जो महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव नहीं रहती हैं उनकी अपेक्षा में सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन का खतरा अधिर बढ़ जाता है। न्यू सेक्शुअल पार्टनर यूरिन इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन जैसे गोनोरिया और क्लामाइडिया होने पर भी यूटीआई के लक्षण सामने आते हैं। जिसमें पेशाब करने में दर्द, बार-बार पेशाब आना और ब्लैडर में दर्द होता है। ऐसे में अगर आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच की जाती है। जिसका रिजल्ट निगेटिव आता है तो आरएनए टेस्ट कराया जाता है। जिसके रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया जाता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट एब्नॉर्मलिटीज (Urinary tract abnormalities )
जिन बच्चों के जन्म के समय ही यूरिनरी ट्रैक्ट एब्नॉर्मलिटीज पाई जाती हैं, उन्हें आगे चलकर यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। पेशाब के सही से बाहर न निकल पाने के कारण वो वापस युरेथ्रा में चली जाती है और यूरिन इंफेक्शन के चांसेज बढ़ जाते हैं।
यूरीनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज के कारण
किडनी स्टोन या फिर इंलार्ज प्रोस्टेट के कारण यूरिन पास होने में समस्या हो सकती है और ब्लैडर में पेशाब अधिक समय तक भरी रहती है। इस कारण से भी यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
सप्रेस्ड इम्यून सिस्टम के कारण
डायबिटीज और अन्य बीमारियों के कारण इम्यून सिस्टम बिगड़ जाता है और शरीर बैक्टीरिया से सही से नहीं लड़ पाता है। इस कारण से भी यूरिन इंफेक्शन की समस्या बढ़ सकती है।
कैथेटर का यूज
किसी कारणवश जिन लोगों को कैथेटर का यूज करना पड़ता है, उनमे यूरिन इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। जब लोग पेशाब करने में असमर्थ होते हैं तो हॉस्पिटल में कैथेटर यानी एक ट्यूब का यूज किया जाता है, जिसके माध्यम से पेशाब बाहर निकाली जाती है। न्यूरोलॉजिकल की समस्या से जूझ रहे लोग या फिर हॉस्पिटल में भर्ती लोगों के लिए कैथेटर का यूज किया जाता है।
यूरीनरी प्रोसीजर के कारण
अगर किसी व्यक्ति की यूरीनरी प्रोसीजर यानी सर्जरी हुई है और मेडिकल इंस्ट्रुमेंट का यूज किया गया है तो ऐसे लोगों में भी यूरीन इंफेक्शन होने का अधिक खतरा रहता है।
पेशाब में संक्रमण के कारण क्या होते हैं कॉम्प्लीकेशन
अगर यूरिन इंफेक्शन का सही समय पर इलाज करा लिया जाए तो कॉम्प्लीकेशन की संभावना नहीं रहती है। लेकिन यूरिन इंफेक्शन के लक्षण दिखने के बावजूद भी अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो कॉम्प्लीकेशन बढ़ने की पूरी संभावना रहती है।
- जो महिलाएं सही समय पर इलाज नहीं करवाती हैं, उन्हें यूरिन इंफेक्शन कई बार होने की संभावना रहती है।
- अगर सही समय पर यूरिन इंफेक्शन का इलाज नहीं कराया गया तो किडनी डैमेज का खतरा हो सकता है।
- जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं और यूरिन इंफेक्शन से ग्रस्त हैं, उनमे प्रीमेच्योर बेबी डिलिवर करने का अधिर खतरा रहता है। साथ ही बच्चे का वजन कम होने का खतरा भी रहता है।
- सही समय पर इलाज न कराने पर सेप्सिस का खतरा भी रहता है।
पेशाब में संक्रमण का डायग्नोस कैसे किया जाता है ?