अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of HIV in final stages)
एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। एड्स में किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। ऐसे में किसी भी संक्रमण या कैंसर से लड़ने में शरीर कमजोर हो जाता है। इस अंतिम चरण में एचआईवी के लक्षण जैसे तेजी से वजन घटना, गंभीर संक्रमण, निमोनिया, बुखार, लिम्फ ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर धब्बे, लंबे समय तक दस्त होना, मुंह, गुदा या जननांगों में छाले, याद्दाश्त में कमी, डिप्रेशन और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं।
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महिलाओं में दिखने वाले विशिष्ट एचआईवी के लक्षण
वजानयल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal yeast infection)
अन्य महिलाओं के मुकाबले एचआईवी संक्रमित महिलाओं में वजायनल यीस्ट इंफेक्शन को ठीक करना मुश्किल होता है। एचआईवी के साथ महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन या तो ठीक ही नहीं होता या बार-बार होता रहता है।
पेल्विक इंफ्लेमेंटरी डिजिज(Pelvic Inflammatory Disease)
पेल्विक इंफ्लेमेंटरी डिजिज एचआईवी के लक्षण में गिना जा सकता है। महिला प्रजनन अंगों का यह संक्रमण एचआईवी संक्रमण वाली महिलाओं में अधिक लगातार और गंभीर हो सकता है।
ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण (Human Papillomavirus (HPV) Infections)
एचपीवी जननांग मस्सा का कारण बनता है और इनमें से कुछ कैंसर को जन्म दे सकते हैं। विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी कैंसर ऑफ सर्विक्स। एचपीवी संक्रमण एचआईवी से प्रभावित नहीं होने वाली महिलाओं की तुलना में एचआईवी संक्रमित महिलाओं दिखाई देता है।
बच्चों में एचआईवी के लक्षण (Symptoms of hiv in children)
- एचआईवी संक्रमण की पहचान करना छोटे बच्चों में मुश्किल होती है। कई बच्चों में एचआईवी के लक्षण बिल्कुल भी नहीं दिखाई देते हैं। वहीं कई बच्चों में बहुत सारे एचआईवी के लक्षण एक साथ दिखाई देते हैं।
- एचआईवी संक्रमण की वजह से कई बच्चों में वजन नहीं बढ़ता है उनका विकास भी अन्य बच्चों की तुलना में कम ही होता है। यदि ठीक समय पर एचआईवी का पता ना चले और इसका उपचार ना किया जाए तो बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास में बाधा आती है। ऐसे बच्चे जल्दी बोलना, चलना नहीं सीख पाते हैं। बीमार के बढ़ने के साथ ही खराब स्कूल प्रदर्शन, दौरे और एचआईवी मस्तिष्क एन्सेफैलोपैथी(HIV brain encephalopathy) की समस्या पैदा हो सकती है।
- सामान्य बचपन के संक्रमण एचआईवी वाले बच्चों पर ज्यादा असर डालते हैं। इन संक्रमणों से दौरे, बुखार, निमोनिया, जुकाम, डायरिया आदि की समस्याएं हो सकती हैं। इसका सीधा सा कारण यह है कि एचआईवी इम्युन सिस्टम को नष्ट कर रहा होता है। एचआईवी संक्रमण बच्चों के जीवन के लिए घातक हो सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (Pneumocystis pneumonia (PCP)पीसीपी) भी प्रभावित करता है। यह एक गंभीर प्रकार का न्यूमोनिया होता है।
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एचआईवी से बचाव के उपाय क्या हैं? (What are the HIV prevention measures?)
कॉन्डम का इस्तेमाल करें

जब भी सेक्स करें, एक नए कॉन्डम का उपयोग करना न भूलें। इसके साथ ही कॉन्डम का उपयोग कैसे करना है? और फीमेल और मेल कॉन्डम दोनों का इस्तेमाल करने का सही तरीका ही अपनाएं। यही एचआईवी से बचाव का सबसे जरूरी कदम है।