प्रत्येक महिला को अपने जीवन में रजोनिवृति (मेनोपॉज) का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यह महिलाओं के प्रजनन से संबंधित एक बायोलॉजिकल प्रॉसेस है। रजोनिवृत्ति (Menopause) का समय हर एक महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड के डॉ, हसमुख रावत, सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोजॉजिस्ट का कहना है,’ रजोनिवृत्ति एक ऐसा दौर है, जिसका सामना हर महिला को अपनी बढ़ती उम्र के साथ करना होता है। साधारण तौर पर, यह 49 से 52 वर्ष की उम्र में होता है। रजोनिवृत्ति की पहचान उस अवस्था से होती है, जिसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हाॅर्मोन का उत्पादित होता बंद हो जाता है और लगातार 12 माह तक मासिक चक्र नहीं आता। इस जैविक क्रिया के दौरान अनेक महिलाएं शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का अनुभव करती हैं। इन लक्षणों में शामिल हैंः थकान, अचानक बुखार जैसा महसूस होना, चक्कर आना, योनी का सूखापन, नींद का अव्यवस्थित होना, मूड का अचानक बहुत अच्छा या खराब होना, वजन बढ़ना और अनियंत्रित पेशाब होना आदि।’
रजोनिवृति (Menopause) के लक्षण क्या हैं?