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इसके अलावा अन्य कारण भी हैं :
कान में आवाज आने का मुख्य स्रोत न्यूरल सर्किट (ब्रेन सेल्स का नेटवर्क) होता है, जिसकी वजह से हमें किसी भी तरह की आवाज सुनने का आभास होता है। इसका मतलब यह है कि, जिस समस्या को हम कान से जोड़कर देखते हैं, वो दरअसल दिमाग से जुड़ी होती है। कान में आवाज आने के दिमागी कारण के पीछे वैज्ञानिकों के बीच अभी भी मतभेद बना हुआ है। कुछ लोगों को लगता है टिनिटस क्रोनिक पेन सिंड्रोम की तरह ही होता है, जिसमें किसी घाव या टूटी हड्डी के जुड़ जाने के बाद भी दर्द रहता है। इसके अलावा, अंदरुनी कान के क्षतिग्रस्त होने की वजह से ऑडिटरी सिस्टम को भेजे जा रहे साउंड के सिंग्नल का न्यूरल सर्किट द्वारा संतुलन बिगड़ जाने से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है।
कान बजने की बीमारी और बहरेपन में संबंध
कान बजने की बीमारी खुद में कोई बीमारी नहीं है। बल्कि, यह एक लक्षण है, जिससे पता चलता है कि आपके ऑडिटरी सिस्टम में कुछ खराबी आ गई है। ऑडिटरी सिस्टम में कान, इनर ईयर और दिमाग को जोड़ने वाली ऑडिटरी नर्व और साउंड को प्रोसेस करने वाला दिमाग का हिस्सा शामिल होता है। कान में आवाज आने की समस्या कान में वैक्स जमने जैसे सामान्य से कारण की वजह से हो सकती है। लेकिन, कई बार यह दूसरी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। जैसे-