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Lumbar (low back) herniated disk : लंबर हर्नियेटेड डिस्क क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/09/2020

Lumbar (low back) herniated disk : लंबर हर्नियेटेड डिस्क क्या है?

परिचय

लंबर हर्नियेटेड डिस्क क्या है?

रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए इनके बीच छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं। इसी से रीढ़ की हड्डी लचीली रहती है। ​यह डिस्क रीढ़ की हड्डी को किसी झटके के आघात से बचाती हैं। इन्हें स्पाइनल डिस्क भी कहा जाता है। ये डिस्क बहुत नरम जेल जैसे होते हैं। जब यह डिस्क टूट जाती या इसमें सूजन आ जाती है तो इसे स्लिप डिस्क या लंबर हर्नियेटेड डिस्क कहते हैं। लंबर हर्नियेटेड डिस्क होने पर डिस्क फूल जाती हैं और अपनी सीमा से बाहर आ जाती हैं। ऐसा होने पर डिस्क में मौजूद द्रव लीक होने लगता है। 

इससे रीढ़ की हड्डी के आस—पास की तंत्रिका प्रभावित होती है। हर्नियेटेड डिस्क जहां पर होता है, उसके आधार पर हाथ या पैर में दर्द, सुन्नता या कमजोरी हो सकती है। कई लोगों को लंबर हर्नियेटेड डिस्क से कोई लक्षण नहीं होते हैं। आमतौर पर लंबर हर्नियेटेड डिस्क से राहत पाने के लिए सर्जरी आवश्यक नहीं है। इलाज के 6 हफ्ते के अंदर लोग इससे रिकवर करने लगते हैं।

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लक्षण

लंबर हर्नियेटेड डिस्क के लक्षण क्या है?

  • लंबर हर्नियेटेड डिस्क होने पर मरीज को सबसे पहले दर्द की महसूसता हो सकती है। यह समस्या रीढ़ के लोअर बैक में होती है।
  • लंबर हर्नियेटेड डिस्क आपके कूल्हे के ठीक ऊपर के हिस्से में सबसे आम है। इससे मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है
  • इससे आपके पीठ, नितंबों और जांघों तक में दर्द हो सकता है। झुकने, उठने, मुड़ने और बैठने जैसी गतिविधि दर्द को बढ़ा सकती है। ज्यादा दर्द होने पर घुटने मोड़ने पर  अपनी पीठ पर फ्लैट लेटने से आराम मिलता है। इस तरह लेटने से रीढ़ पर दबाव कम पड़ता है।
  • लंबर हर्नियेटेड डिस्क से उस समय ज्यादा असुविधा होती है जब आप शरीर से ज्यादा काम लेते हैं। आराम करने पर समस्या कम होती है। यहां तक कि खांसने, छींकने और बैठने से भी नसों पर दबाव पड़ता है और आपको भयानक दर्द हो सकता है।
  • उम्र के साथ भी डिस्क घिसने लगती हैं। जैसे—जैसे उम्र बढ़ती है डिस्क घिसती और उसका लचीलापन धीरे—धीरे खत्म होता जाता है।
  • कुछ गंभीर मामलों में, आपका पैर पर से नियंत्रण खो सकता है। मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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कारण

लंबर हर्नियेटेड डिस्क के कारण क्या है?

लंबर हर्नियेटेड डिस्क होने के कई कारण होते हैं। जो निम्नलिखित हैं:

  • यह उम्र बढ़ने के साथ हो सकता है। उम्र बढ़ते ही डिस्क घिसने लगते हैं और अपनी जगह से हट जाते हैं। उम्र के साथ डिस्क भी लचीली होती जाती है और मामूली तनाव या मरोड़ से फटने का खतरा बना रहता है।
  • कभी-कभी भारी वस्तुओं को उठाने से भी लंबर हर्नियेटेड डिस्क हो जाता है। जब आप कोई भारी चीज उठाते हो तो पैर और जांघ की मांसपेशियां खिंचने के बजाय अपनी पीठ की मांसपेशियां खिंच जाती हैं और हर्नियेटेड डिस्क की समस्या हो जाती है। किसी भारी चीज को उठाने के दौरान रीढ़ की हड्डी मुड़ जाती है और डिस्क पर ज्यादा दबाव पड़ने से वो फट जाती हैं।

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अचानक पीठ पर कोई झटका या चोट लगने से भी लंबर हर्नियेटेड डिस्क हो सकता है। हर्नियेटेड डिस्क होने कुछ अन्य कारण भी हैं:

  • वजन: शरीर का बहुत अधिक वजन होने से पीठ के निचले हिस्से में डिस्क पर ज्यादा तनाव पड़ता है। जिससे यह बीमारी हो सकती है।
  • व्यवसाय: बहुत ज्यादा शारीरिक काम करने वाले लोगों को पीठ की समस्याओं का अधिक खतरा होता है। एक ही शारीरिक प्रक्रिया बार—बार किए जाने पर लंबर हर्नियेटेड डिस्क का खतरा बढ़ जाता है। जैसे उठाने, खींचने, धक्का देने, झुकने और शरीर को बार—बार घुमाने पर ये बीमारी हो सकती है।
  • वंशानुगत: कुछ लोगों को हर्नियेटेड डिस्क की बीमारी परिवार के किसी सदस्य से भी मिली होती है।
  • धूम्रपान: ऐसा देखा गया है कि धूम्रपान करने से डिस्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे डिस्क जल्दी टूट जाती हैं।

परीक्षण

लंबर हर्नियेटेड डिस्क का परीक्षण क्या है?

  • डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखने के बाद शारीरिक परीक्षण करते हैं। आपके लक्षणों के आधार पर ही डॉक्टर ​इलाज करना शुरू करते हैं। इलाज से पहले डॉक्टर आपके कई तरह के परीक्षण करेगा।
  • सबसे पहले वे न्यूरोलॉजिकल परीक्षण करते हैं, डॉक्टर ये पता लगाएंगे कि कौन सी मांसपेशियां कमजोर हुई हैं। इसके लिए वे पैर और एड़ी को आगे—पीछे घुमाकर चेक करेंगे। ऐसा करने से पता चल जाएगा कि किस मांसपेशी में ताकत है और किसमें नहीं।
  • इस बीमारी में डॉक्टर एसएलआर का परीक्षण भी करते हैं। यह परीक्षण 35 वर्ष से कम आयु के रोगियों में होता है। परीक्षण के दौरान, आप अपनी पीठ पर लेट जाते हो और आपका डॉक्टर सावधानीपूर्वक आपके प्रभावित पैर को उठाता है। आपका घुटना सीधा रहता है। यदि आप अपने पैर और घुटने के नीचे दर्द महसूस करते हैं, तो यह एक संकेत है कि आपको हर्नियेटेड डिस्क की समस्या है।
  • डॉक्टर कुछ इमेजिंग परीक्षण भी करवाते हैं जिसमें एमआरआई होता है। एमआरआई कराने पर डिस्क की समस्या तस्वीरों के माध्यम से साफ—साफ देखी जा सकती है।
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इलाज

लंबर हर्नियेटेड डिस्क का इलाज क्या है?

  • डॉक्टर सबसे पहले दर्द की दवा देते हैं। दर्द कम होने के बाद इलाज करना आसान रहता है।
  • दर्द कम करने के लिए डॉक्टर एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या नेपरोक्सन सोडियम जैसी दवाई लेने के लिए कह सकते हैं।
  • इसके अलनावा कोर्टिसोन इंजेक्शन भी असरदार होते हैं। यदि आपके दर्द में दवाओं से आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन लगा सकता है। इसे रीढ़ की नसों के आसपास के क्षेत्र में इंजेक्ट किया जा सकता है।
  • मांसपेशियों को आराम देने के लिए भी कुछ दवाएं दी जाती हैं। इससे  बेहोशी और चक्कर जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
  • डॉक्टर हाथ—पैरों के दर्द के साथ हर्नियेटेड डिस्क के दर्द को कम करने के लिए कुछ व्यायाम बता सकते हैं।
  • जब समस्या ज्यादा गंभीर होती है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। इसमें स्पाइनल डिस्क के हर्नियेटेड हिस्से को हटा दिया जाता है। आमतैर पर 6 हफ्तों के अंदर मरीज ठीक होने लगते हैं।
  • सर्जरी के बाद भी आपको दर्द बना रह सकता है। साथ ही कमजोरी भी होती है।
  • खड़े होकर चलने में कठिनाई महसूस होती है। मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं रहता। लगभग सभी मामलों में, सर्जन डिस्क के सिर्फ उभरे हुए हिस्से को हटाते हैं। शायद ही कभी, पूरी डिस्क को हटाया जाता हो।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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