फेफड़े की टीबी का खतरा कई कारणों से बढ़ जाता है जैसे-
- उम्र : उम्रदराज लोग या नवजात बच्चों में
- रोगप्रतिरोधक क्षमता – कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसे एड्स, कैंसर, डायबिटीज ग्रस्त लोगों में
- असंतुलित आहार लेने वालों को
- गंदी जगहों पर रहने वाले लोगों को
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उपचार
कैसे पता चलती है फेफड़े की टीबी?
डॉक्टर कई तरह की परीक्षण कर इस बीमारी को पता लगा लेते हैं। इन टेस्ट में निम्न बातें सामने आती हैं जैसे-
- हवा में भारी पन और आवाज (Crackles)
- गले के पिछले हिस्से में लिंफ नोड में सजून
- फेफड़े के आसपास पानी भरना (Pleural Effusion)
इस तरह हो सकते हैं टेस्ट
कैसे होता है फेफड़े की टीबी का इलाज?
टीबी के इलाज में मुख्य रुप से पहले दवाईयां दी जाती हैं जिससे टीबी के बैक्टीरिया से फैला इंफेक्शन खत्म हो सके। इसमें व्यक्ति को तबतक दवाई लेनी होती है जबतक लैब टेस्ट में दवाई के फायदे की पुष्टि ना हो जाए। इसमें कई तरह की दवाईयां दिन के अलग-अलग वक्त पर लेनी होती हैं। ये दवाईयां छह महीने या इससे भी ज्यादा वक्त के लिए चल सकती हैं। अगर मरीज इसकी दवाई न ले या सही वक्त पर ना ले तो फिर संक्रमण को रोकना और मुश्किल हो सकता है क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया इस दौरान दवाई के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बना लेता है।
फेफड़े के टीबी से बचने के लिए
यूं तो ये संभव नहीं है कि हर बार टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचा जा सके हालांकि, कुछ तरीके आपको इसके खतरे से बचा सकते हैं।
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कैसे बचें
फेफड़े के टीबी से बचने के कुछ टिप्स
खांसने और छींकने के मैनर्स सीखें
अपने पास हमेशा एक रूमाल रखें। ताकि, खांसते या छींकते समय आप उसे अपने मुंह और नाक पर रूमाल रखें। जिससे आपके मुंह के कण बाहर न फैले। इसके अलावा, अगर आपके पास कोई टिशू या रूमाल नहीं है, तो छींक आने पर अपने चेहरे को हाथ की कोंहनी के बीच में ले जाएं। इससे छींक के कण हवा में कम से कम फैलेंगे और आपके हाथ भी बैक्टीरिया फ्री रहेंगे। क्योंकि अगर आप खांसते या छींकते समय अपने मुंह को हाथों से ढंकेंगे तो इसके उसके कण हाथों में लग सकते हैं। फिर इन्हीं हाथों से आस अन्य वस्तुओं और अपने शरीर के अन्य हिस्सों को भी छू सकते हैं जो आपको और भी अधिक बीमार कर सकता है।
टीबी ग्रस्त मरीजों से दूरी बनाएं
टीबी रोग सामान्य तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। लेकिन, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से टीबी का मरीजा है, तो उससे उचित दूरी बनाएं। खांसते या छींकते समय उनके वायरस के कण आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
उचित स्थान में रहें
रूम में हवा निकलने के लिए जगह रखें। कोशिश करें की आपके रहने का कमर हवादार हो। एसी में कम से कम रहें।
मास्क का इस्तेमाल करें
अपने मुंह पर मास्क लगाकर चलें। मास्क आपको हवा में फैले कई तरह के कणों से संक्रमित होने से सुरक्षित रख सकता है। घर से बाहर जाते समय हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें।
अगर आपको फेफड़े की टीबी है, तो आपको घर पर रहकर दूसरों को इस गंभीर बीमारी से बचाना चाहिए।
आपका डॉक्टर आपको इस बात की सूचना दे देगा कि कब आपकी टीबी संक्रमित नहीं हो सकती। इसके बाद ही आप घर से बाहर निकलें या दूसरों से मिलें। अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।