के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एंकल बर्साइटिस बर्सा में होने वाली सूजन है। बर्सा शरीर के जोड़ों में स्थित एक थैली होती है। इसमें जेल जैसा एक पदार्थ भरा होता है। यह जोड़ों में चिकनाई पैदा करता है और घर्षण कम होता है। बर्सा जोड़ों की हड्डी के बीच एक कुशन की तरह स्थित होता है। शरीर में एड़ी कई हड्डियों के साथ मिलकर बनी होती है। जिससे एड़ी शरीर से पड़ने वाले भार को आसानी से उठाती है।
एड़ी के द्वारा ही मानव खड़े होना, चलना, दौड़ना और कूदना जैसे कार्य कर पाता है। साथ ही पहाड़ों पर या समतल जगह पर चलने के लिए भी एड़ी सहायक होती है। ऐसे में अगर एंकल बर्साइटिस हो जाता है तो चलने-फिरने में बहुत दर्द होता है। कभी—कभी तो मरीज का खड़ा होना भी मुश्किल होता है।
एंकल बर्साइटिस किसी चोट या संक्रमण की वजह से वजह से होता है। किसी मरीज को लंबे समय से ऑस्टियोआर्थराइटिस या गाउट की समस्या है तो ये भी बर्सा में सूजन का कारण बनती है। एंकल बर्साइटिस का इलाज दवाओं या सर्जरी से हो जाता है। वहीं कुछ घरेलू उपचार भी दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
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एंकल बर्साइटिस तब होता है जब बर्सा में सूजन आ जाती है। एंकल बर्साइटिस होने का मुख्य कारण कोई बीमारी, चोट या बिना फिटिंग के जूते पहनना है। फिटिंग के जूते पहनने पर एड़ी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है जिसकी वजह से बर्सा की सूजन हो जाती है।
एंकल बर्साइटिस होने के कुछ अन्य कारण भी है, जो इस प्रकार हैं-
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एंकल बर्साइटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। आपको एड़ी के आसपास दर्द की महसूसता होगी। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं:
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सबसे पहले डॉक्टर आपकी एड़ी की जांच करेंगे। वो आपसे लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी लेंगे। इसके बाद निम्नलिखित परीक्षण करवाने के लिए कहेंगे:
रक्त परीक्षण: संक्रमण की जांच के लिए आपको रक्त परीक्षण की आवश्यकता होगी। डॉक्टर उन बीमारियों के लिए जांच कर सकते हैं जो आपके बर्साइटिस का कारण होगी, जैसे कि ह्यूमेटॉयड गठिया।
एक्स-रे: एक्स रे कर आपकी एड़ी की हड्डी का चित्र निकाला जाएगा। इससे हड्डियों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या जैसे गठिया या फ्रैक्चर को देखा जा सकेगा।
एमआरआई: एड़ी की साफ तस्वीरें लेने के लिए एमआरआई में एक शक्तिशाली मैग्नेट और कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। एमआरआई से किसी ऊतक में समस्या या गठिया को आसानी से देखा जा सकता है। चित्रों को साफ तरीके से देखने के लिए डॉक्टर डाई का इस्तेमाल करते हैं। मरीज को डॉक्टर को ये भी बताना चाहिए कि उन्हें डाई से किसी भी तरह की एलर्जी तो नहीं है। किसी भी मेटल या धातु के साथ एमआरआई रूम में नहीं जाना चाहिए। धातु से आपको गंभीर चोट लग सकती है। यदि आपके पास या आपके शरीर में कोई धातु है तो डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें क्योंकि एमआरआई के लिए एक शक्तिशाली मैग्नेट का प्रयोग किया जाता है।
फ्लूड कल्चर: इन सब जांचों से भी समसया का पता नहीं चल रहा है तो डॉक्टर आपके एड़ी के बर्सा से इंजेक्शन द्वारा तरल पदार्थ निकालेंगे। इस तरल पदाथ को प्रयोगशाला में भेज उसकी जांच करवाई जाएगी। इस जांच से बर्सा में किसी भी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। बर्सा के तरल पदार्थ से आपके लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलेगी।
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