मल्टीनोड्युलर गोएटर (Multinodular goiter) – ऐसी स्थिति में डॉक्टर गोएटर की सर्जरी की हेल्प से हटा देते हैं। कई केसेज में आयोडीन थेरिपी (iodine therapy) का इस्तेमाल भी किया जाता है।
पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary fibrosis)- पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या में डॉक्टर कुछ दवाओं जैसे कि नंटेडानिब (nintedanib) और पिरफेनिडोन (pirfenidone) का सेवन करने से कंडीशन की प्रोग्रेस को रोका जा सकता है। अगर रोजाना एक्सरसाइज और ब्रीथिंग टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाए, सांस लेने में होने वाली समस्या को रोका जा सकता है।
गर्दन में चोट लगने पर ट्रीटमेंट (Neck injury) – गर्दन में इंज्युरी के कारण यदि ट्रेकियल डेविएशन की समस्या पैदा हुई है, तो डॉक्टर ब्लीडिंग को रोकने की कोशिश करते हैं। सर्जिकल प्रोसेस के माध्यम से खून के बहार को रोका जाता है और दबाव को कम किया जाता है।
प्लीयूरल फाइफ्रोसिस (Pleural fibrosis) – प्लीयूरल के कुछ हिस्सो को हटाने के लिए डॉक्टर सर्जरी करते हैं।
आपको किन कारणों से ट्रेकियल डेविएशन (Tracheal deviation) की समस्या हुई है, उसकी जांच के बाद ही ट्रीटमेंट किया जाता है। अगर आपने फ्लूड ड्रेनेज प्रोसीजर ट्रीटमेंट लिया है, तो आपको अधिक दिनों तक अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि ये जल्दी रिकवर हो जाता है और आप एक से दो दिनों में घर जा सकते हैं। वहीं सर्जरी के बाद रिकवर होने में ज्यादा समय लग सकता है। ऐसे में दो से दस दिन भी लग सकते हैं। डॉक्टर कुछ मामलों में मेडिकेशन की सलाह भी देते हैं। दवाओं का इस्तेमाल बीमारी के लक्षणों को कम करता है लेकिन ये बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं कर पाता है। कुछ लोगों को समस्या से निजात पाने में साल भर से ज्यादा का समय भी लग सकता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं।
आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सांस की नली में विचलन की समस्या के संबंध में अधिक जानकारी मिली होगी। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या महसूस हो, तो लापरवाही किए बिना डॉक्टर को दिखाएं। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।