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रहना है चुस्त-दुरुस्त, तो इस तरह से करें अपने जॉइंट्स और टेंडन्स की देखभाल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/03/2021

    रहना है चुस्त-दुरुस्त, तो इस तरह से करें अपने जॉइंट्स और टेंडन्स की देखभाल

    यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर में 206 हड्डियां होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर में 200 से अधिक जोड़ यानी जॉइंट्स भी हैं, जो हड्डियों को जोड़ते हैं? अगर हमारे जॉइंट और टेंडॉन्स सही होंगे तो हम अच्छे से चल-फिर, कूद, डांस आदि कर पाएं। टेंडन और जोड़ों का सही से काम करना बेहद आवश्यक है। लेकिन, कुछ बीमारियों और चोट आदि लगने से मनुष्य के जॉइंट्स पर प्रभाव पड़ सकता है। जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) में सबसे सामान्य है, आर्थराइटिस। लेकिन, इसके अलावा कुछ अन्य रोग भी हैं जो हमें प्रभावित करते हैं। पाएं, टेंडन्स और जोड़ों की डिजीज (Other joint & tendon diseases) से जुड़ी हर जानकारी।

    जॉइंट्स और टेंडन्स क्या हैं? (What are Joint & Tendon)

    टेंडन्स और जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) से पहले जानते हैं कि जॉइंट्स और टेंडन्स  क्या हैं? जोड़ यानी जॉइंट्स वो क्षेत्र है, जहां दो या अधिक हड्डियां मिलती हैं। अधिकतर जॉइंट मोबाइल होते हैं और हड्डियों को मूव करने देते हैं। जबकि टेंडन्स कठोर कनेक्टिव टिश्यू का दूसरा प्रकार है, जो जॉइंट के हर एक साइड होता है और उस मांसपेशी से अटैच होता है, जो जॉइंट की मूवमेंट को कंट्रोल करती है। टेंडन्स मांसपेशियों को आयबॉल जैसे स्ट्रक्चर से भी जोड़ सकते हैं।

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    कौन सी हैं टेंडन्स और जोड़ों की डिजीज? (Other Joint & Tendon Diseases)

    आपने कई लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि उम्र के बढ़ने के साथ उनके जोड़ों और टेंडन्स में परेशानी हो गई है। जिससे वो चलने-फिरने तक में असमर्थ हैं। दरअसल जोड़ों से जुड़ी समस्याएं उम्र के बढ़ने के साथ अधिक होती हैं। जानिए कौन सी हैं टेंडन्स और जोड़ों की डिजीज (Other joint & tendon diseases):

    जोड़ों की डिजीज

    ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

    ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) में सबसे आम है। यह तब होता है जब दो जोड़ों के बीच का कार्टिलेज कम हो जाता है। इसके कारण सूजन और अकड़न हो जाती है। इसके लक्षण आमतौर पर मध्यम आयु में दिखाई देते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

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    ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण (Cause of Osteoarthritis)

    आमतौर पर यह समस्या उम्र के बढ़ने पर होती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण कई हो सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

    • फैमिली हिस्ट्री (Family History)
    • वजन अधिक होना (Being Overweight)
    • फ्रैक्चर या अन्य जोड़ों में इंजरी (Fractures or other joint Injuries)
    • जोड़ों का अधिक प्रयोग (Overuse)
    • किसी खेल के कारण जिसका जोड़ों पर प्रभाव जोड़ों पर पड़ता है (Playing Sports that Involve Direct Impact on the Joint)
    • कुछ मेडिकल स्थितियां भी जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं (Certain Medical Conditions can also Affect Joint Health)

    गठिया (Arthritis)

    गठिया वो दर्दभरी स्थिति है जो एक जॉइंट को प्रभावित करती है आमतौर पर अंगूठे या एड़ी के अंगूठे या अन्य जोड़ को।  इसके लक्षण इस प्रकार हैं: 

    • जोड़ों में अचानक सूजन और दर्द होना (Sudden Swelling and Pain of a Joint) 
    • यह समस्या अक्सर रात को होती है  (This Often occurs During the Night)

    गठिया  के कारण (Causes of Arthritis)

    गठिया की समस्या पुरुषों में अक्सर मिडिल ऐज में नजर आती है। जबकि महिलाओं को यह अधिक उम्र होने पर होती है।  इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं:

    • यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण  (Uric Acid that are too High)
    • सीफ़ूड, मीट या अधिक शराब पीने से भी यह समस्या हो सकती है (Seafood, Meat or Alcohol)
    • कुछ डायूरेटिक्स भी इसका कारण हो सकते हैं (Some Diuretics)

    रूमेटाइड गठिया (Rheumatoid Arthritis)

    रुमेटीइड गठिया एक दीर्घकालिक, ऑटोइम्यून रोग है। जो जोड़ों और आसपास के ऊतकों की सूजन का कारण बनता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन मध्यम आयु में अधिक आम है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं: 

    • मॉर्निंग स्टिफनेस जो एक घंटे से ज्यादा देर तक रहती है (Morning Stiffness that lasts more than One Hour)
    • हाथ, पैर, कलाई आदि में दर्द और सूजन  (Pain and Swelling of the Joints of the Hands, Feet and Wrists)

    यह भी पढ़ें: Septic Arthritis: सेप्टिक गठिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    रूमेटाइड गठिया के कारण (Causes of Rheumatoid Arthritis)

    रूमेटाइड गठिया के कारण अज्ञात हैं। लेकिन, इंफेक्शन (Infection), जीन (Genes) और हॉर्मोन्स बदलावों (Hormone Changes) को इस रोग से जोड़ कर देखा जा सकता है। 

    बर्साइटिस (Bursitis)

    बर्साइटिस (Bursitis) बर्सा में होने वाली सूजन और जलन है।  बर्सा एक तरल पदार्थ से भरा थैली है जो मांसपेशियों, टेंडन्स  और जोड़ों के बीच कुशन का काम करती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

    • जब आप जोड़ों के आसपास की जगह को दबाते हैं तो दर्द होना (Pain and Tenderness when you Press around the Joint)
    • जब आप प्रभावित जोड़ को मूव करते हैं, तो उसका अकड़ना या दर्द होना (Stiffness and aching when you Move the Affected Joint)
    • जॉइंट के ऊपरसूजन या रेडनेस होना (Swelling or Redness Over the Joint)

    जोड़ों की डिजीज

    बर्साइटिस के कारण (Causes of Bursitis)

    अगर आप बर्साइटिस से बचना चाहते हैं तो अपने जोड़ों की मूवमेंट को दोहराने से बचना चाहिए। इसके कारण इस प्रकार हैं:

    ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

    ऑस्टियोपोरोसिस सबसे आम हड्डी की बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां नाजुक हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

    • समय के साथ हाइट का कम होना (Loss of Height Overtime)
    • पोस्चर में बदलाव (Change in Posture)

    ऑस्टियोपोरोसिस के कारण (Causes of Osteoporosis)

    ऑस्टियोपोरोसिस से आप सही आहार का सेवन करके और शराब या धूम्रपान न करके दूर रह सकते हैं। इसके कारण इस प्रकार हैं:

    • फैमिली हिस्ट्री (Family History)
    • मेनोपॉज़ के समय एस्ट्रोजन लेवल का कम होना  (Drop in Estrogen Levels at the Time of Menopause)
    • एल्कोहॉल (Drinking Large Amounts of Alcohol)
    • वजन का कम होना (Low Body Weight)
    • स्मोकिंग (Smoking)
    • कुछ दवाईयां या मेडिकल स्थितियां (Certain Medications and Medical Conditions)

    टेंडन और जोड़ों की डिजीज का निदान (Diagnosis of Tendon and Joint Disease)

    डॉक्टर टेंडन और जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) का निदान शारीरिक जांच द्वारा करते हैं। वो कोमलता, सूजन, लालिमा और लचीलेपन के लिए आपके प्रभावित जोड़ की जांच करेंगे। इसके साथ ही आपको कुछ टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, जैसे:

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    लैब टेस्ट्स (Lab Tests)

    आपके खून या जॉइंट फ्लूइड का विश्लेषण निदान की पुष्टि करने में मदद कर सकता है। आपको निम्नलिखित लैब टेस्ट कराने की सलाह भी दी जा सकती है:

    टेंडन और जोड़ों की डिजीज का उपचार (Treatment of Tendon and Joint Disease)

    टेंडन और जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) के उपचार में मुख्य है इससे जुड़े लक्षणों खासतौर पर दर्द को दूर करना और आपको अच्छे से मूव करने में मदद करना। इनके उपचार में यह सब शामिल है:

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    दवाईयां (Medications)

    दवाएं जो टेंडॉन्स और जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं जैसे दर्द आदि, यह दवाईयां इस प्रकार हैं:

    • एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) 
    • नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs):  जिसमें आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) आदि शामिल हैं।
    • डुलोक्सेटीन (Duloxetine)

    थेरेपी (Therapy)

    कुछ थेरेपीस भी जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) को दूर करने में मददगार हो सकती हैं। इनसे न केवल आपके जोड़ो के आसपास के मसल्स मजबूत होंगे, फ्लेक्सीबिलटी बढ़ेगी बल्कि दर्द भी दूर होगा। यह थेरेपीज इस प्रकार हैं :

    सर्जिकल और अन्य प्रक्रियाएं (Surgical and Other Procedures)

    अगर दवाइयां या अन्य उपचार काम न आएं तो कुछ अन्य सर्जरी या अन्य प्रक्रियाओं का सहारा लिया जा सकता है। जैसे:

    • कोर्टीसोन इंजेक्शंस (Cortisone Injections)
    • लुब्रिकेशन इंजेक्शंस (Lubrication Injections)
    • रेअलिगनिंग बोनस (Realigning Bones)
    • जॉइंट रिप्लेसमेंट (Joint Replacement) 

    कब डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है?

    अगर आपके घुटनों में दर्द या अकड़न हो, जो लंबे समय तक न जा रही हो। तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases)  ऐसी समस्याएं हैं, जो समय के साथ बदतर हो जाती है और जिनके कारण क्रोनिक पैन होती है।

    जोड़ों की डिजीज से बचने के लिए आपको अपने जीवन में क्या परिवर्तन करने चाहिए? (Lifestyle Change to Avoid Joint Disease?)

    जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) को मैनेज करने के लिए आपके लिए लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाना जरूरी है। इससे आपको जोड़ों में दर्द और अकड़न से छुटकारा मिलेगा। यह परिवर्तन इस प्रकार हैं :

    एक्सरसाइज (Exercise)

    कम प्रभाव वाला व्यायाम आपकी सहनशीलता (Endurance) को बढ़ा सकता है और आपके जॉइंट के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है। जिससे आपके जोड़ अधिक स्थिर हो सकते हैं।अगर आपको जोड़ों में दर्द महसूस होता है तो साइकिल चलाएं, वाक करें या वाटर एरोबिक्स ट्राय करें। योग भी इसमें आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है

    वजन कम करें (Loose your Weight)

    अधिक वजन से भी आपके जोड़ों और टेंडन्स  पर जोर पड़ता है। जिससे वो कमजोर हो सकते हैं और उनमें दर्द हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।

    joint disease

    संतुलत आहार का सेवन करें  (Eat a Healthy Diet) 

    अगर आप जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases)  से बचना चाहते हैं तो लौ फैट, लौ कैलोरी फूड लें और अपने आहार में अधिक फल और सब्जियों को शामिल करें। इसके साथ ही विटामिन सी भी आपको शारीरक की सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।

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    अगर आप जोड़ों की डिजीज (Joints Diseases) से बचना चाहते हैं तो सही आहार, व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव से बचाव जरूरी है। अगर आपको कोई भी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और सही समय पर उपचार कराएं। अपनी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए भी डॉक्टर की राय अनिवार्य है।

    डिस्क्लेमर

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