डायबिटीज की बीमारी के दौरान शरीर में कम इंसुलिन बनना शुरू हो जाती है यानी हमारा शरीर जरूरत के मुताबिक इंसुलिन प्रोड्यूज नहीं कर पाता है। इंसुलिन का काम शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रण में रखना है। जब इंसुलिन की सही मात्रा का उत्पादन नहीं हो पाता है, तो खून में ग्लूकोज का लेवल अधिक हो जाता है। टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज मधुमेह के दो प्रमुख प्रकार हैं। अगर किसी व्यक्ति को टाइप 1 डायबिटीज हुआ है, तो पैंक्रियाज इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में कुछ इंसुलिन तो बनता है लेकिन ये पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है। इस कारण से शरीर पूर्ण रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। डायबिटीज के कारण पैदा हुए लक्षण पेशेंट की नींद में खलल डाल सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कैसे डायबिटीज के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है। जानिए डायबिटीज और नींद (Sleep and diabetes) या मधुमेह में नींद का क्या संबंध है।