ई-सिगरेट (वेपिंग) बन सकता है कैंसर का कारण !
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) द्वारा जारी हुई एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ई-सिगरेट में पाए जाने वाले कई पदार्थ कैंसर का कारण बन सकते हैं। पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल (Public Library of Science Journal) की रिपोर्ट के अनुसार ई-सिगरेट में कार्ट्रिज का उपयोग किया जाता है। इस कार्ट्रिज में उपयोग होने वाला फोर्मलडीहाइड (Formaldehyde) और बेंजीन (Benzene) कैंसर का महत्वपूर्ण कारण है।
साथ ही लंबे समय तक स्मोकिंग की वजह से आपको हृदय रोग (Heart Disease), ब्रॉन्काइटिस (Bronchitis), एम्फायसिमा (Emphysema) की शिकायत हो सकती है। ई-सिगरेट में परंपरागत सिगरेट जैसे ही पदार्थों का इस्तमाल किया जाता है इसलिए पूरी तरह से इसे सुरक्षित कहना गलत होगा।
ई-सिगरेट बन सकता है डीएनए (DNA) का दुश्मन!
2018 में हुए अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (American Chemical Society) के एक शोध में पाया गया है कि ई-सिगरेट के उपयोग से डीएनए भी नष्ट हो सकता है। डीएनए मानव शरीर में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जानकारी पहुंचाने का काम करता है। वेपिंग के दौरान बनने वाला एक्रोलिन (Acrolein Chemical) DNA में म्यूटेशन यानी हानिकारक बदलाव पैदा करता है जिसकी वजह से शरीर की कार्यप्रणाली पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अब आप ही सोचिए जिस चीज को उपयोग करने से डीएनए पर प्रभाव पड़े उसे सुरक्षित कैसे कहा जा सकता है।
ई-सिगरेट से नहीं होता है पर्यावरण पर प्रभाव: ये भी है महज एक जुमला!
इस सिगरेट को स्मोकलेस और पर्यावरण फ्रेंडली मानने वाले भी गलतफहमी के शिकार हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हाइजीन एंड एन्वायरमेंटल हेल्थ (International Journal of Environmental Health) की रिपोर्ट में बताया गया है कि ई-सिगरेट से निकलने वाले वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड (VOC) और छोटे पार्टिकल्स पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। ई-सिगरेट से होने वाला धुआं भले ही दिखाई न दे लेकिन इससे निकलने वाली वेपर आपको हानि पहुंचाने के लिए काफी है।
क्या आप जानते हैं वेप पेन से आप जल भी सकते हैं?
2015 से 2017 के बीच कई मामले ऐसे भी सामने आए जिसमें ई-सिगरेट के मुंह में एक्सप्लोड होने के भी कई मामले सामने आए। ई-सिगरेट की वजह से आग लगने और एक्सप्लोड होने की भी खबरे सामने आई है। ई-सिगरेट में लिथियम आयन बैटरी का इस्तमाल किया जाता है जो कि बहुत अधिक गरम होने पर इस बैटरी में आग लग सकती है।
इन खतरों के कारण वेपिंग या ई-सिगरेट परंपरागत स्मोकिंग से ज्यादा घातक हो सकती है।
वेपिंग से जुड़े 5 फैक्ट्स क्या हैं?
इससे जुड़े 5 फैक्ट्स निम्नलिखित हैं। जैसे-
वेपिंग स्मोकिंग से कम हानिकारक है लेकिन, फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे सेहत के लिए सुरक्षित नहीं मानते हैं। रिसर्च के अनुसार वेपिंग हार्ट और लंग्स को बीमार बना सकता है। वेपिंग या ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट की ही तरह है और इसकी भी लत लग सकती है। एल्क्ट्रॉनिक सिगरेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। युवा पीढ़ी वेपिंग या ई-सिगरेट की शिकार ज्यादा हो रही है। जानें आप क्या-क्या कर सकते हैं
आप ने इस आर्टिकल में वेपिंग से जुड़े रिस्क को जान लिया है, तो उसको ध्यान रखकर आप अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। यदि आपको धूम्रपान छोड़ने में समस्या हो रही है, तो ऐसे में आपको हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह लेनी चाहिए। ताकि आप ई सिगरेट का सेवन छोड़ सके। यदि आप इसे नहीं छोड़ते हैं, तो लंग्स डैमेज की समस्या हो सकती है। कई मामलों में मरीज की मौत तक हो सकती है। डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी हो जाता है, जब आपको ऐसे लक्षण महसूस हों-
- कफिंग, सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द
- जी मिचलाना, उल्टी और डायरिया
- थकान, बुखार और वजन में कमी
तो आपको जल्द से जल्द एक्सपर्ट की सलाह लेकर समस्याओं से निजात पाना चाहिए।
अगर आप वेपिंग या स्मोकिंग से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।