साल 2010 के अगस्त में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वाइन फ्लू (H1N1) को बतौर महामारी घोषित के रूप में घोषित किया था। स्वाइन फ्लू के मामले लगभग सभी देशों में देखे गए हैं। 2010 से वैज्ञानिकों ने वायरस का नाम भी बदला। इसके बाद H1N1 वायरस को अब H1N1v के नाम से जाना जाता है। वी, वैरिएंट के लिए खड़ा है जिसका अर्थ है कि H1N1 के वायरस आमतौर पर जानवरों में घूमता है लेकिन, मनुष्यों में भी H1N1 का असर हो सकता है।
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स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचने के लिए घरेलू उपचार क्या हैं?
स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचाव करने के लिए आप निम्न घरेलू उपचार अपना सकते हैंः
आमतौर पर स्वाइन फ्लू (H1N1) या अन्य फ्लू के लक्षणों के उपचार के लिए इनके लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। फ्लू के अधिक लक्षण सांस संबंधी स्थितियों के कारण हो सकते हैं। अगर आपको सांस से संबंधी कोई पुरानी बीमारी है, तो आपके डॉक्टर आपके लक्षणों को दूर करने के लिए आपको H1N1 की दवाओं के साथ-साथ अन्य दवाओं के इस्तेमाल की भी सलाह दे सकते हैं।
मौजूदा समय में स्वाइल फ्लू (H1N1) से बचाव करने के लिए एफडीए द्वारा चार एंटीवायरल दवाएं को निर्देशित किया गया है। जो स्वाइन फ्लू के गंभीर और हल्के लक्षणों में इस्तेमाल की जा सकती हैं। इसमें शामिल है:
- ओसेलटामिविर (टेमीफ्लू) (Oseltamivir)
- जनामिविर (रेलेंजा) (Zanamivir)
- पेरामिविर (रेपिवैब) (Peramivir)
- बालोकाविर (Baloxavir)
हालांकि, इन दवाओं के सुरक्षित इस्तेमाल की सलाह देने से पहले डॉक्टर निम्न स्थियों की जांच करते हैं। अगर निम्न लक्षण पाए जाते हैं, तो डॉक्टर इन दवाओं के इस्तेमाल की सलाह नहीं देते हैंः
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स्वाइन फ्लू (H1N1) होने पर इन घरेलू चीजों की लें मदद
लहसुन
लहसुन का इस्तेमाल आमतौर पर इडियन कुकिंग में खाने में स्वाद डालने के लिए किया जाता है। लहसुन का बोटेनिकल नाम एलियम सैटिवम (Allium sativum) है, जो कि प्याज की फैमिली (Amaryllidaceae) से संबंध रखता है। इसमें एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व होते हैं। लहसुन में एलिसिन की उपस्थिति शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की गतिविधियों को उत्तेजित करती है और उन्हें आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए बढ़ावा देती है। स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचाव के लिए रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की दो कच्ची कलियां गर्म पानी के साथ खा सकते हैं।
तुलसी
तुलसी एक जड़ी बूटी है। हालांकि, भारतीय परंपरा में तुलसी को पूज्यनीय माना जाता है। वहीं, इसके लाभकारी गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे जड़ी बूटियों की रानी तक कहा जाता है। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन के, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज की मात्रा होती है जो शरीर को फिट रखने में मदद करती है। तुलसी गले और फेफड़ों को साफ रखती है और आपकी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करके उसे संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। इसके जड़, पत्ते, तने और बीज सभी का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर किया जाता है।
इसके अलावा जब भी आपको स्वाइन फ्लू (H1N1) के लक्षण नजर आए तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें और स्वाइन फ्लू पाए जाने पर फ्लू वैक्सीन का टीका जरूर लें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।