के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
प्लेग एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) है, जो कि जानलेवा भी हो सकता है। आपको बता दें कि कभी-कभी इसे “ब्लैक प्लेग’ के रूप में जाना जाता है, जोकि यर्सिनिया पेस्टिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह जीवाणु दुनिया भर के जानवरों में पाया जाता है और आमतौर पर पिस्सू के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। प्लेग का खतरा उन क्षेत्रों में सबसे अधिक है, जहां गंदगी, अधिक भीड़ और चूहे (Rodents) ज्यादा संख्या में पाए जाते हैं। यह एक संक्रामक बीमारी है इसलिए अगर आपको अपने आस पास या मोहल्ले में कोई भी इससे पीड़ित नजर आये तो ऐसे में आप और सतर्क रहें और जरूरी उपाय अपनाकर खुद का बचाव करें।
आपको बता दें कि प्लेग (Plague) बहुत तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है जिसमें अगर ठीक से इलाज नहीं किया गया तो आपकी मौत भी हो सकती है। अगर आपको पता चल जाये कि आपको प्लेग है तो ऐसी स्थिति में आप तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें या अपने नजदीकी इमरजेंसी वार्ड पर जाएं।
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1. बबोनिक प्लेग (Bubonic plague): यह आमतौर पर होने वाला सामान्य प्लेग है जो किसी रोडेंट या पिस्सू के काटने की वजह से होता है। बबोनिक प्लेग लिम्फेटिक सिस्टम को संक्रमित करता है जिसकी वजह से लिम्फ नोड में इंफ्लामेशन हो जाता है।
2. सेप्टीसेमिक प्लेग (Septicemic plague): इसमें बैक्टीरिया आपके ब्लडस्ट्रीम (Bloodstream) में जाकर विकसित होते हैं। ये वाला प्लेग भी काफी गंभीर होता है।
3. निमोनिक प्लेग (Pneumonic plague): इसमें बैक्टीरिया आपके फेफड़े को संक्रमित करते हैं। यह प्लेग के सबसे खतरनाक रूप होता है। अगर किसी को निमोनिक प्लेग कफ है तो उसके फेफड़े में बैक्टीरिया बाहर हवा में आ जाते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति उस हवा को सांस के द्वारा लेता है तो उसे भी यह बीमारी हो जाती है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि मध्यकाल के दौरान यूरोप में लाखों लोगों की मौत के लिए प्लेग जिम्मेदार था। आज के समय में केवल अफ्रीका में सबसे अधिक घटनाओं के साथ, हर साल दुनिया भर में केवल 1,000 से 2,000 मामले दर्ज किए जाते हैं।
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जो लोग प्लेग से संक्रमित होते हैं उनमें आमतौर पर इंफेक्शन (Infection) के दो से छह दिन बाद फ्लू (Flu) जैसे लक्षण विकसित होते हैं। आपको बता दें कि प्लेग तीन प्रकार के होते हैं जिनके लक्षण हम आपको आगे बताने जा रहें हैं।
प्लेग के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं
सेप्टीसेमिक प्लेग के लक्षण (Symptoms of Septicemic Plague)
निमोनिक प्लेग के लक्षण (Symptoms of Pneumonic Plague)
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर प्लेग अलग प्रभाव डाल सकता है। आस पास प्लेग (Plague) के मरीज दिखने पर या आप के एरिया में इस संक्रामक (Infection) बीमारी के फैलने की खबर आने पर और ज्यादा सावधानी बरतें. अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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आमतौर पर प्लेग उन पिस्सू के काटने से फैलता है जो चूहे, खरगोश, गिलहरी आदि को पहले से खा चुके होते हैं। इसके अलावा यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आने या किसी संक्रमित जानवर को खाने से भी फैल सकता है। किसी पालतू बिल्ली के खरोंचने या काटने से भी प्लेग जैसी गंभीर बीमारी होती है। ऐसा कभी कभी होता है जब प्लेग एक इंसान से दूसरे इंसान को फैलता है।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
अगर आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपके पास प्लेग जैसी बीमारी हो सकती है, तो वे आपके शरीर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की जांच करेंगे। इसके लिए डॉक्टर निम्नलिखित चीजें करेगा;
इसके बाद इन सैम्पल को लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जाएगा। आपको बता दें कि प्रारम्भिक रिजल्ट दो घण्टे में ही आ जायेगा लेकिन कन्फर्म रिजल्ट आने में 24 से 48 घण्टे का समय लग सकता है।
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आपको बता दें कि प्लेग एक खतरनाक बीमारी है जिसमें तुरन्त केयर की जरूरत होती है। इलाज ना होने की स्थिति में बूबोनिक प्लेग ब्लड में मल्टीप्लाई (Multiply) होकर सेप्टीसेमिक प्लेग और फिर फेफड़े में मल्टीप्लाई (Multiply) होकर निमोनिक प्लेग में बदल जाता है। इसके बाद पहले लक्षण के दिखाई देने के 24 घण्टे के भीतर इंसान की मौत हो जाती है।
इसके लिए स्ट्रांग और प्रभावशाली ऐंटीबायोटिक (Antibiotic) जैसे जेंटामाइसिन (Gentamines) या सिप्रोफ़्लॉक्सासिन आदि दिए जाते हैं। जिन लोगों को निमोनिक प्लेग (Pneumonic Plague) होता है उन्हें दूसरे मरीजों से अलग रखा जाता है।
मेडिकल कर्मी या हेल्थकेयर प्रोफेशनल को स्ट्रिक्ट (Strict) सावधानी बरतनी चाहिए ताकि प्लेग को होने या फैलने से रोका जा सके।
बुखार खत्म होने के बाद भी कई हफ्तों तक इसका इलाज चलता है।
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प्लेग जैसी खतरनाक बीमारी को रोकने के लिए आप आसपास की जगहों पर रोडेंट्स को बढ़ने से रोकें। अपने पालतू जानवरों को पिस्सू के काटने से बचाएं ताकि उन्हें प्लेग (Plague) से बचाया जा सके। इसके अलावा आप नैचुरल कीटनाशक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे पिस्सू का विकास कम हो सके।
अपने आस पास की जगहों को साफ़ सुथरा रखें जिससे चूहों का आना जाना कम हो साथ ही नियमित कीटनाशक का उपयोग करें। इस बीमारी से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
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