अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के जर्नल में प्रकाशित एक नए स्वीडिश स्टडी में पाया गया कि दिल के दौरे या हार्ट अटैक के पहले वर्ष के भीतर फिजिकल एक्टिविटी का निम्न स्तर भी आने वाले सालों में डेथ से संबंधित समस्याओं को कम करने का काम करता है। स्वीडिश शोधकर्ताओं ने 2004-2013 से बीच 22,227 हार्ट अटैक के पेशेंट के डेटा की जांच के लिए एक नेशनल रजिस्ट्री का इस्तेमाल किया। मरीजों से उनके दिल का दौरा पड़ने के 6 से 10 सप्ताह बाद एक्टिविटी लेवल के बारे में पूछा गया, और फिर लगभग एक साल बाद फॉलोअप विजिट किया गया।
फॉलोअप विजिट के बाद जिन लोगों की रेगुलर एक्टिविटी नोटिस की गई, उनमें करीब 59% लोगों में लगभग आगे के 4 सालों तक मरने के खतरे को कम पाया गया। वहीं जिन लोगों ने दो फॉलो विजिट के दौरान बिल्कुल भी एक्टिविटी में भाग नहीं लिया, उनमें मरने का खतरा अधिक पाया गया। जिन लोगों ने हार्ट अटैक के बाद थोड़ा बहुत वर्कआउट किया था, उनमें मृत्यु का खतरा करीब 44% तक कम हो गया था। इस बारे में अध्ययन के प्रमुख लेखक और एक सहयोगी ओरजन एकब्लोम ने कहा, “हम इसे कैरी-ओवर प्रभाव कहते रहे हैं। हो सकता है कि ये लोग कई वर्षों तक एक्टिव रहे हो और फिर किसी कारण से रुकना पड़ा हो, लेकिन उनके पास अभी भी वह इफेक्ट था।
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हार्ट अटैक के बाद कौन-सी एक्टिविटी की जा सकती है?
जैसा कि शोध में बताया गया कि हार्ट अटैक के बाद थोड़ी एक्टिविटी पेशेंट के लिए लाभदायक होती है। ऐसे में किसी भी पेशेंट को बिना डॉक्टर की अनुमति के किसी भी तरह की एक्टिविटी करने से बचना चाहिए। अगर आप एक्सरसाइज भी करना चाहते हैं, तो भी आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें। कई बार हार्ट अटैक के बाद अधिक एक्सरसाइज करना भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता है। हार्ट अटैक के बाद जब आप खुद को बेहतर महसूस करने लगे, तो उसके बाद वॉक जरूर करें लेकिन बेहतर होगा कि तेजी से चलने के बजाय धीमे-धीमे शुरुआत करें।