अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज तेलों के द्वारा
अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज निम्न तेलों की मालिश से किया जाता है :
मुरिवेन्ना तेल
मुरिवेन्ना तेल एक आयुर्वेदिक औषधीय तेल है। जो हड्डियों के जोड़ो में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है। इससे अर्थराइटिस से प्रभावित स्थान पर मालिश करने से राहत मिलती है।
महानारायण तेल
महानारायण तेल कई तरह की जड़ी-बूटियों से मिल कर बनी होती है। जो दर्द निवारक तेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में डॉक्टर पंचकर्म में भी महानारायण तेल का इस्तेमाल करते हैं।
कोट्टमचुकादि तेल
कोट्टमचुकादि तेल एक आयुर्वेदिक मालिश तेल है। ये वात दोषोंं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे दिन में दो बार एक महीने तक मालिश करने से राहत मिलती है।
धन्वंतरम तेल
धन्वंतरम तेल रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए बेहतरीन मालिश करने वाली औषधि है। इससे प्रभावित स्थान पर लगा कर गर्म सिंकाई करने से राहत मिलता है। ऐसा दिन में दो बार एक महीने तक करने से आराम मिलता है।
अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज जड़ी-बूटियों के द्वारा
अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज निम्न जड़ी-बूटियों की मदद से किया जाता है :
सोंठ
सूखी हुई अदरक को सोंठ कहते है। सोंठ में एंटी-इन्फ्लमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा 2 ग्राम सोंठ को 50 मिलीलीटर गर्म पानी में डाल कर दिन में दो बार पीने से अर्थराइटिस में आराम मिलता है।
अमलतास
अमलतास की पत्तियां खाने से अर्थराइटिस में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए आप 12 से 24 ग्राम तक अमलतास की पत्तियों को घी या सरसों के तेल के साथ मिला कर या पका कर खाने से राहत मिलती है।
हरड़ और गुडुची
हरड़ या हर्रे का सेवन गुडुची के साथ करने से अर्थराइटिस से राहत मिलती है। इसके लिए सोंठ और गुडुची की जड़ को पीस कर 6 ग्राम हरड़ पाउडर के साथ मिला कर सेवन करने से अर्थराइटिस में राहत मिलती है।
गुड़
6 से 12 ग्राम तक गुड़ को 6 से 12 ग्राम घी के साथ मिला कर खाने से वातरक्त अर्थराइटिस में राहत मिलती है।
और पढ़ें: जानिए सोरायटिक अर्थराइटिस और उसके लक्षण
अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज औषधियों के द्वारा
अर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज निम्न औषधियों के द्वारा किया जाता है :
पुनर्नवादि गुग्गुल
बाजार में अर्थराइटिस के लिए ये औषधि पुनर्नवादि गुग्गुल के ही नाम से मिलती है। इसमें मुख्य सामग्री गुग्गुल है, जिसके साथ त्रिकुट, त्रिफला, पुनर्नवा आदि जड़ी-बूटियां मिली होती हैं। ये टैबलेट के रूप में बाजार में उपलब्ध है, इसका सेवन दिन में दो बार करने से अर्थराइटिस में आराम मिलता है।
योगराज गुग्गुल
योगराज गुग्गुल एक ऐसी औषधि है, जिसे कफ, वात और पित्त सभी दोषों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर के परामर्श पर आप योगराज गुग्गुल की दो गोलियां दिन में दो या तीन बार ले सकते हैं।
ओस्टिकोट टैबलेट
ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए ओस्टियोकोट टैबलेट का सेवन किया जाता है। ये टैबलेट अर्थराइटिस के कारण होने वाले सूजन और इंफेक्शन से राहत दिलाती है। इससे दर्द में भी आराम मिलता है। डॉक्टर के परामर्श पर ही इसका सेवन करें।
आमवातरि रस
आमवातरि रस रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए एक बेहतरीन दवा है। इसमें दशमूला, पुनर्नवा, त्रिफला, गुग्गुल, अमृतु आदि जड़ी-बूटियां मिली होती है। इसके सेवन से दर्द और सूजन से राहत मिलती है। लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाली औषधियों में कुछ मेटैलिक गुण भी होते हैं, जिससे ये सेहत पर बुरा असर भी डाल सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इस औषधि का सेवन ना करें।
रसनादि कषायम
रसनादि कषायम अर्थराइटिस के लिए एक अच्छी लिक्विड औषधि है। इसे 12 से 24 मिलीलीटर पानी में उतनी ही मात्रा में मिला कर दिन में दो बार पीने से आराम मिलता है।
साइड इफेक्ट