के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
कमर या पीठ में दर्द होना एक आम बात है। अपने जीवन में ज्यादातर लोग इस समस्या से प्रभावित होते हैं। लंबर स्ट्रेन एक्यूट या क्रोनिक भी हो सकता है। लंबर स्ट्रेन एक ऐसी समस्या है जो पीठ या कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियां (Muscles) और टेंडन (Tendon) के डैमेज होने के कारण होती होती है। जिसके कारण कमर में ऐंठन और दर्द महसूस होता है। दरअसल रीढ़ की हड्डी पीठ में कई मांसपेशियां और लिगामेंट्स पर टिकी होती है।
इनमांसपेशियों में अधिक तनाव होने के कारण ऊतकों में छोटे टियर्स आ जाते हैं जिसके कारण मांसपेशियां कमजोर (Weak muscles) हो जाती हैं और रीढ़ की हड्डी अपनी जगह से खिसक जाती है। जिससे पीठ का दर्द (Back pain) या लंबर स्ट्रेन शुरु हो जाता है। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं, जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
लंबर स्ट्रेन एक आम समस्या है। ये महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया में लाखों लोग लंबर स्ट्रेन से पीड़ित हैं। लंबर स्ट्रेन की समस्या 30 से 50 साल की उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : सिर्फ जिम जाने से नहीं बनेगी बात, पेट कम करने के लिए करें ये एक्सरसाइज
लंबर स्ट्रेन शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। लंबर स्ट्रेन (Lumbar strain) से पीड़ित व्यक्ति में प्रायः अन्य बीमारियों के जैसे लक्षण सामने आते हैं। हालांकि हर किसी पर लंबर स्ट्रेन का प्रभाव अलग-अलग होता है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से पैरों में कमजोरी और सुन्नता, आंत और ब्लैडर (Bladder) की समस्या के साथ ही नर्व डैमेज होने के लक्षण दिखायी देते हैं।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर लंबर बैक पेन अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। यदि आपको खड़े रहने या टहलने में परेशानी हो, शरीर का तापमानस 38.3° सेल्सियस से अधिक हो, पेशाब में खून आता हो, पेट में दर्द या गंभीर रुप से पीठ और कमर में दर्द होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
और पढ़ें : हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है ?
आमतौर पर चोट लगने से पीठ के निचले हिस्से या कमर में टेंडन और मांसपेशियां डैमेज हो जाती हैं जिसके कारण लंबर स्ट्रेन की समस्या उत्पन्न होती है। इसके साथ ही पुशिंग और पुलिंग स्पोर्ट्स जैसे वेट लिफ्टिंग, फुटबॉल खेलने से भी लंबर स्ट्रेन हो सकता है।
इसके अलावा टेनिस, बॉस्केटबाल, बेसबाल और गोल्फ खेलते समय पीठ और कमर को अचानक मोड़ने के कारण मांसपेशियां चोटिल हो जाती हैं। अधिक शारीरिक श्रम, गिरने, बार-बार झुकने, भारी सामान उठाने , गलत मुद्रा में उठने बैठने, तनाव, लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने और वजन बढ़ने के कारण भी व्यक्ति लंबर स्ट्रेन से पीड़ित हो सकता है। इसके अलावा लंबर स्ट्रेन के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे स्लिप डिस्क, फ्रैक्चर, पिंच्ड नर्व, अर्थराइटिस (Arthritis), इंफेक्शन (Infection) और ट्यूमर (Tumer)।
और पढ़ें : विटामिन डी के फायदे पाने के लिए खाएं ये 7 चीजें
लंबर स्ट्रेन एक गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन और रोजमर्रा का कार्य प्रभावित हो सकता है। पीठ और कमर में तेज दर्द (Lower back pain) होने पर झुकने एवं उठने बैठने में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ ही लंबर स्ट्रेन स्थायी रुप से कमर और पीठ की मांसपेशियों को डैमेज (Muscles damage) कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : बच्चों की स्ट्रॉन्ग हड्डियों के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
लंबर स्ट्रेन का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
कुछ मरीजों में कमर या पीठ की हड्डियां कमजोर होने पर लंबर स्ट्रेन के निदान के लिए बोन स्कैन और बोन डेंसिटी टेस्ट (Bone density test) किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी) टेस्ट से नर्व और मांसपेशियों के फंक्शन की जांच की जाती है।
लंबर स्ट्रेन को इलाज से ठीक किया जा सकता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में लंबर स्ट्रेन के असर को कम किया जाता है। लंबर स्ट्रेन के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड या गर्म बॉटल की पानी से प्रभावित हिस्से की सेंकाई की जाती है। इसके साथ ही मरीज को फिजिकल थेरेपी भी दी जाती है। इलाज से यह समस्या ठीक न होने पर सर्जरी अंतिम विकल्प होता है।
और पढ़ें : सिरदर्द से छुटकारा पाने के 5 घरेलू उपाय
अगर आपको लंबर स्ट्रेन (Lumbar strain) है, तो आपके डॉक्टर पर्याप्त आराम करने के लिए बताएंगे। इसके साथ ही नियमित एक्सरसाइज और जीवनशैली में बदलाव करने से भी लंबर स्ट्रेन का असर कम होता है। सही मुद्रा में उठना बैठना, वजन नियंत्रित रखना और धूम्रपान (Smoking) एवं एल्कोहल (Alcohol) से परहेज करके भी काफी हद तक लंबर स्ट्रेन (Lumbar strain) से बचा जा सकता है। इस दौरान व्यक्ति को निम्न फूड्स का सेवन करना चाहिए:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।