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मूंगफली और मसूर की दाल हैं वेजीटेरियन प्रोटीन फूड, जानें कितनी मात्रा में इनसे मिलता है प्रोटीन

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/05/2020

    मूंगफली और मसूर की दाल हैं वेजीटेरियन प्रोटीन फूड, जानें कितनी मात्रा में इनसे मिलता है प्रोटीन

    वेजीटेरियन और नॉन वेजीटेरियन फूड में अंतर बताते समय एक बात मुख्य रूप से कही जाती है कि वेज फूड में उचित मात्रा में प्रोटीन नहीं पाया जाता है। क्या आपको भी ये बात सच लगती है। सच तो ये है कि प्रोटीन फूड वेजीटेरियन डायट में भी शामिल होते हैं। भले ही लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी न हो, लेकिन ये सच बात है। वेजीटेरियन फूड में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। एक्सपर्ट्स का ये मामना है कि अगर अगर ढंग से डायट प्लान की जाए तो कुछ प्लांट्स फूड में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन की सही मात्रा वजन ज्यादा नहीं होने देती है। साथ ही प्रोटीन फूड मसल्स को स्ट्रेंथ देने का काम करते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि वेजीटेरियन प्रोटीन फूड कौन से हैं।

    प्रोटीन फूड में शामिल करें सेटन (Seitan)

    वेजीटेरियन प्रोटीन फूड में सेटन बेस्ट ऑप्शन है। सेटन को वेजीटेरियन या फिर वेगन के लिए मीट सब्सटीट्यूट माना जाता है। सेटन व्हीट ग्लूटन से बना होता है और इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। ये ग्लुटन से मिलकर बना होता है। इसे व्हीट ग्लूटेन के नाम से भी जानते हैं। व्हीट को पानी से गूंथने के बाद चिपचिपा पदार्थ निकलता है, उसी से  व्हीट ग्लूटेन बनाया जाता है। सेटन का यूज डिश बनाने में किया जाता है। साथ ही कुछ लोग इसे मीट के ऑप्शन की तरह भी करते हैं। इसे खाने से उचित मात्रा में शरीर में प्रोटीन पहुंचता है। इसे ग्रोसरी स्टोर से खरीदा जा सकता है। इसे घर में भी प्यूरीफाइड ड्राई ग्लुटेन पाउडर और पानी से बनाया जा सकता है। यह आटे से बना होता है इसलिए यह उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है जिन्हें सोया से एलर्जी होती है या जो सोया के प्रति संवेदनशील होते हैं।

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    प्रोटीन फूड के लिए मसूर की दाल

    240 मिली मसूर की दाल में 18 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है। प्रोटीन फूड में मसूर की दाल को शामिल करना बेहतर ऑप्शन है। मसूर की दाल का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में किया जाता है। मसूर की दाल पचने में आसान होती है। साथ ही दाल में पचने वाले कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है। एक कप मसूर की दाल से (240 मिली) फाइबर का प्रतिदिन का 50% प्रतिशत जरूरत पूरी हो सकती है। दाल में पाए जाने वाला फाइबर कोलन में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने का काम करता है। साथ ही मसूर की दाल से दिल की बीमारी, डायबिटीज, शरीर का अतिरिक्त वजन और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम से बचने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा मसूर की दाल में फोलेट, मैंगनीज और आयरन भी पाया जाता है। एंटीऑक्सिडेंट और हेल्थ प्रमोटिंग कम्पाउंड भी पाए जाते हैं।

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    चिकपीज और बींस प्रोटीन फूड में हैं शामिल

    चिकपीज और बींस को प्रोटीन फूड में शामिल किया गया है और इसे प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है। ये बोंस, मसल्स और स्किन हेल्थ के लिए जरूरी होता है। चावल और छोले की सब्जी लोगों को ज्यादातर पसंद होती है, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता है कि इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। एक कप चिकपीज में एक वयस्क मनुष्य की डेली प्रोटीन नीड का वन थर्ड पाया जाता है। चिकपीज में प्रेजेंट न्युट्रिएंट्स की हेल्प से कई हेल्थ कंडीशन से बचा जा सकता है। एक कप चिकपीज में 12.5 ग्राम फाइबर होता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने डायबिटीज से ग्रसित लोगों को चिकपीज खाने की सलाह दी है।

    प्रोटीन फूड में सोया प्रोडक्ट

    प्रोटीन फूड में सोया प्रोडक्ट को यूज करना बेहतर ऑप्शन है। अगर कोई व्यक्ति सोया प्रोडक्ट (सोयाबीन) ले रहा है तो उसे एक कप में लगभग 10 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होगा। वहीं सोयाबीन के एक कप में 8.5 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होता है। लोग टोफू को मीट के ऑप्शन के रूप में अपनाते हैं। टोफू को सैंडविच या सूप में यूज किया जा सकता है। टोफू को मीठे व्यजनों में भी अपनाया जाता है। सोया प्रोडक्ट में कैल्शियम और आयरन भी उचित मात्रा में पाया जाता है। डेयरी प्रोडक्ट में भी सोया का यूज किया जाता है।

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    प्रोटीन फूड में न्यूट्रिशनल यीस्ट भी है शामिल

    यीस्ट यानी कि कवक। यीस्ट का यूज कई खानपान की समाग्री में किया जाता है। न्यूट्रिशनल यीस्ट पाउडर के रूप में आता है और इसमें उचित मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। कुछ डिश जैसे कि मैश्ड पटैटो और तले हुए चोफू को स्वादिष्ट बनाने के लिए न्यूट्रिशनल यीस्ट का प्रयोग किया जाता है। न्यूट्रिशनल यीस्ट का यूज पास्ता और पॉपकॉर्न के लिए भी किया जाता है। प्लांट प्रोटीन सोर्स के पर आउंस में 14 ग्राम प्रोटीन और 7 ग्राम फाइबर उपस्थित होता है। न्यूट्रिशनल यीस्ट में जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर, मैग्नीज और विटामिन बी पाया जाता है।

    प्रोटीन फूड के लिए स्पेल्ट और टेफ (Spelt and Teff)

    स्पेल्ट और टेफ को प्राचीन आनाज के रूप में जाना जाता है। अन्य प्रचीन आनाज भी हैं, जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। इन आनाजों में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। कुछ आनाज जैसे एंकॉर्न, जौ, सोरघम और फारो ( einkorn, barley, sorghum and farro) सेहत के लिए अच्छे होते हैं। स्पेल्ट वीट का टाइप होता है। इसमे भी ग्लुटेन पाई जाती है। जबकि टेफ में ग्लुटेन नहीं पाई जाती है। स्पेल्ट और टेफ के पके हुए एक कप में 10-12 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें अन्य आनाज के मुकाबले प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है।

    प्रोटीन फूड के लिए अपनाए मूंगफली

    मूंगफली प्रोटीन से भरपूर और स्वास्थ्यवर्धक होती है। मूंगफली में वसा भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। मूंगफली हृदय स्वास्थ्य में सुधार करती है। मूंगफली के प्रति एक कप में लगभग 20.5 ग्राम प्रोटीन होता है। मूंगफली का मक्खन भी प्रोटीन से भरपूर होता है। 8 ग्राम प्रति चम्मच मूंगफली का मक्खन (पीनट बटर) रोजाना खाने में शामिल किया जा सकता है। मूंगफली को भुना हुआ खाना अधिक पसंद किया जाता है।

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    प्रोटीन फूड के लिए चिया बीज

    बीज यानी की सीड कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ होते हैं। सीड्स में फाइबर और हार्ट हेल्दी ओमेगा-3 फैटी एडिस पाया जाता है। चिया बीज को प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है। चिया बीज के प्रति चम्मच में 2 ग्राम प्रोटीन होता है। चिया बीज को दही के ऊपर डाला जा सकता है। साथ ही हलवा बनाने से पहले चिया सीड्स को दूध में भिगोया जा सकता है। इसे सुपरमार्केट या फिर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।

    प्रोटीन फूड के लिए डायट में हरी मटर

    विंटर सीजन में हरी मटर लोगों का प्रिय भोजन बन जाती है। ज्यादातर डिश में लोग हरी मटर का प्रयोग करते हैं। एक कप पकी हुई हरी मटर (240 मिली) में 9 ग्राम प्रोटीन होता है। इतना ही प्रोटीन एक कप दूध में भी पाया जाता है। हरी मटर में फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, थायमिन, फोलेट और मैंग्नीज भी पाया जाता है। ये सभी न्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। हरी मटर को आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, कॉपर और विटामिन बी का अच्छा सोर्स माना जाता है। मटर को सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है। मटर के स्टफ परांठे, थाई इंस्पायर्ड पी सूप और एवोकाडो गुआकेमोले (Avocado guacamole) के रूप में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

     प्रोटीन फूड के लिए आमरंथ और क्विनोआ

    आमरंथ और क्विनोआ ग्लूटेन फ्री अनाज हैं। आमरंथ और क्विनोआ घास से नहीं उगते हैं, जैसे कि अन्य अनाज उगते हैं। इस कारण से इसे टेरक्निकल रूप से स्यूडोसीरियल्स (pseudocereals) भी कहा जाता है। आमरंथ और क्विनोआ को आटे में रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। आमरंथ और क्विनोआ के एक कप यानी 240 मिली में 8 से 9 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके साथ ही आमरंथ और क्विनोआ कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, फाइबर, आयरन, मैंग्नीज, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम के अच्छे सोर्स माने जाते हैं।

    प्रोटीन फूड के लिए आलू को खाने में करें शामिल

    एक बड़ा बेक्ड आलू शरीर को 8 ग्राम प्रोटीन प्रदान करता है। आलू में अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जैसे पोटेशियम और विटामिन सी। भारतीय घरों में आलू का प्रयोग ज्यादातर सब्जियों में किया जाता है। आलू का प्रयोग नाश्ते और लंच में भी किया जाता है।

    प्रोटीन फूड के लिए सोया मिल्क

    सोया मिल्क प्रोटीन फूड के रूप में अपनाया जा सकता है। सोया मिल्क में विटामिन के साथ ही मिनिरल्स भी पाए जाते हैं। सोया मिल्क को गाय के दूध का अल्टरनेटिव माना जा सकता है। सोया मिल्क के एक कप दूध में 7 ग्राम प्रोटीन होती है। साथ ही सोया मिल्क में कैल्शियम, विटामिन बी भी पाया जाता है।

    कॉटेज चीज

    कॉटेज चीज में प्रोटीन अधिक मात्रा में और कैलोरी बहुत कम मात्रा में पाई जाती है। 100 ग्राम कॉटेज चीज से आपको 23 ग्राम प्रोटीन मिलता है जो कि एक अंडे से भी ज्यादा है।

    ओट्स और ओटमील

    ओट्स के फायदे तो आप जानते होंगे। यह डायट में प्रोटीन एड करने का सबसे आसान तरीका है। एक कप (120ml) ड्राई ओट्स से आपको 6 ग्राम प्रोटीन और 4 ग्राम फाइबर मिलता है। इसमें मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस और फोलेट भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

    अगर शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रोटीन सप्लीमेंट न लें। शरीर में प्रोटीन की कमी न हो, इसके लिए रोजाना पौष्टिक आहार का सेवन करें। किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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