backup og meta

प्रोटीन और हृदय रोग : अधिक प्रोटीन का सेवन क्या हार्ट पर पड़ सकता है भारी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2021

    प्रोटीन और हृदय रोग : अधिक प्रोटीन का सेवन क्या हार्ट पर पड़ सकता है भारी?

    क्या आपको पता है कि प्रोटीन और हृदय रोग (Protein and heart disease) में बहुत गहरा बहुत संबंध है? प्रोटीन को अक्सर लोग फिटनेस की नजर से ही देखते हैं। प्रोटीन मसल्स टोनिंग से लेकर फिटनेस तक के लिए बेस्ट माना जाता है। हां यह सच भी है कि प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन कई हेल्थ प्रॉब्लम का कारण भी बन सकता है। जी हां, यदि आप हार्ट पेशेंट हैं, तो प्रोटीन के सेवन से आपकी हार्ट प्रॉब्लम बढ़ भी सकती है। अधिक प्रोटीन से सेवन से धमनियों में प्लॉक जमा होने लगता है, जो आगे जाकर किसी बड़ी हार्ट प्रॉब्लम का कारण भी बन सकता है।

    इस आर्टिकल में हम जानेंगे रोजाना प्रोटीन के सेवन से हार्ट पर क्या प्रभाव पड़ता है, हाय प्रोटीन डाट हार्ट को किस तरह से नुकसान पहुंचाती है और हार्ट प्रॉब्लम से बचने के लिए कितनी मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है? क्योंकि यह बात भी फेक्ट है कि शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी भी बहुत है, तो इसे पूरी तरह से बंद भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि प्रोटीन भी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है। इसलिए हार्ट प्रॉब्ल्म से बचने के लिए इसे सही मात्रा में लेना बहुत जरूरी है, ताकि दाेनों के बीच सही संतुलन हो। आइए जानते हैं प्रोटीन और हृदय रोग (Protein and heart disease) में क्या संबंध? इसे समझने के लिए पहले यह भी जान लेते हैं कि प्रोटीन क्या है?

    और पढ़ें: हार्ट पेशेंट के लिए स्वीटनर : इसे अपने डायट में शामिल करने से पहले जान लें ये बातें

    प्रोटीन क्या है (what is protein)?

    प्रोटीन भी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है, इसमें कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनकी शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। यानि कि प्रोटीन शरीर में कई बड़ी कमियों को पूरा करता है। बाकी दो अन्य मैक्रोन्यूट्रिएंट में वसा और कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। प्रोटीन, इसलिए शरीर के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें अमीनो एसिड की लंबी श्रृंखलाएं मौजूद होती हैं। इसमें 20 प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं। प्रोटीन कई प्रकार के अमीनो एसिड से बने होते हैं, जो सेल के “बिल्डिंग ब्लॉक्स” के रूप में कार्य करते हैं। कोशिकाओं के सही फंक्शन के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन के सोर्स के लिए अधिकतर लोग मांस, मछली, मुर्गी पालन, अंडे, फलियां, और डेयरी उत्पाद का सेवन करते हैं। अमीनो एसिड का विशिष्ट क्रम प्रत्येक प्रोटीन की संरचना और कार्य को निर्धारित करता है। प्रोटीन बनाने के लिए शरीर जिन 20 अमीनो एसिड का उपयोग करता है वे हैं:

    • ऐलेनिन
    • एग्रिनाइन
    • एस्पार्टिक अम्ल
    • सिस्टीन
    • ग्लुटामिक एसिड
    • ग्लूटामाइन
    • ग्लाइसिन
    • हिस्टडीन
    • आइसोल्यूसीन
    • ल्यूसीन
    • लाइसिन
    • मेथियोनाइन
    • फेनिलएलनिन
    • प्रोलाइन
    • सेरीन
    • थ्रेओनाइन
    • ट्रिप्टोफेन
    • टायरोसिन
    • वेलिन

    प्रोटीन हमारे शरीर में क्या करता है (what does protein do in our body)?

    प्रोटीन का हमारे शरीर में बुत महत्वपूर्ण रोल है। प्रोटीन हर उम्र के लोगों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। शरीर में इसकी मुख्य भूमिका की बात करें, तो यह मसल्स रिपयेरिंग का काम करता है। अधिकांश लोग सोचते हैं कि पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त केवल हमारे मांसपेशियों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह आपके हृदय सहित हमारे बालों, नाखूनों, त्वचा और अंगों को बनाने और बनाए रखने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, बस सही मात्रा में लिया जाए। अधिक मात्रा में इसका सेवन कई बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम का कारण भी बन सकता है, जिसमें से हार्ट डिजीज भी है। इसके अलावा, जिन लोगों में हार्ट से संबंधित रिस्क होते हैं, डॉक्टर भी उन्हें इसके कम सेवन की सलाह देते हैं।

    और पढ़ें : एक्सरसाइज के बारे में ये फैक्ट्स पढ़कर कल से ही शुरू कर देंगे कसरत

    प्रोटीन और हृदय रोग : शरीर के लिए कितनी मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है?

    प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रोटीन की मात्रा की आवश्यकता भिन्न होती है, जोकि उसकी बीएमआई पर निर्भर करती है। यानि कि यह आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करता है। लेकिन यह आपकी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर भी निर्भर हो सकता है। गर्भवती महिलाओं, हार्ट पेशेंट और वृद्ध वयस्कों को प्रोटीन की मात्रा हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए। सामान्य लोगों के लिए प्रोटीन की मात्रा इस प्रकार है:

    • महिलाएं (उम्र 19 से 70): 46 ग्राम
    • महिलाएं (आयु 70+): 57 ग्राम
    • पुरुष (उम्र 19 से 70): 64 ग्राम
    • पुरुष (आयु 70+): 81 ग्राम

    और पढ़ें: हार्ट पेशेंट्स के लिए योग है बेहतर उपाय लेकिन ये योग कहीं पैदा न कर दें खतरा!

    प्रोटीन और हृदय रोग : क्या हार्ट के लिए प्रोटीन हानिकारक हैं (Are Proteins Harmful for the Heart?)?

    कई शोधों में यह पता चलता है कि उच्च प्रोटीन आहार से धमनियों में प्लैक जमा होने से धमनियों के टूटने और डैमेज होने का खतरा अधिक होता है। प्लैक ज्यादा होने से हार्ट के लिए जोखिम और बढ़ सकता है। कई बार हाय प्रोटीन डायट दिल के दौरे का कारण भी बन सकती है। दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल तक जाने वाले ऑक्सिजन युक्त रक्त के प्रवाह में रूकावट आती है। ऐसा अधिक वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के कारण होता है, जो दिल तक पहुंचने वाली धमनियों में प्लैक बनकर रूकावट का काम करता है। खराब रक्त प्रवाह के कारण दिल को ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है। ऐसे में जब हार्ट को ऑक्सिजन जल्द न मिले, तो दिल की मांसपेशियां डैमेज होने लगती हैं। हाय प्रोटीन डायट को वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन कई अध्ययनों ने हाय प्रोटीन डायट को हृदय संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है। हाय प्रोटीन, धमनियों के अंदर प्लाक के निर्माण को सुविधाजनक बनाकर हृदय स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। हाय प्रोटीन डायट और खराब कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के बीच बहुत गहर संबंध है।

    प्रोटीन और हृदय रोग : क्या कहती है रिसर्च (According to research)

    कई रिसर्च में भी यह बात सामने आयी है कि हाय प्रोटीन डायट हार्ट के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई मिल्कशेक या स्मूदी के रूप में प्रोटीन पाउडर के कुछ स्कूप 40 ग्राम के लगभग ले रहा है, उतना शरीर से वर्कआउट भी नहीं हो रहा है, तो इसका असर हार्ट पर सीधे पड़ता है। यानि कि प्रोटीन का सीधा प्रभाव हृदय स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। हाय प्राेटीन हार्ट के अलावा किड्नी डैमेज का कारण भी बन सकता है। चूहाें पर हुए शोध के अनुसार कुछ चूहाें को उच्च वसा, कम प्रोटीन वाला आहार दिया गया। कुछ को हाय प्रोटीन डाययट दिया गया। उच्च वसा, उच्च प्रोटीन आहार में चूहों ने बहुत अधिक वसा अंतर्ग्रहण करने के बावजूद कोई वजन नहीं बढ़ाया, उन्होंने उच्च वसा लेकिन कम प्रोटीन आहार पर चूहों की तुलना में धमनियों में लगभग 30% अधिक प्लैक विकसित हुए। इसके अलावा, इन चूहों की धमनियों में जिस तरह की पट्टिका का निर्माण हुआ, उसे शोधकर्ता खतरे का कारण मानते हैं।  उनमें दूसरों की तुलना में दिल के दौरे का रिस्क अधिक देखा गया।

    और पढ़ें: Arteriosclerosis: बचना है हार्ट की इस बीमारी से, तो आज से अपनाएं हेल्दी लाइफस्टाइल!

    ज्यादा प्रोटीन लेने से क्या नुकसान (What are the disadvantages of consuming more protein?)?

    प्रोटीन और हृदय रोग की बात करें, तो ज्यादा प्रोटीन लेना शरीर में कई डैमेज का कारण भी बन सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त प्रोटीन संतृप्त वसा को भी प्रभावित करता है। जोकि एलडीएल यानि की खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल हाय होने का कारण हो सकता है। जब कोई हाया प्रोटीन लेता है और शरीर से उतना वर्कआउट नहीं करता है, तो प्रोटीन शरीर में ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है और ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। कहा जाए, तो प्रोटीन हर किसी के लिए जरूरी है, पर सही मात्रा में। जिसके लिए डॉक्टर की सलाह आपको लेना चाहिए।  प्रोटीन आपकी उम्र और वजन को ध्यान में रखते हुए लिया जाना चाहिए है। वजन के आधार पर, बढ़ते बच्चों और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एक सामान्य वयस्क पुरुष या महिला की तुलना में थोड़ा अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनके शरीर अधिक मांसपेशियों का निर्माण की आवश्कता होती है।

    और पढ़ें: जंपिंग जैक के 10 फायदे, जो हेल्दी हार्ट से लेकर वेट लॉस के लिए है बेहतरीन!

    प्रोटीन और हृदय रोग : डायट (Diet)

    प्रोटीन हर किसी के लिए जरूरी है, ऐसा भी नहीं किया जा सकता है कि डायट से बिल्कुल भी प्रोटीन की मात्रा बंद कर दी जाए। लेकिन हार्ट पेशेंट या हार्ट प्रॉब्लम से बचने के लिए ऐसे फूड का सेवन करना चाहिए, जो हार्ट के लिए सही हों और उन्हें रोजाना डायट में लो प्रोटीन के रूप में प्रॉप्त किया जा सकता है, जिनमें शामिल है:

    • छोले और राजमा जैसे फलियां प्लांट बेस्ट प्रोटीन होता है और इसमें और घुलनशील फाइबर होते हैं। मीट के बजाय प्लांट बेस्ट प्रोटीन, जैसे कि फलियां खाने से ‘खराब’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन शरीर के लिए फायदेमंद होता है।  लाल मांस को पौधे आधारित विकल्प जैसे फलियां, सोया या नट्स के साथ बदलना एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए अच्छा माना गया है।
    • मछली और सी फूड भी हार्ट वालों के लिए  प्रोटीन डायट में मछली एक अच्छा विकल्प है। इसमें ओमेगा -3 वसा अधिक होता है, जो आपके रक्त में ‘अच्छे’ एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और आपके दिल के लिए अच्छा होता है। यह हृदय रोग (कोरोनरी हृदय रोग और स्ट्रोक सहित) के कम जोखिम से जुड़ी होती है। हृदय रोग बल्कि स्ट्रोक, दिल की विफलता, अचानक हृदय की मृत्यु और कंजेस्टिव दिल की विफलता को रोकने में मदद करने के लिए प्रति सप्ताह मछली की कम से कम दो सर्विंग्स खाने की सलाह  दी जाती है।
    • पोल्ट्री में चिकन भी नॉनवेट डायट में ही जा सकती है। यह प्रोटीन, विटामिन ए, मैग्नीशियम और जिंक का एक अच्छा स्रोत है।
    •  हेल्दी हार्ट के साथ प्रोटीन के लिए अंडे का सेवन भी किया जा सकता है, लेकिन लिमिटेड मात्रा में। अंड़ा प्रोटीन, विटामिन ए, ई, बी12 और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व और खनिजों का अच्छा स्रोत हैं। अंडे में कोलेस्ट्रॉल होता है, लेकिन यह रक्त कोलेस्ट्रॉल पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। यह संतृप्त वसा और ट्रांस-वसा में उच्च खाद्य पदार्थ आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, अंडे को हृदय-स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में शामिल किया जा सकता है। लेकिन एक बार डॉक्टर सलाह कर लें इसे लेने से पहले।

    प्रोटीन और हृदय रोग में क्या संबंध है, आपने जाना यहां। हार्ट के मरीजों को अपने डायट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसमें गड़बड़ी हार्ट को रिस्क में डाल सकती है। ऊपर बताए गए फूड टिप्स जरूरी नहीं है कि सभी के लिए फायदेमंद हो। हर किसी किे शरीर की जरूरत अलग होती है, इसलिए कोई भी डायट डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चहिए। प्रोटीन और हृदय रोग से संबंधित अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Sayali Chaudhari

    फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


    Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement