एमएमआर वैक्सीन (MMR Vaccine) की भूमिका क्या है ?
एमएमआर वैक्सीन, तीन टीकों के इस संयोजन का उपयोग: खसरा, मम्प्स और रूबेला के रोकथाम के लिए किया जाता है। ये तीनों बीमारियों के कारण रोगी में कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी लक्षण देखने को मिल सकते हैं। दुर्लभ मामलों में, मृत्यु की भी स्थिति हो सकती है। यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने के लिए सूक्ष्मजीवों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करती है। इस इंजेक्शन के अपने कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे कि शरीर में लालिमा आना, दर्द और सूजन आदि। हालांकि, यह अस्थायी लक्षण होते हैं, जो कुछ समय के लिए होते हैं। इसलिए वैक्सीनेशन, चिकित्सक के निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करते हुए ही लेना चाहिए। एमएमआर वैक्सीन को डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखे जाने के बाद बाद ही लिया जाना चाहिए।
वैसे आमतौर पर, एमएमआर टीके को बहुत कम साइड इफेक्ट के साथ वैक्सीनेशन के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसके कारण दाने और बुखार जैसे कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यदि आपको, इस टीके के बाद बहुत अधिक परेशानी हो रही है, तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें। इसके अलावा हार्ट और किडनी पेशेंट को, इसे लेने से पहले अपने सभी शारीरिक समस्याओं के बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बिना डॉक्टर के अनुमति के एमएमआर का टीका नहीं लगवाना चाहिए।
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इन तीन रोगों के लक्षणों में प्रभावकारी है, एमएमआर वैक्सीन
खसरा (Measles)
खसरा, यह रोग खसरा वायरस के कारण फैलता है, जैसे कि संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह के स्राव से संपर्क में आने के कारण। इस वायरस के संक्रमित होने के बाद 5 से 7 दिन में त्वचा में कुछ लक्षण दिख सकते हैं। गंभीर मामलों में, फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं। जिसके गंभीर परिणाम या मृत्यु जैसे स्थिति भी हो सकती है।
खसरे के लक्षणों में शामिल हैं:
- शरीर में लाल चकत्ते (रैशेज)
- कफ
- खांसी
- बहती नाक
- बुखार
- मुंह में सफेद धब्बे (कोप्लिक डिस्प्ले)