कान बजने की बीमारी तेज साउंड की वजह से होने वाले बहरेपन का संकेत भी हो सकता है। क्योंकि, कान बजने की बीमारी का सबसे आम कारण तेज साउंड के संपर्क में आना होता है। कान में आवाज आने की समस्या से परेशान 90 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी स्तर का तेज साउंड की वजह से होने वाला बहरापन होता है।
दरअसल, तेज आवाज की वजह से हमारे कान के अंदरुनी हिस्से में एक स्पाइरल शेप का अंग क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिसे कोक्लिया (Cochlea) कहा जाता है। तेज साउंड के संपर्क में सिर्फ एक बार आने से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है। इसीलिए, जब हमारे कान के पास कोई तेज आवाज सुनाई देती है या कान पर किसी भी वजह से कोई चीज लगती है, तो हमें कान में सीटी बजने जैसी आवाज सुनाई देने लगती है।
कान बजने की बीमारी या टिनिटस का इलाज क्या है?
पिछले दशक के दौरान हुए कुछ शोधों में इसका इलाज ढूंढने की कोशिश की गई। लेकिन, अभी तक कोई कारगर दवा नहीं बन पाई है। लेकिन, कुछ घरेलू उपाय और थेरेपी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
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योग से भी दूर कर सकते हैं कान बजने की बीमारी
- अपने मुंह को खोलें और फिर अपने हाथ को ठोढ़ी पर रखें। इसके बाद अपने मुंह को और खोलें। इसी स्थिति में 30 सेकेंड तक रहें।
- अपना मुंह खोलें, फिर दो अंगुलियों से निचले दांतों को जकड़ें। इसके बाद अपने मुंह को खोलने का प्रयास करें। फिर लगभग 30 सेकेंड तक उसी स्तिथि में रुकें। इस योग को 10 बार दोहराएं।
- अपने मुंह को ढीला और थोड़ा खोलें। फिर अपने जबड़े को जितना हो सके दाहिनी तरफ ले जाएं। फिर बाईं मुट्ठी से जबड़े को हल्के से दायीं ओर रहने के लिए दबाव बनाएं। इसी स्थिति में 30 सेकंड तक रहें। फिर इसी क्रिया को दूसरे और क जबड़े पर करें। ऐसा दिन में करीब चार टाइम 10-10 बार करें।
कान बजने की बीमारी पर कई रिसर्च हुई है, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक इसका सटीक इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं। इसलिए अगर आपको टिनिटस की ज्यादा दिक्कत है तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
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