- 9 से 14 साल के एज ग्रुप के बच्चों को वैक्सीन लगवाएं। इन्हें वैक्सीन की 2 डोज दी जाती है और डोज में 6 से 12 महीने का गैप रखा जाता है।
- 15 वर्ष से ज्यादा उम्र होने पर 6-6 महीने के गैप पर वैक्सीन की 3 डोज दी जाती है।
- 27 से 45 वर्ष के लोगों ने अगर पहले HPV वैक्सीन नहीं लिया है, तो उन्हें गार्डासिल 9 (Gardasil 9) की शॉट दी जाती है।
नोट: HPV के प्रकार (Types of HPV) और HPV वैक्सीन की डोज भी हर उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग होती हैं। इसलिए वैक्सिनेशन के पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें और फिर वैक्सीन लें। ऐसा करने से आप किसी भी साइड एफ्फेट्स से बच सकते हैं।
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HPV वैक्सीन से जुड़ी खास जानकारी
- HPV वालेन्ट वैक्सीन (HPV bivalent vaccine) HPV 16 and 18 से बचाव के लिए दी जाती है।
- HPV क्वाड्रीवॉलेंट वैक्सीन (HPV quadrivalent vaccine) HPV के प्रकार में शामिल 6, 11, 16 और 18 से बचाव के लिए दी जाती है।
- HPV 9 वॉलेट वैक्सीन (HPV 9-valent vaccine) HPV के प्रकार में शामिल 6, 11, 16, 18, 31, 33, 45, 52 और 58 से बचाव के लिए दी जाती है।
टीकाकरण से HPV के प्रकार और HPV वैक्सीन से जुड़ी इन 3 बातों को अवश्य ध्यान रखें।
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HPV वैक्सीन किन लोगों को नहीं लेना चाहिए?
एचपीवी वैक्सीन गर्भवती महिलाओं (Pregnant lady) या ऐसे लोगों को नहीं लेना चाहिए जो मामूली या गंभीर रूप से बीमार हों। डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री या अगर आप किसी भी तरह के एलर्जी के शिकार हैं, तो इसकी जानकारी अवश्य दें। इसके अलावा अगर आपको वैक्सीन के पहले डोज से कोई परेशानी या एलर्जी (Allergy) की समस्या हुई है, तो हेल्थ एक्सपर्ट को जरूर बताएं।
अगर कोई व्यक्ति पहले वैक्सिनेशन के पहले से इन्फेक्टेड है, तो क्या टीका से इलाज संभव है?
अगर आप पहले से या आपको पहले कभी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (HPV) हो चूका है, तो टिका आपके लिए इलाज में कारगर नहीं माना जाता है। हालांकि रिसर्च के अनुसार अगर आप बाद में भी (HPV इंफेक्शन होने के बाद) वैक्सिनेशन करवाते हैं, तो इससे दूसरे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD’s) का खतरा टल सकता है। इसलिए डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन को देखते हुए वैक्सिनेशन की सलाह दे सकते हैं।
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HPV से बचने के लिए क्या हैं टिप्स? (Tips for HPV)
HPV (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
- इन्फेक्टेड व्यक्ति से फिजिकल कॉन्टैक्ट में रहें।
- एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध ना बनायें।
- इंटरकोर्स के दौरान हमेशा कॉन्डोम (Condom) का इस्तेमाल करें।
इन 3 बातों को ध्यान में रखकर ह्यूमन पेपीलोमा वायरस के साथ-साथ अन्य सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) से बचा जा सकता है।
HPV वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं? (Side effects of HPV Vaccine)
HPV वैक्सिनेशन के बाद प्रायः इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, सूजन एवं उस एरिया में स्किन का लाल होना सामान्य है। अगर ये परेशानी ज्यादा दिनों तक बनी रहे या कोई अन्य शारीरिक परेशानियां समझ आये, तो देर ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
नोट: रिसर्च के अनुसार अगर वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति की उम्र 18 साल से कम है, तो बिना डॉक्टर के सलाह लिए वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
अगर आप ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV), HPV के बचाव या HPV के प्रकार (Types of HPV) से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। ध्यान रखें किसी भी बीमारी का इलाज नेगेटिव सोच, तनाव, घबराहट या शर्माने से नहीं किया जा सकता है। इसलिए किसी भी बीमारी या शारीरिक परेशानी होने पर अपने करीबी और डॉक्टर से बात करें और स्वस्थ्य रहें।
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