परिभाषा
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
परिभाषा
एमेनोरिया महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी एक समस्या है, जिसे बीमारी तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह किसी बीमारी के कारण हो सकता है, इसलिए कारणों का पता लगाकर निदान करना जरूरी है। यदि बिना प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के किसी महिला को लगातार 3 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो यह एमेनोरिया के कारण हो सकता है। एमेनोरिया का इन्फर्टिलिटी से भी कोई लेना-देना नहीं है और यह न ही कोई बीमारी है, बल्कि किसी बीमारी का कारण हो सकता है।
एमेनोरिया दो प्रकार का होता है, प्राइमरी और सेकंडरी एमेनोरिया।
प्राइमरी एमेनोरिया- इसका मतलब है कि प्यूबर्टी के दौरान यानी 15-16 साल की उम्र तक पीरियड शुरू नहीं हुआ है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, यदि 16 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू नहीं होने पर डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। हालांकि प्राइमरी एमेनोरिया दुर्लभ होता है।
सेकंडरी एमेनोरिया- यह तब होता है जब नॉर्मल पीरियड साइकिल शुरू होने के बाद बीच में लगातार 3 महीने तक मासिक धर्म न आए। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान यह सामान्य है, लेकिन यह इस बात का भी संकेत देती है कि कुछ स्वास्थ्य समस्या है।
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कारण
कई मामलों में डॉक्टर प्राइमरी एमेनोरिया के कारणों का पता नहीं लगा पाते हैं। हालांकि इसे संभावित कारणों में शामिल है-
प्यूबर्टी थायरॉयड ग्लैंड के साथ समस्या के कारण सेकंडरी एमेनोरिया होता है। यह ग्लैंड पीरियड्स के लिए ज़रूरी हार्मोन का निर्माण करते है।
इसके अलावा बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना, बंद करना या इसमें बदलाव का भी पीरियड्स साइकल पर असर होता है।
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लक्षण
इसका मुख्य लक्षण है मासिक धर्म न आना। एमेनोरिया के कारणों के आधार पर आपको अन्य लक्षण महसूस हो सकते है जैसेः
यदि लगातार 3 महीने तक आपके पीरियड मिस होते हैं, या आपको 15 साल की उम्र तक पीरियड्स न आया हो, तो डॉक्टर से परामर्श की जरूरत है।
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निदान
एमेनोरिया के टेस्ट से पहले डॉक्टर आपसे कई तरह के सवाल पूछेगा जैसे-
एमेनोरिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी बीमारी का लक्षण है। इसलिए डॉक्टर पीरियड्स न आने की वजहों को तलाशने की कोशिश करता है। इसके लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करता हैः
लैब टेस्ट- इसमें कई तरह के ब्लड टेस्ट किए जाते हैं जिसमें शामिल है-
प्रेग्नेंसी टेस्ट, थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, ओवरी फंक्शन टेस्ट, प्रोलैक्टिन टेस्ट, मेल हार्मोन टेस्ट आदि। पीरियड्स मिस होने पर सबसे पहले डॉक्टर प्रेग्नेंसी टेस्ट ही करता है। यह निगेटिव होने पर अन्य टेस्ट किए जाते हैं।
हार्मोन चैलेंज टेस्ट- इस टेस्ट के लिए आपको 7 से 10 दिनों तक हार्मोन्स की गोलियां दी जाती है जिससे पीरियड्स आ जाए। इस टेस्ट से पता चलता है कि पीरियड्स न आने के कारण कहीं एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी तो नहीं है।
इमेजिंग टेस्ट- ब्लड टेस्ट और हार्मोन टेस्ट के बाद एमेनोरिया के लक्षणों के आधार पर इमेजिंग टेस्ट की सलाह दे सकता है, जिसमें शामिल है, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, MRI, स्कूप टेस्ट आदि।
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उपचार
एमेनोरिया का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। प्राइमरी एमेनोरिया के व्यक्ति की उम्र और ओवरी फंक्शन टेस्ट के नतीजों के आधार पर वॉचफुल वेटिंग की जाती है। यदि परिवार की अन्य महिलाओं को भी लेट पीरियड शुरू हुए हैं तो आपको भी लेट पीरियड आएंगे। यदि कोई जेनेटिक या शारीरिक समस्या है जिसमें प्रजनन अंग की समस्या शामलि है तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि सामान्य पीरियड्स कैसे होंगे।
इसका उपचार इसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है-
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डिस्क्लेमर
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