और पढ़ें: हार्ट पेशेंट्स के लिए योग है बेहतर उपाय लेकिन ये योग कहीं पैदा न कर दें खतरा!
प्रोटीन और हृदय रोग : क्या हार्ट के लिए प्रोटीन हानिकारक हैं (Are Proteins Harmful for the Heart?)?
कई शोधों में यह पता चलता है कि उच्च प्रोटीन आहार से धमनियों में प्लैक जमा होने से धमनियों के टूटने और डैमेज होने का खतरा अधिक होता है। प्लैक ज्यादा होने से हार्ट के लिए जोखिम और बढ़ सकता है। कई बार हाय प्रोटीन डायट दिल के दौरे का कारण भी बन सकती है। दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल तक जाने वाले ऑक्सिजन युक्त रक्त के प्रवाह में रूकावट आती है। ऐसा अधिक वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के कारण होता है, जो दिल तक पहुंचने वाली धमनियों में प्लैक बनकर रूकावट का काम करता है। खराब रक्त प्रवाह के कारण दिल को ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है। ऐसे में जब हार्ट को ऑक्सिजन जल्द न मिले, तो दिल की मांसपेशियां डैमेज होने लगती हैं। हाय प्रोटीन डायट को वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन कई अध्ययनों ने हाय प्रोटीन डायट को हृदय संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है। हाय प्रोटीन, धमनियों के अंदर प्लाक के निर्माण को सुविधाजनक बनाकर हृदय स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। हाय प्रोटीन डायट और खराब कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के बीच बहुत गहर संबंध है।
प्रोटीन और हृदय रोग : क्या कहती है रिसर्च (According to research)
कई रिसर्च में भी यह बात सामने आयी है कि हाय प्रोटीन डायट हार्ट के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई मिल्कशेक या स्मूदी के रूप में प्रोटीन पाउडर के कुछ स्कूप 40 ग्राम के लगभग ले रहा है, उतना शरीर से वर्कआउट भी नहीं हो रहा है, तो इसका असर हार्ट पर सीधे पड़ता है। यानि कि प्रोटीन का सीधा प्रभाव हृदय स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। हाय प्राेटीन हार्ट के अलावा किड्नी डैमेज का कारण भी बन सकता है। चूहाें पर हुए शोध के अनुसार कुछ चूहाें को उच्च वसा, कम प्रोटीन वाला आहार दिया गया। कुछ को हाय प्रोटीन डाययट दिया गया। उच्च वसा, उच्च प्रोटीन आहार में चूहों ने बहुत अधिक वसा अंतर्ग्रहण करने के बावजूद कोई वजन नहीं बढ़ाया, उन्होंने उच्च वसा लेकिन कम प्रोटीन आहार पर चूहों की तुलना में धमनियों में लगभग 30% अधिक प्लैक विकसित हुए। इसके अलावा, इन चूहों की धमनियों में जिस तरह की पट्टिका का निर्माण हुआ, उसे शोधकर्ता खतरे का कारण मानते हैं। उनमें दूसरों की तुलना में दिल के दौरे का रिस्क अधिक देखा गया।
और पढ़ें: Arteriosclerosis: बचना है हार्ट की इस बीमारी से, तो आज से अपनाएं हेल्दी लाइफस्टाइल!
ज्यादा प्रोटीन लेने से क्या नुकसान (What are the disadvantages of consuming more protein?)?
प्रोटीन और हृदय रोग की बात करें, तो ज्यादा प्रोटीन लेना शरीर में कई डैमेज का कारण भी बन सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त प्रोटीन संतृप्त वसा को भी प्रभावित करता है। जोकि एलडीएल यानि की खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल हाय होने का कारण हो सकता है। जब कोई हाया प्रोटीन लेता है और शरीर से उतना वर्कआउट नहीं करता है, तो प्रोटीन शरीर में ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है और ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। कहा जाए, तो प्रोटीन हर किसी के लिए जरूरी है, पर सही मात्रा में। जिसके लिए डॉक्टर की सलाह आपको लेना चाहिए। प्रोटीन आपकी उम्र और वजन को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए है। वजन के आधार पर, बढ़ते बच्चों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एक सामान्य वयस्क पुरुष या महिला की तुलना में थोड़ा अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनके शरीर अधिक मांसपेशियों का निर्माण की आवश्कता होती है।