
सर्कुलेटरी सिस्टम (Circulatory system) के ब्लड फ्लो का प्रेशर ब्लड प्रेशर पर ही निर्भर करता है। अगर किसी भी कारण से ब्लड फ्लो रुकता है या ब्लॉक होता है, तो ऑक्सिजन की कमी होने लगती है। ऑक्सिजन की कमी हार्ट अटैक की संभावनाओं को बढ़ाने का काम करती है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure during Heart attack) नॉर्मल, हाय या लो हो सकता है। दरसल हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर बॉडी किस तरह से रिस्पॉन्ड करती है, उसके अनुसार ब्लड प्रेशर लेवल में भी बदलाव देखा जा सकता है।
हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर: बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर (Increase in blood pressure)
हार्ट अटैक के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने के पीछे हॉर्मोन्स जैसे एड्रेनालाईन (Adrenaline) लेवल के बढ़ने की वजह से हो सकता है। ऐसी स्थिति में हार्ट बीट सामान्य से ज्यादा तेज होने लगता है और यह खतरनाक भी माना जाता है।
हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर: लो ब्लड प्रेशर (Low in blood pressure)
हार्ट अटैक के दौरान मसल्स डैमेज या कमजोर होने की स्थिति में ब्लड प्रेशर लो (Blood Pressure Low) होने की संभावना बढ़ जाती है। हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर लो होने की स्थिति में पेशेंट तेज चेस्ट पेन (Chest pain) महसूस कर सकते हैं।
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हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure during Heart attack): क्या हो सकती है तकलीफ?
अगर कोई व्यक्ति हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन की समस्या से पीड़ित है, लेकिन प्रॉपर चेकअप और प्रिकॉशन के अभाव में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ सकती है। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या फैट (Fat), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) या अन्य समस्याओं की वजह से हो सकती है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार हाय ब्लड प्रेशर कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन अगर लापरवाही गंभीर शारीरिक परेशानी को भी पैदा कर सकती है। इसलिए ब्लड प्रेशर को नॉर्मल बनाये रखना जरूरी है। हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर हाय होने की स्थिति में पेशेंट की परेशानियों को बढ़ा सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हाय ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) की स्थिति पैदा हो सकती है।