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नवजात में होने वाली रेयर हार्ट डिजीज 'ट्रंकस आर्टेरियोसस' का इलाज है संभव!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/01/2022

    नवजात में होने वाली रेयर हार्ट डिजीज 'ट्रंकस आर्टेरियोसस' का इलाज है संभव!

    दिल से जुड़ी कई बीमारियों के बारे में हमने आपसे जानकारी साझा की है, लेकिन आज जिस हार्ट डिजीज के बारे में आपसे इन्फॉर्मेशन शेयर करने जा रही हूं, वो रेयर हार्ट डिजीज की लिस्ट में शामिल है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) रेयर हार्ट डिजीज (Rare Heart Disease) है, जो जन्म से साथ ही बच्चों में होने वाली दिल से जुड़ी बीमारी है। ट्रंकस आर्टेरियोसस से जुड़ी पूरी जानकारी आपसे इस आर्टिकल में नीचे आपसे शेयर करने जा रहें हैं। 

    • ट्रंकस आर्टेरियोसस क्या है?
    • ट्रंकस आर्टेरियोसस के लक्षण क्या हैं?
    • ट्रंकस आर्टेरियोसस के कारण क्या हैं?
    • ट्रंकस आर्टेरियोसस का निदान कैसे किया जाता है?
    • ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज कैसे किया जाता है?

    और पढ़ें : वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!

    चलिए अब रेयर हार्ट डिजीज से जुड़े सवालों को सुलझाने की कोशिश करते हैं। 

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) क्या है?

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (TA) एक दुर्लभ जन्मजात हृदय दोष है। ट्रंकस आर्टेरियोसस भले ही रेयर हार्ट डिजीज है, लेकिन इसे समझना बेहद आसान है। दरअसल नॉर्मल हार्ट में 2 मेजर ब्लड वेसेल्स (Two major blood vessels) होते हैं, जो हार्ट यानी हृदय से आते हैं। वहीं कुछ बच्चों को जन्म से ही सिर्फ एक ही ब्लड वेसेल्स (One blood vessels) होते हैं, जो दोनों ब्लड वेसेल्स की भूमिका अकेले निभाते हैं। इतना ही नहीं इस एक ब्लड वेसल्स के अलावा नवजात शिशु के दिल में एक छेद भी होता है। शायद इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दो की बजाये सिर्फ एक ब्लड वेसल्स होना और साथ ही में दिल में छेद होना कितना तकलीफदेह हो सकता है। इसलिए इसे रेयर हार्ट की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज नहीं है। जन्म के बाद और नवजात शिशु के एक महीने के होने के पहले ही ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery) की मदद से इस रेयर हार्ट डिजीज (Rare Heart Disease) को दूर करने की कोशिश की जाती है। ट्रंकस आर्टेरियोसस के ट्रीटमेंट और सर्जरी से जुड़ी जानकारी आपको आर्टिकल में आगे बतायेंगे, लेकिन सबसे पहले ट्रंकस आर्टेरियोसस के लक्षण और कारणों को समझ लेते हैं।    

    और पढ़ें : जान लीजिए इस गंभीर हार्ट इंफेक्शन के कारण, ताकि समय रहते कर सकें बचाव

    ट्रंकस आर्टेरियोसस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस के लक्षण शिशु के जन्म के बाद ही नजर आने लगते हैं। जैसे:

    अगर शिशु में ऐसे लक्षण या इनमें से कोई भी लक्षण नजर आ रहें हैं, तो पेरेंट्स को जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्टेशन करना चाहिए। क्योंकि वक्त पर इलाज ना करवाने से शिशु की तकलीफ बढ़ सकती है।    

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    ट्रंकस आर्टेरियोसस के कारण क्या हैं? (Cause of Truncus arteriosus)

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कुछ बच्चों में ट्रंकस आर्टेरियोसस का जींस या क्रोमोसोम होता है। वहीं कॉनजेनाइटल हार्ट डिफेक्ट्स मां से शिशु में होने का खतरा हो सकता है। ऐसा खासकर गर्भवती महिला के खान-पान या किसी खास मेडिकेशन के कारण भी हो सकता है। जैसे:

    • गर्भवती महिला में वायरल इलनेस (Viral illness) होना।
    • प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज (Diabetes) होने पर ठीक तरह से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) कंट्रोल नहीं होना।
    • क्रोमोसोम डिसऑर्डर (Chromosomal disorders) की समस्या होना।
    • प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग (Smoking during pregnancy) करना।
    • गर्भावस्था में एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करना।
    • गर्भवती महिला का वजन (Obesity) आवश्यकता से ज्यादा बढ़ना।

    इन कारणों से ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) का खतरा बढ़ सकता है।

    नोट : प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग और एल्कोहॉल दोनों से दूरी बनाये रखें।

    और पढ़ें : डिलिवरी के लक्षण जो बताते हैं कि शिशु का जन्म करीब है

    ट्रंकस आर्टेरियोसस का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस का निदान गर्भावस्था या नवजात शिशु के जन्म के बाद किया जा सकता है। जैसे:

    गर्भावस्था (Pregnancy) 

    अगर गायनोकोलॉजिस्ट को  ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) की जानकारी गर्भावस्था के दौरान मिलती है, तो स्क्रीनिंग टेस्ट एवं अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी जाती है। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान ट्रंकस आर्टेरियोसस को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए फीटल इकोकार्डियोग्राम करवाने की सलाह दी जाती है। 

    और पढ़ें : प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में क्यों जरूरी होता है स्क्रीनिंग टेस्ट?

    नवजात के जन्म के बाद (After birth) 

    शिशु के जन्म के बाद ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) का डायग्नोसिस निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:

    इन अलग-अलग तरीकों से गर्भावस्था या शिशु के जन्म के बाद दिल की रेयर डिजीज की जानकारी जुटाई जाती है और फिर इलाज किया जाता है। 

    और पढ़ें : हाय ब्लड प्रेशर के कारण हो सकती है ये हेल्थ कंडीशन, इन बातों का रखें ध्यान

    ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Truncus arteriosus)

    ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus)

    अगर आपको शिशु के इस रेयर हार्ट डिजीज ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) की जानकारी मिलती है, तो आप घबराएं नहीं। ऐसे वक्त में हिम्मत और समझदारी से काम लें और डॉक्टर द्वारा की जा रही ट्रीटमेंट को ठीक तरह से फॉलो करें। ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:

    दवाएं (Medication) 

    ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज दवाओं से किया जाता है। इस दौरान बेबी के हार्ट को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए दवा दी जाती है। वहीं ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को कंट्रोल और बैलेंस में रखने के लिए भी दवा प्रिस्क्राइब की जा सकती है। 

    पोषण (Nutrition) 

    नॉर्मल हार्ट में 2 मेजर ब्लड वेसेल्स (Two major blood vessels) होते हैं। वहीं जिन बच्चों को जन्म से ही सिर्फ एक ही ब्लड वेसेल्स (One blood vessels) होते हैं, उन्हें अत्यधिक पोषण की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए ऐसी स्थिति में स्तनपान के अलावा फीडिंग ट्यूब का भी विकल्प दिया जाता है। हालांकि फीडिंग ट्यूब से जुड़ी जानकारी शिशु के हेल्थ एक्सपर्ट बच्चे की शारीरिक स्थिति और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर बच्चे के पेरेंट्स को देते हैं। 

    सर्जरी (Surgery) 

     ट्रंकस आर्टेरियोसस का इलाज सर्जरी की सहायता से भी किया जा सकता है। हालांकि छोटे बच्चे की हार्ट सर्जरी पेरेंट्स के लिए पीड़ादायक है, लेकिन नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) के लिए ओपन हार्ट सर्जरी (Heart surgery) का विकल्प चुना जा सकता है। नवजात की सेहत पर नजर बनाये हुए डॉक्टर्स की टीम तकरीबन शिशु के 12 सप्ताह यानी 3 महीने होने के पहले करने की कोशिश करते हैं। 

    नोट : सर्जरी का विकल्प डॉक्टर नवजात शिशु की सेहत और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर लेते हैं।  

    रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सर्जरी के बाद बच्चे का हृदय नॉर्मल हार्ट की तरह ही काम करता है और बेहद कम केसेस में ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) की तकलीफ फिर से देखी गई है। हालांकि रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) की सर्जरी से अगर कोई बच्चा गुजरा है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे को रेग्यूलर हार्ट चेकअप (Heart checkup) एवं हेल्थ चेकअप (Health checkup) पेरेंट्स को करवाते रहना चाहिए। 

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    शिशु के जन्म के बाद पेरेंट्स की रिस्पॉन्सिब्लिटी बढ़ जाती है। जन्म के बाद शिशु को अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं, जिसके लिए अलग-अलग समय निर्धारित की गई है। हेल्थ एक्पर्ट एवं रिसर्च के अनुसार कुछ वैक्सीन बच्चे को लगवाना अवश्य होता है। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर जानिए शिशु के लिए जरूरी वैक्सिनेशन के बारे में।

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    शिशु को अगर ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) है, तो ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है। अगर आप ट्रंकस आर्टेरियोसस या ट्रंकस आर्टेरियोसस के इलाज या सर्जरी से जुड़ी जानकारी पाना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देंगे। हालांकि अगर आपके शिशु को ट्रंकस आर्टेरियोसस (Truncus arteriosus) की समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट बच्चे की पूरी हेल्थ कंडिशन (Babies health condition) को ध्यान में मेडिकेशन या सर्जरी का निर्णय लेते हैं।

    नवजात शिशु की देखभाल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकरी जानने के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए। 

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