के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कैप्सूल एंडोस्कोपी एक आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक में मरीज को एक कैप्सूल खानी होती है जो शरीर के अंदर जाकर तस्वीरें ले सकती है। इस प्रक्रिया में कैप्सूल किसी कैमरा की तरह काम करता है।
यह कैप्सूल डायजेस्टिव ट्रैक्ट में जाता है, जिससे कैमरा कमर पर पहनी बैल्ट के माध्यम से हजारों तस्वीरें रिकॉर्ड करता है। शरीर के अंदर इसोफैगस, पेट और स्मॉल इंटेस्टाइन की सटीक स्थिति देखने के लिए ये बहुत ही कारगर तरीका है।
इस तकनीक को करने से पहले आपका इंटेस्टाइन साफ होना चाहिए ताकि शरीर के अंदर का हिस्सा साफ देखा जा सके। ऐसा करने के लिए लैक्सेटिव का उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल कोलोनोस्कोपी में भी होता है।
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ये कैप्स किसी मामूली कैप्सूल से अधिक बड़ी होती है और इसमें वीडियो चिप्स, बल्ब, बैटरी और एक रेडियोट्रांसमीटर लगा होता है। इसे खाने के बाद ये कैप्सूल शरीर के अंदर इसोफैगस, पेट और स्मॉल इंटेस्टाइन की तस्वीरें लेती है इसे मरीज के शरीर से जुड़े हुए रिसीवर पर पहुंचाता है। इस प्रक्रिया के लगभग आठ घंटे बाद रिसीवर से तस्वीरें कम्प्यूटर पर डाउनलोड की जाती हैं और डॉक्टर इन तस्वीरों की जांच करते हैं। कुछ समय बाद ये कैप्सूल टॉयलेट से बाहर निकल जाती है।
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इस तकनीक के दौरान आमतौर पर कोई खतरा नहीं होता, लेकिन अगर आपका डाइजेस्टिव ट्रैक्ट सकरा हो गया है तब ये कैप्सूल शरीर के अंदर फंस सकती है। क्रोहन रोग या किसी ऑपरेशन की वजह से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट सकरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आखरी ली गई तस्वीर की मदद से ये पता लगा सकते हैं कि कैप्सूल कहां फसी हुई है।
यदि आपको पेट में दर्द होता है या आपकी आंत का संकीर्णता का खतरा है, तो आपके डॉक्टर को कैप्सूल एंडोस्कोपी का उपयोग करने से पहले आपको एक संकरा देखने के लिए सीटी स्कैन कराने की आवश्यकता होगी। यहां तक कि अगर सीटी स्कैन कोई संकीर्णता नहीं दिखाता है, तब भी कैप्सूल के अटकने की बहुत कम संभावना है।
यदि कैप्सूल बाउल मूवमेंट में पारित नहीं हुआ है लेकिन किसी तरह का लक्षण भी नहीं पैदा करता है तो डॉक्टर आपके शरीर से कैप्सूल को बाहर आने के लिए थोड़ा समय दे सकते हैं। हालांकि एक कैप्सूल जो आंत में रुकावट के संकेत और लक्षण देता है इसके लिए सर्जरी या पारंपरिक एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के जरिए इसे हटा दिया जाता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह कहां अटका है। ऐसी स्थिति में अगर कैप्सूल अपने आप बाहर नहीं आती है तो एंडोस्कोपीया ऑपरेशन की मदद से कैप्सूल को निकाला जा सकता है। कौन सा तरीका अधिक कारगर है ये इसपर निर्भर करेगा कि कैप्सूल कहां पर फंसी हुई है।
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कैप्सूल एंडोस्कोपी करने से पहले डॉक्टर आपको ये तैयारियां करने को कहेंगें :
है। समाप्ति के लिए डॉक्टर पैच को निकालेंगें और रिकॉर्डर को भी हटाया जाएगा। आठ घंटे बाद कैप्सूल अपने आप शरीर से स्टूल के साथ बाहर आ जाएगी।
नहीं आ रही तो डॉक्टर से मिलकर आगे की सलाह लें। हो सकता है आपको सर्जरी करवानी पड़ जाए।
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इस जांच से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर
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