स्टडी के अुनसार अगर दिल्ली और मुंबई सरकार गांजे को लीगल कर देती हैं, तो उनकी कमाई हो सकती है। स्टडी में इस बात का जिक्र है कि सिगरेट पर लगने वाला टैक्स अगर गांजे पर लगाया जाए तो दिल्ली सरकार इससे करीब 728 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है। इसी तरह मुंबई को 641 करोड़ रुपये मिलेंगे।
गांजे का सेवन करने से शरीर पर होते हैं ये प्रभाव
दिल की धड़कनों का बढ़ना
गांजे का नशा करने के बाद लगभग तीन घंटे तक आपके दिल की धड़कनें बढ़ी रहती हैं। नशे के बाद इस स्थिति में हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है। अगर कोई उम्र दराज व्यक्ति गांजा पीता है तो उसे हार्ट अटैक आने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।
सांस संबंधी समस्याएं
गांजे का सेवन करने पर सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे फेफड़े होते हैं। लगातार गांजे का सेवन करने से आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा फेफड़े से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती है। गांजे का सेवन फेफड़े को उतना ही नुकसान पहुंचाता है, जितना सिगरेट पीना। कुछ रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि गांजे के सेवन से लंग कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंग कैंसर के लक्षण निम्न प्रकार हैं :
और पढ़ें : गांजे से कोरोना वायरस: गांजा/बीड़ी/सिगरेट पीने वालों को कोरोना से ज्यादा खतरा
मितली और उल्टी होना
लंबे समय से लगातार गांजे का सेवन करने से कैनाबाइनॉयड हाइपरमेसिस सिंड्रोम हो जाता है। जिससे व्यक्ति को हमेशा मितली, उल्टी और डिहाइड्रेशन की शिकायत रहती है। कभी-कभी तो इसमें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत तक आ जाती है।
पेट में पल रहे बच्चे पर गांजे का क्या असर होता है?
एक रिसर्च के अनुसार अगर को महिला गर्भावस्था में गांजे का सेवन करती है तो बच्चा कम वजन का पैदा हो सकता है। इसके साथ ही बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी गांजे के कारण विपरीत प्रभाव पड़ता है। वहीं, अगर कोई मां बच्चे को स्तनपान करा रही है और वह गांजे का सेवन करती है तो बच्चे के शरीर में गांजे की मात्रा मां के दूध से हो कर जाती है। जिससे स्तनपान करने वाले बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होगा।
गांजे के अत्यधिक सेवन से हो सकता है मनोरोग का खतरा
गांजा पीने वाले बहुत सारे लोगों में व्यवहार संबंधी गड़बड़ियां पैदा हो जाती हैं। जो लोग लंबे समय तक गांजा पीते हैं, उनमें सांस का रोग हो सकता है। कुछ लोगों की याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है। इसके नियमित उपयोग से खांसी और कफ की परेशानी हो सकती है। गांजा पीने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं के शिशु का वजन कम होने का आशंका रहती है। बहुत सारे युवाओं का मानना है कि गांजा पीने से उन्हें आराम मिलता है और वे तनाव मुक्त रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि नियमित रूप से गांजा पीना मनोविकारों के भयंकर जोखिम को पैदा कर सकता है।
और पढ़ें : माइग्रेन के लिए मरिजुआना का कैसे किया जाता है इस्तेमाल?
गांजे के सेवन से सेक्स पर पड़ता है क्या असर?
दुनिया भर में सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेंट करने वाले कपल शराब के बाद गांजे का इसके दौरान सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। कुछ लोग वीड को एक एफ्रोडाइजिएक(aphrodisiac) के रूप में जानते हैं। एफ्रोडाइजिएक को लव ड्रग माना जाना जाता है, जो सेक्स ड्राइव को बढ़ाता है। इसकी वजह से लोग सख्त (Hard), वेट (wet) और अधिक संवेदनशील(Sensitive) महसूस करते हैं। इसका सेवन करने के बाद इसे पसंद करने वाले लोगों की सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है। वहीं कुछ लोगों को इसके इस्तेमाल के बाद सेक्स करने की इच्छा नहीं होती। अलग-अलग अध्ययनों से पता चलता है कि ज्यादातर लोग, जो इसका उपयोग करते हैं, उन्हें इसका सकारात्मक रिजल्ट मिलता है यानि कि इसका इस्तेमाल करने के बाद उनको सेक्स करने की तीव्र इच्छा होती है।
गांजे का मेडिकल उपयोग क्या है?
गांजा यानी कि मारिजुआना का इस्तेमाल मितली, उल्टी, वजन घटाने और भूख ना लगने में किया जाता है। इसके अलावा गांजे का इस्तेमाल स्पास्टिसिटी (Spasticity) को ठीक करने, नसों में होने वाले दर्द, चलने फिरने की समस्या, अस्थमा और मोतियाबिंद आदि बीमारियों में किया जाता है।