के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए इनके बीच छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं। इसी से रीढ़ की हड्डी लचीली रहती है। यह डिस्क रीढ़ की हड्डी को किसी झटके के आघात से बचाती हैं। इन्हें स्पाइनल डिस्क भी कहा जाता है। ये डिस्क बहुत नरम जेल जैसे होते हैं। जब यह डिस्क टूट जाती या इसमें सूजन आ जाती है तो इसे स्लिप डिस्क या लंबर हर्नियेटेड डिस्क कहते हैं। लंबर हर्नियेटेड डिस्क होने पर डिस्क फूल जाती हैं और अपनी सीमा से बाहर आ जाती हैं। ऐसा होने पर डिस्क में मौजूद द्रव लीक होने लगता है।
इससे रीढ़ की हड्डी के आस—पास की तंत्रिका प्रभावित होती है। हर्नियेटेड डिस्क जहां पर होता है, उसके आधार पर हाथ या पैर में दर्द, सुन्नता या कमजोरी हो सकती है। कई लोगों को लंबर हर्नियेटेड डिस्क से कोई लक्षण नहीं होते हैं। आमतौर पर लंबर हर्नियेटेड डिस्क से राहत पाने के लिए सर्जरी आवश्यक नहीं है। इलाज के 6 हफ्ते के अंदर लोग इससे रिकवर करने लगते हैं।
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लंबर हर्नियेटेड डिस्क होने के कई कारण होते हैं। जो निम्नलिखित हैं:
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अचानक पीठ पर कोई झटका या चोट लगने से भी लंबर हर्नियेटेड डिस्क हो सकता है। हर्नियेटेड डिस्क होने कुछ अन्य कारण भी हैं:
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