इलाज की शुरुआत एट्रियल फाइब्रिलेशन के कारण के पता लगाने से करेंगे। अगर आपका फाइब्रिलेशन थायरॉइड की वजह से है तो डॉक्टर आपके थायरॉइड का इलाज करेंगे। अगर फाइब्रिलेशन का कारण कैफीन या एल्कोहॉल है, तो इस केस में डॉक्टर आपको कैफीन और छोड़ने के लिए कहेंगे।
इलाज की शुरुआत दवाओं से की जाएगी जिससे हृदय की धड़कनों को नियंत्रित किया जा सके। ये दवाएं हृदय की धड़कनों को नियंत्रित करेंगी और हृदय साधारण रूप से काम करेगा। इससे एट्रियल फाइब्रिलेशन अपने आप भी रुक सकता है और आगे इलाज करवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इन दवाओं कोएंटीएरिथिमिक (Antiarrhythmic medicines ) भी कहते हैं।
खून के थक्कों को रोकने के लिए डॉक्टर पतला करने वाली दवाएं भी दे सकते हैं। इन्हे एंटी-कॉग्यूलेन्ट कहते हैं जैसे वार्फरिन (Coumadin)। इन दवाओं के हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे की खून बहना और चक्कते पड़ना। इसलिए डॉक्टर आपकी दवाएँ पूरी जांच के बाद ही देंगे।
इलाज के दौरान हृदय की गति को दोबारा साधारण करने के लिए आपको कार्डियोवर्जन (Cardioversion ) की आवश्यकता पड़ सकती है। प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपको शॉक भी दे सकते हैं जिससे कुछ मिनटों के लिए आपका हृदय काम करना बंद कर देगा लेकिन उसके बाद संभव है की हृदय अपनी साधारण स्थिति में वापस आ जाएगा। हृदय विशेषज्ञ डुअल चैम्बर पेसमेकर हृदय में लगा सकते हैं। आपको हार्ट कैथिटर या फिर सर्जरी की जरुरत भी पड़ सकती है। इसे मेज प्रक्रिया कहेंगे सर्जरी की मदद से हृदय के खराब हिस्से को निकाल दिया जाता है।
एट्रियल फाइब्रिलेशन से बचाव कैसे करें? (Tips to control Atrial fibrillation)
एट्रियल फाइब्रिलेशन से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
- हृदय के लिए लाभकारी भोजन ही खाए।
- अपना वजन नियंत्रित रखें।
- ज्यादा तनाव न लें।
- ज्यादा से ज्यादा व्यायाम करें और सभी दवाएं सही समय पर लें।
- किसी भी हानिकारक प्रभाव ( जैसे कि सिर चकराना, सांस उखड़ना, बेहोशी )के दिखने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- किसी भी ऐसे काम से बचें जिससे की चक्कते पड़ने की संभावना हो।
- स्मोकिंग करना छोड़ दें।
- बहुत ज्यादा शराब और कैफीन का सेवन न करें।
एट्रियल फाइब्रिलेशन से बचाव के लिए इन टिप्स को फॉलो कर बचाव में मदद मिल सकती है।
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपकी दिल की धड़कनें सही ढंग से नहीं चल रही हैं और आपके सीने में दर्द है या फिर कोई असहजता लग रही है उस स्थिति में आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए क्योकि ये स्ट्रोक के लक्षण भी हो सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको एट्रियल फायब्रिलेशन (Atrial fibrillation) से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो, तो डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।