सीधे पैर लिफ्ट
अपनी पीठ के बल लेटें और एक पैर को मोड़ते हुए आगे बढ़ें जबकि दूसरा पैर सीधा हो। अगला, जमीन से कई इंच दूर मुड़े हुए पैर को उठाएं और फिर अपनी जांघ की मांसपेशियों को रिलैक्स करें। यह स्थिति 5 सेकंड से अधिक न हो और फिर पैरों के बीच का जगह कम करें और फिर से दूसरे पैर के साथ यह प्रक्रिया दोहरायें। प्रत्येक पैर के लिए कम से कम 10 पुनरावृत्ति करें।
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जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार: दीवार से पीठ लगाकर खड़े होना
एक दीवार से अपनी पीठ लगाकर सीधे खड़े हों। आपके पैर दीवार और कूल्हे की चौड़ाई से 2 फीट दूर एक दूसरे के समानांतर होने चाहिए। अब दीवार को धीरे से नीचे खिसकाना शुरू करें जब तक कि आप लगभग बैठने की स्थिति में न हों। जब तक आप फिर से सीधे खड़े न हों, धीरे-धीरे उठने से पहले इसको 10 सेकंड से ज्यादा न रखें। इसको 10 बार दोहराएं।
ताई ची
ताई ची मन और शरीर के लिए किया जाने वाला एक चीनी प्राचीन व्यायाम है। यह जहां मन को शांत करता है, वहीं शरीर में लचीलापन लाने में मदद करता है। ताई ची की मदद से अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या से राहत पाई जा सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ताई ची करने वाले ऑस्टियोअर्थराइटिस पेशेंट को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिल सकता है। यह दर्द को कम करता है।
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जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार: वजन नियंत्रित करना
ओवरवेट (Overweight) की समस्या घुटनों के दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखें। अगर आपका वजन बहुत अधिक है, तो उसे कम करने के विकल्पों पर विचार करें।
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जलवायु का प्रभाव
ठंडा जलवायु जोड़ों का दर्द बढ़ा सकता है। साल 2014 में, शोधकर्ताओं ने पाया कि ठंडे मौसम में पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस वाले लोगों की समस्या और अधिक बढ़ जाती है। पहले के मुकाबले सर्दियों के मौसम में उनके जोड़ों का दर्द अधिक बढ़ जाता है। हालांकि, यह अध्ययन दक्षिणी यूरोप के लोगों में किया गया था। जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों ही शामिल थे। शोध में शामिल लगभग सभी प्रतिभागियों को एक जैसी ही समस्या का अनुभव हुआ था।
इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका में किए गए साल 2017, के एक अध्ययन ने भी इस बात की पुष्टि की थी। अध्ययन के मुताबिक, ठंड बढ़ने के कारण मांसपेशियों के कार्य के साथ-साथ शरीर में खून प्रवाहित होने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। ठंडे जलवायु में जाने के कारण खून का प्रवाह धीमा हो सकता है, जिससे घुटनों में दर्द की समस्या भी बढ़ सकती है।