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ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी , जानिए यहां कि दोनों में क्या संबंध है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/06/2022

    ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी , जानिए यहां कि दोनों में क्या संबंध है?

    शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर शरीर में होने वाले संक्रमणों के ठीक होने के समय और इलाज के तरीकों को निर्धारित किया जाता है। ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) की समस्या हो जाती है और संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी कैसे कम हो जाती है। 

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    जोनाथन कीपनिस ( Jonathan Kipnis), न्यूरोसाइंस प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया कहते हैं कि:

    “मस्तिष्क शरीर का अभिन्न अंग है इस कारण जिस प्रकार इम्यून सिस्टम शरीर के बाकी हिस्सों पर प्रभाव डालता है उसी प्रकार इम्यून सिस्टम में किसी भी खराबी का मस्तिष्क से गहरा संबंध है। ऑटिज्म में मस्तिष्क प्रभावित होता है जिसकी वजह से सारे लक्षण दिखते हैं। इम्यून सिस्टम ( रोग प्रतिरोधक क्षमता) में खराबी आने पर शरीर के सभी हिस्सों के साथ मस्तिष्क भी प्रभावित होता है। 

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    साइंस की प्रख्यात जर्नल नेचर (Nature) में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार चूहों पर किए गए एक प्रयोग से पाया गया है कि जो मॉलीक्यूल्स शरीर को संक्रमण से बचाते हैं उनका संबंध सामाजिक गतिविधि से भी है। इन मॉलिक्यूल्स के न होने पर चूहे न सिर्फ संक्रमित होते हैं साथ ही उनकी बुद्धि और बाहरी दुनिया को समझने की क्षमता में भी कमी आ जाती है।

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    डॉक्टर प्रदीप महाजन, रीजेनरेटिव मेडिसिन रिसर्चर ने हैलो स्वास्थ्य से बातचीत के दौरान कहा कि,

    “सेल बेस्ड थेरेपी की मदद से न्यूरोलॉजिकल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और इम्यूनोलॉजिकल गड़बड़ी का इलाज किया जा सकता है। शरीर में पाई जाने वाली मेसेंकाइमल स्टेम सेल्स (Mesenchymal stem cells) ऑटिस्टिक लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करती हैं। इम्यून सिस्टम की खराबी खास तौर पर इंटेस्टाइन और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम में विकार उत्पन्न करती हैं।

    मेसेंकाइमल स्टेम सेल्स साइटोकाइन निकालती हैं जो कि शरीर में होने वाले संक्रमणों से लड़ने में सहायक है। इसके अलावा ये सेल्स न्यूरोलॉजिकल विकार को भी ठीक करने में कारगर हैं। मेसेंकाइमल स्टेम सेल्स की वृद्धि से शरीर में सकारात्मक बदलाव आते हैं।”

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    ऑटिज्म के कारण कमजाेर इम्यूनिटी (Autism and immunity)

    • सारे बाहरी जीव ( जैसे कि बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट या फिर फंगस) जिन से संक्रमण का खतरा होता है उन्हें पहचानना। 
    • एक बार संक्रमण हो जाने पर दूसरी बार इसे होने से रोकना। 
    • स्वयं अपने शरीर को हानि न पहुंचाना यानि ऑटोइम्म्यूनिटी का सही ढंग से काम करना। 

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    ऑटिज्म से प्रभावित होने पर इम्यून सिस्टम में क्या बदलाव आते हैं ? 

    किसी भी जीव के आक्रमण करने पर सही ढंग से प्रतिक्रिया न देना। 

    ऑटिज्म और ह्यपरसेंसिटिवटी होना

    आटिज्म होने पर कई बार ऐसा हो सकता है कि आपका इम्यून सिस्टम किसी संक्रमण पर जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाए। उस स्थिति में घातक प्रभाव होने की संभावना रहती है। 

  • ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism)

  • कई मामलों में इम्यून सिस्टम अपनी दूसरे की कोशिकाओं में अंतर नहीं कर पाता। ऐसी परिस्थिति में स्वयं के शरीर को ही हानि पहुंचाएगा। इससे कई प्रकार की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। 

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    ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी : इम्यूनोग्लोबिन के स्तर में बदलाव 

    इम्यूनोग्लोब्यूलिन (IgG , IgA IgM)की मात्रा में कमी आना साथ ही साइटोकाइन (Cytokine) और नेचुरल किलर सेल्स (NK Cells) की कार्य क्षमता में खराबी आना।

    • IgA – प्रभावित मरीज में इस इम्म्यूनोग्लोब्यूलिन के कम होने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) और रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory system) में संक्रमण की संभावना होती है।
    • IgM – ये एंटीबाडी खून में पाई जाती है और किसी भी संक्रमण के होने पर सबसे पहले प्रतिक्रिया की शुरुआत करती है। ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) से प्रभावित व्यक्ति में इसकी मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है।
    • IgG – इस एंटीबाडी का काम है खून में लम्बे समय तक संक्रमण से लड़ना। ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) होने पर इस  एंटीबाडी में कमी आ सकती है।
    • IgE – इस एंटीबाडी का काम है एलर्जी से बचाना लेकिन ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) के चलते इसमें भी कमी आ सकती है।

    अगर आपका बच्चा या फिर कोई संबंधी ऑटिस्टिक है और उसे बार -बार एक जैसे ही संक्रमण हो रहे हैं उस स्थिति में इम्यून सिस्टम की जांच करवाना जरूरी है। साथ ही अगर बच्चे को एक्जिमा (Eczema) , क्रोनिक नेसल लक्षण (Chronic Nasal Symptoms) या फिर अस्थमा की शिकायत है तो भी IgE मात्रा की जांच करवाना आवश्यक है।

    ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) वाले बच्चों की सही देखभाल न करने पर इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है। इसलिए किसी भी तरह के संक्रमण के दिखने पर या फिर एक ही तरह की बीमारी के बार-बार होने पर ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) की जांच जरूर करवा लें। डॉक्टर की सलाह सही ढंग से मानें और दवाइयों को समय पर लें।

    ऑटिज्म की समस्या क्या है? (Autism)

    ऑटिज्म की समस्या एक प्रकार का मनोविज्ञानिक विकार है जिसके कारण जीवन के अलग-अलग हिस्सों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह समस्या जन्म से ही बच्चे को होती है और जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे-वैसे इसके लक्षण उभर कर सामने आना शुरू हो जाते हैं।

    ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को बातचीत करने में परेशानी होती है। उन्हें यह समझने में परेशानी होती है कि दूसरे लोग क्या सोचते और महसूस करते हैं। इससे उनके लिए खुद को शब्दों के जरिये, चेहरे के भाव और स्पर्श के माध्यम से व्यक्त करने मे बहुत कठिनाई हो जाती है।

    उम्मीद करते हैं कि आपको ऑटिज्म के कारण कमजोर इम्यूनिटी (Weakened immunity due to autism) क्यों हो जाती है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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