कई बार पहले बच्चे का साइज और वजन कम होता है। लोगों का मानना है कि लड़कों का साइज और वजन लड़कियों के मुकाबले ज्यादा होता है।
मां का स्वास्थ्य (Mother’s health)
प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान मां को हाय ब्लड प्रेशर या हार्ट से संबंधित समस्या होने पर शिशु का वजन (Babies weight) कम हो सकता है। यदि महिला को डायबिटीज या वह मोटापे से परेशान है तो शिशु का वजन ज्यादा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में न्यूट्रिशन (Nutrition during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का खान पान ठीक ना रहने से शिशु का वजन कम हो सकता है। गर्भाशय में इससे शिशु की ग्रोथ भी प्रभावित होती है।
इस बातों को ध्यान रखकर आप शिशु के वजन को मॉनिटर कर सकती हैं। अगर शिशु का वजन (Babies weight) समय के साथ न बढ़े या लगातार घटता जाए तो एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। वजन का लगातार कम होना या बढ़ना किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।
और पढ़ें : मां और शिशु दोनों के लिए बेहद जरूरी है प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप
शिशु का वजन (Babies weight) किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
शिशु का वजह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है। जैसे-
सेक्स (Sex)
बच्चे का वजन उसके सेक्स (लिंग) पर निर्भर करता है। यह लड़के और लड़कियों में अलग-अलग होता है। नवजात शिशु अगर लड़का है, तो लड़के, लड़कियों की तुलना में ज्यादा बड़े होते हैं और उनका वजन ज्यादा होता है। यही नहीं लड़के ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं और साथ ही उनका वजन भी बढ़ता है।
न्यूट्रिशन (Nutrition)
बच्चे का वजन उनको मिलने वाले आहार पर निर्भर करता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार ब्रेस्ट फीडिंग करने वाले शिशु का ग्रोथ ठीक तरह से होता है। वहीं फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) का सेवन करने वाले शिशु का ग्रोथ ठीक तरह से नहीं होता है। इसलिए ब्रेस्ट मिल्क सेवन करने वाले शिशु का वजन 6 महीने में बढ़ सकता है जबकि फॉर्मूला मिल्क का सेवन करने वाले शिशु का एक साल में बढ़ता है।
मेडिकल कंडीशन (Medical condition)
बच्चों में कोई शारीरिक परेशानी होने पर बच्चे की ग्रोथ (Babies growth) और वजन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। ध्यान रखें अगर शिशु का वजन नहीं बढ़ रहा हो, तो हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
और पढ़ें : गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान
समय से पहले शिशु का जन्म
वैसे शिशु जिनका जन्म जो समय से पहले हुआ हो उनके शारीरिक विकास में वक्त लगता है। ऐसा बच्चे जन्म के पहले साल तक पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं लेकिन, कुछ समय के बाद उनमें भी सही तरह से ग्रोथ शुरू हो जाते हैं। वैसे कुछ बच्चे जिनका जन्म समय से पहले होता है वो जन्म के एक महीने के बाद ही शरीर से स्वस्थ हो जाते हैं।
नवजात शिशु को सिर्फ मां का दूध ही दिया जाता है। किसी कारण अगर मां का दूध शिशु को नहीं पाता है, तो फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) दिया जा सकता है। बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए स्तनपान करवाना बेहद आवश्यक है। ब्रेस्ट मिल्क (Breast milk) से शिशु को संपूर्ण न्यूट्रिशन मिल जाता है। इसलिए शिशु के साथ-साथ स्तनपान करवाने वाली महिला को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अगर आप शिशु का वजन कम होने के कारण परेशान हैं या उसका वजन ज्यादा बढ़ रहा है, तो इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।