के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
बेकर सिस्ट को पोपलाइटल सिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह पोपलाइटल की जगह पर होने वाली सूजन है। पोपलाइटल घुटने के पीछे की जगह को कहते हैं। बेकर सिस्ट होने पर घुटनों में कठोरता आ जाती है और घुटने में दर्द होता है। सिस्ट गांठ को कहते हैं जो घुटने में दर्द का कारण बनती है। ऐसे में मरीज घुटने मोड़ने या पैर को सीधे फैलाने में असमर्थ होता है।
जब किसी को गठिया की समस्या होती है तो घुटने में बहुत अधिक तरल पदार्थ पैदा होता है जो बेकर सिस्ट का निर्माण कर देता है। इलाज के बाद ये समस्या ठीक हो सकती है। बेकर सिस्ट से कोई बीमारी लंबे समय तक नहीं होती है। बेकर सिस्ट आमतौर पर उन महिलाओं को होता है जिनकी उम्र 40 पार होती है।
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घुटनों में साइनोविअल नाम का एक तरल पदार्थ होता है, जिससे घुटनों को मोड़ने, हिलाने और सुचारू रूप से चलने में मदद होती है। साथ ही यह घुटनों के बीच होने वाले घर्षण को कम करता है। कभी-कभी घुटने बहुत अधिक साइनोविअल द्रव का उत्पादन करते हैं, जिसके चलते घुटने के पीछे के हिस्से में बेकर सिस्ट हो जाती है। यही बेकर सिस्ट की बीमारी कहलाती है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं:
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बेकर सिस्ट के ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि इसके इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। यह अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि सूजन बढ़ने से भयानक दर्द होता है, जिसका इलाज करवाना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर आपका निम्नलिखित तरीकों से इलाज कर सकते हैं।
सिस्ट के तरल पदार्थ को बाहर निकालना
आपका डॉक्टर घुटने के जोड़ में एक इजेक्शन डालेगा और सिस्ट के तरल पदार्थ को बाहर निकाल देगा। इसके लिए अल्ट्रासाउंड की मदद ले सकते हैं जिससे सिस्ट वाली जगह को देखा जा सके।
डॉक्टर आपको नियमित रूप से करने के लिए कुछ व्यायाम और थेरेपी बताएंगे। व्यायाम से मरीज को आराम मिल सकता है। इससे आप अपने घुटनों और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। साथ ही वे ये भी कह सकते हैं कि चलते समय बैसाखी का उपयोग करें। इससे दर्द कम होगा। डॉक्टर आपको दर्द कम करने के लिए बर्फ से सिकाई करने के लिए भी कह सकते हैं।
डॉक्टर आपको कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा जैसे कि कोर्टिसोन दे सकता है। डॉक्टर इस दवा को आपके शरीर में इंजेक्ट करेगा जिससे घुटनों की सिस्ट गलने लगेगी। साथ ही इससे दर्द भी कम होगा। लेकिन यह हमेशा कारगर नहीं होता है।
इलाज करते समय डॉक्टर इस बात का ध्यान रखते हैं कि सिस्ट फिर से ना हो जाए। इलाज के बाद कुछ समय तक सिस्ट की जांच नहीं करते हैं। धीरे—धीरे वो गलती जाती है और समस्या खत्म होने लगती है। अगर इलाज के बाद भी सिस्ट नहीं गलती तो डॉक्टर मरीज को सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
अगर आपको गठिया की वजह से बेकर सिस्ट हुई तो डॉक्टर सिस्ट से पहले गठिया का इलाज करते हैं। अगर सिस्ट की वजह से दर्द होता है तो वे दर्द की दवा दे सकते हैं। गठिया का इलाज होने पर सिस्ट अपने आप की खत्म हो जाती है। अगर सिस्ट होने के बाद मरीज अपने पैर को हिलाने—डुलाने में असमर्थ होते हैं तो भी डॉक्टर सर्जरी करवाने को कह सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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