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किडनी इन्फेक्शन के कारण
यूरेथ्रा में बैक्टीरिया के प्रवेश करने और ब्लैडर में इसके पुनः पनपने से किडनी का संक्रमण हो जाता है। इसके बाद यह इन्फेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है। हालांकि, बैक्टीरिया कई तरीकों से किडनी तक पहुंच सकता है।
किडनी इन्फेक्शन के कारण निम्नलिखित हैं:
- टॉयलेट हाइजीन: टॉयलेट जाने और टॉयलेट पेपर से एनस (Anus) को साफ करने के बाद भी गुप्तांग इन्फेक्शन के संपर्क में आ सकते हैं। ऐसा होने की स्थिति में यह आपकी किडनी तक पहुंच सकते हैं। संक्रमित टॉयलेट इस्तेमाल करने पर किडनी इन्फेक्शन हो सकता है। यह एनस के जरिए बॉडी में प्रवेश कर सकता है। बैक्टीरिया के कोलोन (Colon) पर कब्जा करने पर अक्सर यह किडनी इन्फेक्शन का कारण बनता है।
- महिला होना: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ब्लैडर इन्फेक्शन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। यह किडनी के संक्रमण में बदल जाता है। चूंकि, महिलाओं का यूरेथ्रा (Urethra) छोटा होता है, जिससे संक्रमण यूरिनरी ट्रैक के हिस्से में आसानी से पहुंच जाता है।
- यूरिनरी केथेटर (Urinary catheter): यूरिनरी केथेटर एक ट्यूब होती है, जो यूरिन को बाहर निकालने के लिए यूरेथ्रा के जरिए ब्लैडर में डाली जाती है। ऐसे में यूरिनरी केथेटर से यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इससे इन्फेक्शन होता है।
- किडनी स्टोन: किडनी स्टोन से पीढ़ित व्यक्तियों में किडनी का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है। किडनी की आंतरिक लाइनिंग पर घुले हुए मिनरल्स जम जाते हैं, जो किडनी स्टोन का रूप लेते हैं।
- प्रोस्टेट बड़े होना: जिन पुरुषों के प्रोस्टेट बढ़े हुए होते हैं, उन्हें किडनी इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है।
- कमजोर इम्यून सिस्टम: कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे उनकी त्वचा पर फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाता है। अक्सर यह इन्फेक्शन ब्लडस्ट्रीम में पहुंच जाता है और किडनी पर हमला करता है।
- सेक्शुअली एक्टिव महिलाएं: यदि सेक्सुअल इंटरकोर्स करते वक्त यूरेथ्रा में जलन होती है तो यूरिनरी ट्रैक में बैक्टीरिया के फैलने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। यह बैक्टीरिया किडनी तक पहुंच जाता है और इन्फेक्शन का कारण बनता है।
किडनी इन्फेक्शन की रोकथाम के उपाय
- इस समस्या को रोकने में पानी काफी अहम माना जाता है। यूरिन पास करते वक्त फ्लूड आपकी बॉडी से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
- यूरिन न रोकें: यूरिन पास करने का अहसास होते ही आपको तुरंत यूरिन पास करना है। यूरिन पास करने में किसी भी प्रकार की देरी न करें।
- इंटरोकस करने के बाद ब्लैडर को खाली करें। सेक्स करने के बाद तुरंत यूरिन पास करने के लिए जाएं। इससे यूरेथ्रा से बैक्टीरिया साफ हो जाते हैं और इन्फेक्शन का खतरा कम हो जाता है।
- सफाई का ध्यान: यूरिन पास करने के बाद आगे से पीछे की तरफ उचित तरीके से वाइप करें। इससे यूरेथ्रा तक बैक्टीरिया के पहुंचने को रोका जा सकता है।
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डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि आपके यूरिन में ब्लड आता है या किडनी इन्फेक्शन का शक है तो आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यूटीआई इन्फेक्शन होने पर और इसके लक्षणों में सुधार न आने पर आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
किडनी इन्फेक्शन का इलाज
- इस समस्या का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि इन्फेक्शन हल्का है तो इलाज के पहले चरण में डॉक्टर आपको ओरल एंटीबायोटिक दवाइयां दे सकता है। यूरिन टेस्ट के बाद बैक्टीरियल इन्फेक्शन की विशेष जानकारी मिलने पर इन दवाइयों में बदलाव किया जा सकता है।
- आमतौर पर दो या इससे अधिक हफ्तों तक आपको एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करना पड़ सकता है। इलाज पूरा होने पर आपका डॉक्टर यूरिन कल्चर टेस्ट करा सकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि इन्फेक्शन पूरी तरह ठीक हो गया है और दोबारा न फैले। यदि जरूरत पड़ी तो आपको एंटीबायोटिक दवाइयों का एक अन्य कोर्स और करना पड़ सकता है।
- गंभीर स्थिति में आपको अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। इस दौरान आपको इंट्रावेनस (intravenous) एंटीबायोटिक दवा और इंट्रावेनियस फ्लूड्स दिए जा सकते हैं।
- कई मामलों में ब्लॉकेज या यूरिनरी ट्रैक में समस्या वाले आकार को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है। इससे नए किडनी इन्फेक्शन को रोका जा सकता है।
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अंत में हम यही कहेंगे कि किडनी के संक्रमण में उपरोक्त बातों का ध्यान रखना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर अपने डॉक्टर से सहायता मांगें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।