एचआईवी (HIV) यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस। यह कोई बीमारी नहीं होती। यह एक प्रकार का वायरस होता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता चला जाता है। इम्युन सिस्टम के कमजोर होने पर शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी और संक्रमण को रोक पाने में नाकामयाब साबित होता है। एचआईवी वायरस टी सेल्स को नष्ट कर देता है। यह सेल्स ही इम्यून सिस्टम बनाए रखते हैं इन्हें सीडी4+ सेल्स भी कहा जाता है। यदि समय रहते एचआईवी वायरस का उपचार न किया जाए तो शरीर में इंफेक्शन बढ़ने लगता है। यह इंफेक्शन ही एड्स को जन्म देता है। एड्स (AIDS) का अर्थ है एक्वायर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिंड्रोम। यह एक विकार है। एचआईवी या एड्स के लिए अभी तक कोई पूर्ण इलाज नहीं है लेकिन एचआईवी में दवा आदि लेकर एक व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। यह भी जरूरी नहीं है कि जिसे एचआईवी है उसे एड्स होगा। यदि एचआईवी का उपचार किया जाए तो एड्स की स्टेज ना पहुंचे ऐसा भी हो सकता है।
एचआईवी के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of HIV?)
एचआईवी संक्रमण वाले लोग संक्रमण के शुरुआती और देर के चरणों में विभिन्न लक्षणों का अनुभव करते हैं। अधिकतर लक्षण महिलाओं और पुरुषों में समान होते हैं लेकिन कुछ विशिष्ट लक्षण महिलाओं में अलग से देखे जा सकते हैं।
महिलाओं और पुरुषों में एक समान देखे जाने वाले एचआईवी के लक्षण
एक्यूट एचआईवी संक्रमण (Acute HIV Infection)
यह एचआईवी संक्रमण के दो या चार सप्ताह का चरण होता है। एक्यूट एचआईवी संक्रमण को एक्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम (Acute Retroviral Syndrome (ARS)) भी कहा जाता है। इसमें बुखार होना, जुकाम होना, बदन दर्द होना, चक्कर आना, ग्लैंड्स में सूजन होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार कई मामलों में यह भी संभव है कि कोई भी लक्षण ना नजर आएं।
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क्रॉनिक एचआईवी (Chronic HIV)
- एक्यूट के बाद क्रॉनिक एचआईवी स्टेज आती है।
- कुछ सप्ताह के बाद कई लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जो कुछ समय बाद समाप्त भी हो सकते हैं। एचआईवी के लक्षण में बुखार, सिर दर्द, थकान आदि हो सकते हैं। एचआईवी से संक्रमित कई लोगों में एचआईवी के लक्षण बिल्कुल भी ना दिखाई दें ऐसा भी हो सकता है।
- एचआईवी के संक्रमण के बाद भी लोग स्वस्थ महसूस करते हैं। वह भले ही स्वस्थ महसूस कर रहे हों लेकिन एचआईवी उनके शरीर को प्रभावित कर रहा होता है। एचआईवी बड़ी संख्या में सीडी4+ कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह पूरे शरीर में तेजी से फैल जाता है। इस शुरुआती अवधि में असुरक्षित यौन संबंध या अन्य स्थितियों में अन्य व्यक्तियों को भी संक्रमण होने का खतरा रहता है। चूंकि एचआईवी बड़ी मात्रा में जननांग के तरल पदार्थ और रक्त में मौजूद होता है।
- एचआईवी संक्रमण कई चिकित्सा स्थितियों से जुड़ा होता है जिसमें हृदय रोग, किडनी की बीमारी, लिवर की बीमारी, कैंसर आदि शामिल हैं। सही समय पर उपचार नहीं करने पर भयानक स्थिति पैदा हो सकती है। कई लोगों में दस वर्ष तक भी एचआईवी के लक्षण नजर नहीं आते। इसलिए भी यह गंभीर समस्या बन सकती है और अन्य लोगों को भी संक्रमित हो सकती है।
अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV in final stages)
एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। एड्स में किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। ऐसे में किसी भी संक्रमण या कैंसर से लड़ने में शरीर कमजोर हो जाता है। इस अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण जैसे तेजी से वजन घटना, गंभीर संक्रमण, निमोनिया, बुखार, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर धब्बे, लंबे समय तक दस्त होना, मुंह, गुदा या जननांगों में छाले, याद्दाश्त में कमी, डिप्रेशन और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं।
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