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क्या सीरम इंसुलिन टेस्ट (Serum insulin test) में कोई जोखिम है?
सीरम इंसुलिन टेस्ट (Serum insulin test) पूरी तरह से सुरक्षित होता है लेकिन कुछ लोगों को इंसुलिन टेस्ट के बाद कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वेन के जिन स्थान में सुई इंजेक्ट की गई थी, वहां हल्का नीला निशान पड़ सकता है या फिर ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। जिन लोगों को इंजेक्शन या फिर खून देखकर चक्कर आते हैं, उनमें बेहोशी का खतरा भी बढ़ जाता है। सुई लगने पर मामूली दर्द का एहसास होता है, जो तुरंत ठीक भी हो जाता है।
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कब होती है सीरम इंसुलिन टेस्ट (Serum insulin test) की जरूरत?
- अगर आपकी लाइफस्टाइल (Lifestyle) ठीक न हो और आपको कई बीमारियों ने घेरा हो।
- शरीर में एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल (Good cholesterol) की मात्रा कम है और ट्रायग्लीसराइड का लेवल (Triglyceride level) हाय है, तो ऐसे में टेस्ट की जरूरत हो सकती है।
- अगर आपके परिवार में किसी को मधुमेह की बीमारी है, तो ऐसे में आपको भी डॉक्टर से परामर्श करने के बाद टेस्ट कराना चाहिए।
- हाय ब्लड प्रेशर ( High blood pressure) इंसुलिन रसिस्टेंस का लक्षण है, ऐसे में इंसुलिन टेस्ट कराना जरूरी हो जाता है।
- अगर पैदा हुए बच्चे का वजन चार किलो तक है, तो भी आपको टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है।
- अगर आपको स्ट्रोक की समस्या है, तो आपको जांच कराने की जरूर है। आप चाहे तो इसके संबंध में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।