गर्भवती महिलाओं को दिल का दौरे का जोखिम क्यों होता है ज्यादा
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भवती या हाल ही में प्रसव से गुजरी महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की दर में वृद्धि इस तथ्य के कारण हो सकती है कि आज के दौर में कई महिलाएं जीवन में देर से बच्चे पैदा करने के निर्णय को ले रही हैं। 35 से 39 के बीच की आयु वाली महिला को 20 के दशक की महिला की तुलना में गर्भवती होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना पांच गुना अधिक होती है। 40 के दशक की शुरुआत में एक महिला को 20 के दशक में एक महिला की तुलना में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 10 गुना अधिक हो जाती है।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्भावस्था और प्रसव महिलाओं के लिए पहले मेटोबॉलिक स्ट्रेस टेस्ट होते हैं और साथ ही ये छिप कर हृदय रोगों की ओर भी इशारा कर सकते हैं। बड़ी उम्र की महिलाओं के साथ विशेष रूप से जोखिम वाले कारकों के साथ यह सिर्फ उच्च रक्तचाप या बढ़ी हुई शर्करा जैसे मुद्दों के साथ प्रकट नहीं हो सकता है, लेकिन एक वास्तविक दिल के दौरे के साथ आ सकता है।
जीवन शैली के कारण बढ़ता हुआ मोटापा और मधुमेह की उच्च दर हो सकती है। यह सभी मिलकर दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। 80 फीसदी दिल की समस्याओं को लाइफस्टाइल में बदलाव करके रोका जा सकता है। हार्ट की बीमारियां होने पर प्रेग्नेंसी और चाइल्ड बर्थ के दौरान कुछ महिलाओं के लिए जोखिम काफी बढ़ जाता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि इन खतरों से बचने के लिए लाइफस्टाइल को मेटेंन करना एक अहम कदम हो सकता है। अपने वजन, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज का सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान ही नहीं निमयित तौर पर ख्याल रखने से हार्ट की समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है।
हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में महिलाओं में सीने में दर्द के लक्षण के बारे में बताया गया है। यदि आपको महिलाओं में सीने में दर्द से जुड़ी अन्य जानकारी चाहिए तो आप अपना प्रश्न कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।