पेट पर हाथों को हल्के-हल्के फेर कर गर्भवती महिला के बढ़ते गर्भाशय और शिशु के साइज का अंदाजा लगाया जाता है। गर्भावस्था के मिड टाइम के बाद से शिशु का साइज या फंडल हाइट (गर्भ की बढ़त जांचने के लिए डॉक्टर अनुमानित माप का इस्तेमाल करते हैं, जिसे फंडल हाइट कहा जाता है) इसका पता लगाने के लिए माप फीते का प्रयोग किया जाता है।
महिला के हाथ-पैर की जांच:
प्रेग्नेंसी के समय शरीर के विभिन्न हिस्सों में थोड़ी सूजन का होना सामान्य माना जाता है। कई बार देखा जाता है कि गर्भावस्था में प्रेग्नेंट महिला के हाथों, पैर या चेहरे पर अचानक सूजन हो जाती है। यह सामान्य नहीं होता है, बल्कि प्रीएक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है, जो गर्भावस्था के लिए बहुत खतरनाक होता है।
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अल्ट्रासाउंड स्कैन:
18 और 20 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच एनॉमली स्कैन (अल्ट्रासाउंड लेवल II) करवाने की सलाह दी जाती है। निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर आपसे दूसरी तिमाही के चेकअप के बाद कई बार अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने को कह सकते हैं:
- यदि गर्भ में जुड़वां या अधिक शिशु पल रहे हैं
- आपके एनॉमली स्कैन (एक तरह का अल्ट्रासाउंड स्कैन) में प्लेसेंटा प्रिविया दिखाई दे
- यदि वजायना से ब्लीडिंग हो रही हो
- यदि आपको डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी मेडिकल कंडिशन वाली समस्या हो
- इससे पहले कभी भी प्री-टर्म डिलिवरी या गर्भावस्था के अंतिम चरण में गर्भपात हुआ हो। ऐसी स्थिति में ग्रीवा की लंबाई मापने के लिए स्कैन करवाने की जरूरत हो सकती है
ट्रिपल स्क्रीन टेस्ट
प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही में 35 वर्ष से कम उम्र की सभी महिलाओं के लिए ट्रिपल स्क्रीन टेस्ट की सिफारिश की जाती है। इसे कभी-कभी “मल्टिपल मार्कर स्क्रीनिंग” और “एएफपी प्लस” भी कहा जाता है। इस टेस्ट के दौरान, मां के ब्लड का टेस्ट तीन चीजों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
वे इस प्रकार हैं:
- एएफपी- जो भ्रूण द्वारा उत्पादित एक प्रोटीन है
- एचसीजी- जो एक हॉर्मोन है जो नाल में निर्मित होता है
- एस्ट्रिऑल- जो नाल और भ्रूण दोनों द्वारा उत्पादित एस्ट्रोजन का एक रूप है
डायबिटीज टेस्ट
सभी गर्भवती महिलाओं को दूसरी तिमाही के अंत में गर्भावधि मधुमेह (जैस्टेशनल डायबिटीज) के लिए जांच करवानी होती है।
अपने स्वास्थ्य, शिशु की हलचल या बढ़ते पेट को लेकर आपके मन में बहुत सी शंकाएं हो सकती हैं। जरूरी सवालों को सूची में सबसे ऊपर रखें और दूसरी तिमाही के चेकअप कराएं। हो सकता है उस दिन डॉक्टर व्यस्त हों और आप उनसे एक-दो सवाल ही पूछ पाएं, इसलिए महत्वपूर्ण सवालों को सबसे ऊपर लिख लेने से आप सबसे पहले उन्हें पूछ सकेंगी।