
ट्राइकोमोनिएसिस का घरेलू इलाज एप्पल साइडर विनेगर से भी किया जा सकता है। एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar) में काफी मात्रा में एसिटिक एसिड, सिट्रिक और मैलिक एसिड होता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन, एंजाइम, मिनरल और एमिनो एसिड भी मौजूद हैं। एप्पल साइडर विनेगर में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण भी मौजूद होते हैं, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है। इसलिए पानी में एप्पल साइडर विनेगर को मिलाकर कॉटन की मदद से वजायना को क्लीन करें। ऐसा करने से इंफेक्शन की समस्या दूर होगी।
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लहसून (Garlic)

एंटीवायरल, एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी माने जाते हैं। साल 2013 में पब्लिश्ड एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार ट्राइकोमोनिएसिस का घरेलू इलाज लहसून से किया जा सकता है। दरअसल ट्राइकोमोनिएसिस से छुटकारा पाने के लिए नियमित कच्चे लहसून का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। आप चाहें, तो गार्लिक सप्लिमेंट का सेवन भी कर सकते हैं।
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बर्गमोट ऑयल (Bergamot Oil)

औषधीय गुणों से भरपूर इसके तेल को खाने और ड्रिंक्स में फ्लेवर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से लाभदायक हो सकता है लेकिन, अगर इसे अनुचित तरीके से उपयोग किया जाता है, तो यह हानिकारक भी साबित हो सकता है। बर्गमोट में प्राकृतिक तौर पर जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ रखने में मदद करते हैं। इसका इस्तेमाल आमतौर पर सैनिटाइजर के रूप में अधिक किया जाता है। अगर ट्राइकोमोनिएसिस का घरेलू इलाज बर्गमोट से करना चाहते हैं, तो आप स्नान करने के दौरान पानी में इस ऑयल को मिलाकर स्नान कर सकते हैं या इस ऑयल को पानी में मिक्सकर वजायना को साफ रख सकते हैं। इससे किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा जा सकता है।
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हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide)

हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक प्राकृतिक रोगाणुरोधी है, जिसका इस्तेमाल इंफेक्शन को कम करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल एक एंटीसेप्टिक, डिसइन्फेक्टेंट, और डिओडोरेंट के रूप में भी किया जाता है। रिसर्च के अनुसार ट्राइकोमोनिएसिस का घरेलू इलाज करने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल किया जा सकता है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड की मदद से वजायना को क्लीन रखने में मदद मिलती है, क्योंकि इससे बैड बैक्टीरिया डेवलप नहीं हो पाते हैं।
नोट: इन घरेलू उपायों को अपनाकर ट्राइकोमोनिएसिस की तकलीफ को दूर किया जा सकता है, लेकिन इससे अगर आपको कोई साइड इफेक्ट्स हो, तो इन उपायों को ना करें और डॉक्टर से सलाह लें।
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इन घरेलू उपायों को करने के बाद भी अगर आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। इन लक्षणों में शामिल है-
- शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द महसूस होना
- पेशाब करने के समय दर्द होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
- वजायना से बदबूदार डिस्चार्ज (यह सफेद, ग्रे, पीला या हरा हो सकता है)
- वजायना का लाल होना, जलना या खुजली होना
अगर आपको ऐसी परेशानी महसूस हो रही है, तो देर ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
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ट्राइकोमोनिएसिस का इलाज नहीं करवाने पर क्या परेशानी हो सकती है?
अगर वक्त रहते इस छोटी सी शारीरिक परेशानी का इलाज नहीं करवाया गया, तो इससे निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- गर्भवती महिलाओं में समय से पहले डिलीवरी की संभावना ज्यादा हो जाती है।
- जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना।
- नवजात शिशु में भी इंफेक्शन का खतरा रहना।
- ट्राइकोमोनिएसिस होने पर महिलाओं के एचआईवी संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
ये ऊपर बताई स्थिति ना हो इसलिए इसका इलाज जरूर करवाना चाहिए। अगर आप ट्राइकोमोनिएसिस या ट्राइकोमोनिएसिस का घरेलू इलाज (Home Remedies for Trichomoniasis) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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