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बच्चों के लिए एमएमआर वैक्सीन : क्या वैक्सिनेशन के बाद दिखते हैं दुष्प्रभाव?
बच्चों को एमएमआर वैक्सीन देने के बाद उनमें कुछ साइड इफेक्ट्स भी दिख सकते हैं। कुछ बच्चों में दुष्प्रभाव बहुत हल्के होते हैं, वहीं कुछ बच्चों में मॉडरेट या फिर सीरियस साइड इफेक्ट भी दिख सकते हैं। वैक्सिनेशन के बाद हल्का बुखार या फिर माइल्ड रैश आम बात है। वैक्सिनेशन के बाद ज्वाइंट पेन (joint pain) या फिर लो प्लेटलेट काउंट की संभावना भी हो सकती है। कुछ बच्चों में एलर्जिक रिएक्शन या फिर सूजन की समस्या भी हो सकती है। सभी बच्चों में ये लक्षण दिखाई दें, ऐसा जरूरी नहीं है।
बच्चों के लिए एमएमआर वैक्सीन: बच्चों को एमएमआर वैक्सीन कब नहीं देनी चाहिए?
कुछ कंडीशन में बच्चों को एमएमआर वैक्सीन नहीं दी जाती है। अगर बच्चे को पहली डोज से सीरियस एलर्जी रिएक्शन हो गया हो, तो दूसरी डोज नहीं दी जाती है। वैक्सीन में मौजूद जिलेटिन और एंटीबायोटिक नियोमाइसिन (gelatin and the antibiotic neomycin) रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। साथ ही अगर बच्चे को अगर कोई ऐसा डिसऑर्डर है, जो इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डालेगा, तो ऐसे केस में वैक्सीन नहीं दी जाती है।अगर बच्चे को ऐसी मेडिसिन दी जा रही है, जो इम्यून सिस्टम (immune system) को कमजोर कर रहा हो, तो ऐसी स्थिति में भी वैक्सीन नहीं दी जाती है।अगर बच्चे को कैंसर है और कीमोथेरिपी (chemotherapy) से गुजरना पड़ रहा है, तो भी वैक्सीन देने की सिफारिश नहीं की जाती है। आप इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
अगर आपका बच्चा बीमार है या फिर उसे कोल्ड की समस्या है या फिर कोई साधारण बीमारी है, तो डॉक्टर से पूछें कि ऐसे में वैक्सीन की डोज लेनी चाहिए या फिर नहीं। अगर आपने बच्चे को हाल ही में अन्य वैक्सीन लगवाई है, तो इस बारे में भी डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर बच्चे को कभी भी लो प्लेटलेट काउंट की समस्या रही है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर वैक्सिनेशन के बाद बच्चे को रैशेज हो जाते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि रैशेज कुछ समय बाद ठीक हो जाएंगे। आप डॉक्टर से बुखार के लिए दवा का नाम जरूर लिखवा सकती हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल कर सकें।
प्रेग्नेंट महिला और एमएमआर वैक्सीन (Pregnant women and the MMR vaccine)
वैसे तो बच्चों को एमएमआर वैक्सीन के दो डोज दिए जाते हैं लेकिन कंसीव करने से पहले भी इस वैक्सीन की डोज ली जा सकती है। अगर आप कंसीव करने की सोच रहे हैं, तो चार सप्ताह पहले एमएमआर वैक्सीन की डोज लेनी चाहिए ताकि होने वाले बच्चे को किसी तरह की समस्या से बचाया जा सके। अगर आपको लग रहा है कि आपने वैक्सिनेशन के करीब दो सप्ताह बाद ही कंसीव कर लिया है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। वैसे तो वैक्सिनेशन के बाद प्रेग्नेंट महिलाओं में होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन आप इस बारे में डॉक्टर से एक बार जानकारी जरूर लें।
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अगर किसी कारण से बच्चे को वैक्सीन नहीं लग पाई है, तो आपको इस संबंध में डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों के लिए एमएमआर वैक्सीन (MMR vaccine for school kids) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।