या अल्ट्रावायलेट लाइट के स्रोत के संपर्क में आने से भी होता है। ठंड लगना, बुखार और हार्ट बिट आसान्य होना इसके लक्षण हैं। लंबे वक्त तक अल्ट्रावायलेट रौशनी के संपर्क में रहने से सनबर्न होता है। यूवी लाइट के संपर्क में आने के बाद स्किन पिगमेंट में दो बदलाव आते हैं, जिससे त्वचा काली पड़ जाती है। हालांकि, यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) त्वचा को प्रभावित कर सकती है। इन दोनों का प्रवेश करने का अलग-अलग स्तर होता है।
होम रेमेडीज:
सर्न बर्न से प्रभावित हिस्से पर नारियल का तेल का इस्तेमाल काफी प्रभावकारी होता है।
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T
टिनिटस का घरेलू इलाज: तुलसी और शहद
टिनिटस क्या है, कानों में सिसकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।
होम रेमेडीज:
टिनिटस के इलाज के लिए आप घरेलू उपचार के तौर पर तुलसी और शहद का सेवन करें। तुलसी टिनिटस के उपचार के लिए तुलसी एक रामबाण औषधि है। एक चम्मच शहद में आप तुलसी के रस को डालकर पीएं।
टॉनसिल का घरेलू इलाज
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U
A-Z होम रेमेडीज: यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन का घरेलू इलाज: पानी अधिक पिएं
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है , यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) ऐसा इंफेक्शन यानी संक्रमण है जो मनुष्य की मूत्रप्रणाली के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग। इस संक्रमण का मूत्राशय या मूत्रमार्ग में होना सबसे सामान्य है। मूत्र त्याग करते हुए दर्द या जलन होना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना, कमर या पेट के निचले हिस्से में दबाव या ऐंठन इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
यूरिनरी इंफेक्शन होने पर इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। खूब सारा पानी पिएं, हर एक घंटे में पेशाब लगना जरूरी होता है इसलिए आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी तो रोज पीना चाहिए।
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V
वजायनल यीस्ट इंफेक्शन क्या है? जानें इसके लक्षण और उपचार” data-url=”https://helloswasthya.com/swasthya-gyan/health-condition/vaginal-yeast-infection/”>वजायनल यीस्ट इंफेक्शन का घरेलू इलाज: दही
वजायनल यीस्ट इंफेक्शन क्या है, ये महिलाओं में होने वाला एक एंफेक्शन है, जिसे कैंडिडिआसिस भी कहा जाता है। वजायना में बैक्टीरिया और कुछ यीस्ट सेल्स होते हैं। वजायनल इंफेक्शन में बैक्टीरिया और यीस्ट के बीच का संतुलन बिगड़ता है तो यीस्ट सेल्स अत्यधिक बढ़ जाते हैं। जिसके कारण वजायना में सूजन और खुजली होने लगती है।
होम रेमेडीज:
दही वैजाइनल यीस्ट इंफेक्शन से राहत दिलाने में फायदेमंद है। दही त्वचा के पीएच लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। दही का इस्तेमाल यीस्ट संक्रमण कम करने के लिए किया जाता है। 1 से 2 बड़े चम्मच दही लेकर योनि के बाहर से प्रभावित क्षेत्र पर भी लगायें।
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W: (Wilson’s disease)
Wilson disease : विल्सन डिजीज क्या है?” data-url=”https://helloswasthya.com/swasthya-gyan/health-condition/wilson-disease/”>विल्सन डिजीज का घरेलू इलाज: कॉपर
विल्सन डिजीज एक दुर्बल आनुवंशिक बीमारी है। इस बीमारी में शरीर में कॉपर की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जोकि जहरीला साबित हो सकता है। जिसके कारण लिवर, ब्रेन और आंखें डैमेज हो जाती हैं। ये आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । विल्सन डिजीज एक रेयर डिसॉर्डर है। जॉन्डिस, पैरों और पेट में अनियमित फ्लूइड का जमा होना, वजन कम होना, मितली और उल्टी आना , चक्कर आना इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
हमारे शरीर को अन्य तत्वों की तरह ही कॉपर की भी सीमित मात्रा में जरूरत होती है। कॉपर हमारी नर्व्स, हड्डियों, त्वचा और कोलेजन के स्वास्थ्य को बनाए रखने में तथा उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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Z: (Zika Virus)
A-Z हाेम रेमेडीज: जीका वायरस का घरेलू इलाज: लहसुन
जीका वायरस एक वायरल संक्रमण है जो कि मच्छर के काटने की वजह से होता है। यह संक्रमण आम तौर पर ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल क्षेत्रों में ज्यादा होता है। इसमें मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटकर वायरस को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करता है। जीका वायरस एडिज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने पर होता है। इसकी वजह से आंखों की दिक्कत, बहरापन, माइक्रोसेफली, विकास में रूकावट, बुखार और जोड़ों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
लहसुन का उपयोग जीका वॉयरस के बचाव के लिए काफी प्रभावकारी माना जाता है। लहसुन में एंटी-बैक्टेरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा पानी से अधिक पीने की कोशिश करें ताकि जाे भी इंफेक्शन हो शरीर से पेशाब और पसीने के साथ निकल जाए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।