पहले ही हो चुका है ट्रायल
इस वैक्सीन का इस्तेमाल पश्चिमी अफ्रीका के कुछ अन्य देशों में भी किया गया है। इबोला वायरस से डेडली बुखार होता है। यह किसी व्यक्ति के बॉडी फ्लूड के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। अफ्रीकी राष्ट्र कोंगे में यह मिडल ईयर से अब तक 2,100 लोगों की जान ले चुका है। इतिहास में यह दूसरा सबसे बड़ा इबोला फैलने का मामला बन चुका है।
एफडीए ने कहा कि इस वैक्सीन को एक सिंगल डोज के रूप में दिया गया। 18 और इससे अधिक उम्र के लोगों में जायरे इबोला वायरस (Zaire Ebolavirus) ईवीडी का कारण बनता है। नवंबर में कंपनी को यूरोपीय कमिशन से इरवेबो को बेचने के लिए मंजूरी मिली थी। एक महीने से कम अवधि के भीतर यूरोपीय दवाइयों में इस वायरस के खिलाफ लड़ने वाला पहला वैक्सीन था।
आइए जानते हैं कि आखिर इबोला वायरस क्या है? और दुनियाभर में यह एक गंभीर बीमारी क्यों बना हुआ है। अफ्रीकी देशों में हजारों लोग इबोला से अपनी जान गंवा चुके हैं।
जानिए क्या होता है इबोला वायरस?
इबोला को डेडली फीवर के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का बुखार है, जो इबोला वायरस से फैलता है। इसके 6 अलग-अलग प्रकार हैं, जिसमें से 4 ऐसे वायरस हैं जिससे लोग पीड़ित हो सकते हैं। जब इबोला वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो यह इम्यून सिस्टम और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इबोला वायरस खून के थक्के बनाने वाली कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे ब्लीडिंग बढ़ जाती है। इस ब्लीडिंग को रोकना कठिन होता है।
इबोला इंफेक्शन की वजह से लगभग 90% लोगों की मौत हो जाती है। इबोला के लक्षण समझ आने पर तुरंत डॉक्टर से संर्पक करें।
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इबोला वायरस कितना सामान्य है?
इबोला एक दुर्लभ और बेहद खतरनाक बीमारी है। आमतौर पर इबोला वायरस अफ्रीकी देशों में पाया जाता है, लेकिन विश्व के कई इलाकों में इबोला के फैलने के मामले सामने आए हैं। इस वायरस का संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके लक्षणों को समझकर इबोला से बचाव किया जा सकता है।
इबोला वायरस के लक्षण क्या हैं?