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भांग के फायदे आपको हैरान कर देंगे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Sushmita Rajpurohit द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/05/2021

    भांग के फायदे आपको हैरान कर देंगे

    होली हो या शिवरात्रि का त्योहार, भांग बिना सब सूना। जी हां, बात की जाए उत्तरी भारत की, तो कई लोगों को ये त्योहार भांग के बिना फीके से लगते हैं। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल ठंडाई में मिलाकर लोग करते हैं। कई लोग इसका सेवन केवल नशे के लिए करते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि भांग का इस्तेमाल औषधि के तौर पर भी किया जाता है। जी हां, अगर आप सीमित मात्रा में चिकित्सक की निगरानी में रहते हुए भांग का सेवन करेंगे, तो इसके कई फायदे देखने को मिल सकते हैं। इस आर्टिकल में हम  भांग के फायदे बताएंगे। जानेंगे, भांग किन-किन समस्याओं से बचाने में मदद करती है।

    भांग के फायदे : योनि का ढीलापन दूर करे

    भांग में योनि का ढीलापन दूर करने के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए, अच्‍छी क्वालिटी की भांग को पीसकर छान लीजिए। फिर कपड़े में इसकी पोटली बांधकर योनि पर रख लीजिए। इससे ढीली योनि पहले जैसे ही हो जाती है।

    भांग के फायदे : मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाए 

    भाग में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो मांसपेशियों में दर्द होने की वजह से सूजन को कम कर सकते हैं। इसलिए, अगर आपके बॉडी के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा हो और आप इसका इस्तेमाल करते हैं, तो आपको आराम मिल सकता है।  

    भांग के फायदे : मिर्गी के दौरे में राहत

    इस में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो मिर्गी के अटैक को टाल सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक कैनाबिडिओल कंपाउंड इंसान को शांति का अहसास देने वाले मस्तिष्क के हिस्से की कोशिकाओं को जोड़ते हैं। इसलिए, अगर किसी को मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो आप थोड़ी-सी मात्रा में भांग का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

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    भांग के फायदे : इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूती दे

    उम्र के साथ-साथ हमारा इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर पड़ जाता है, जिससे हमें बहुत तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं। ऐसे में, आप सीमित मात्रा में भांग का सेवन करेंगे, तो इम्यून सिस्टम मजबूत होने में मदद मिलती है।

    भांग के फायदे : बुखार में उपयोग

    बुखार होने पर अगर आप सीमित मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो ये आपको फायदा पहुंचा सकती है। लेकिन, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।

    भांग के फायदे : अर्थराइटिस के दर्द में देता है राहत

    यह एक एंटी-इंफ्लामेटरी पौधा है, जिसके पत्‍तों को लगाने से गठिया से आई सूजन और दर्द को कम करने मे मदद मिल सकती है। इसलिए, भांग अर्थराइटिस  के दर्द को दूर करने में भी बहुत काम आ सकती है।

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    भांग के फायदे : दस्‍त को ठीक करे

    अगर, आपको लगातार दस्‍त हो रहे हैं तो भांग, शुंठी और जीरे को एक सीमित मात्रा में लेकर अच्छी तरह एक साथ पीसकर और छानकर रख लें। इस चूर्ण को खाना खाने से पहले थोड़ा-सा चम्मच चाट लें। आपको राहत मिल सकती है।

    भांग के फायदे के बावजूद एक बात का ध्यान रखें कि इसको कभी भी खाली पेट न लें और कोई भी समस्या में इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ले लें। ध्यान रहे कि भांग की मात्रा में जरा भी उतार-चढ़ाव आप पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है, इसलिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के इसका सेवन बिल्कुल न करें।

    भांग काम कैसे करता है?

    भांग में पाया जाने वाला एक्टिव इंग्रेडिएंट जिसे डेल्टा-9 टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (delta-9 tetrahydrocannabinol, THC) कहते हैं, वो आपको मदहोश यानी खुमारी लाने का काम करता है। आपको बता दें कि भांग में मौजूद टीएचसी (THC), सीबीडी (CBD) और दूसरे घटक आपके शरीर के काम करने के तरीके को प्रभावित करते हैं।

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    भांग की खुराक क्या होनी चाहिए?

    • वयस्कों के लिए सामान्य खुराक (18 साल और उससे ऊपर)
    • ऐमियोट्रोफिक लैटेरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic lateral sclerosis) नर्व सेल्स बीमारी (Nerve Cell Disease):
    • इस स्थिति में रोजाना दो हफ़्तों तक 10 mg टीएचसी (THC) की खुराक निर्धारित की गई है।
    • कीमोथेरेपी के एक से तीन घंटे पहले तक 5mg/m2 ड्रोनाबिनोल (Dronabinol) की खुराक इस्तेमाल की जा सकती है और कीमोथेरेपी के बाद हर दो से चार घंटे पर कुल चार से छह खुराक रोज़ाना दी जा सकती है।
    • कीमोथेरेपी के एक से तीन घंटे पहले और बाद में दो मिलीग्राम नैबिलोन (Nabilone) की खुराक इस्तेमाल की जा सकती है।
    • रोजाना दो से चार बार दो से तीन मिलीग्राम नैबिलोन (Nabilone) की खुराक इस्तेमाल की जा सकती है।
    • दो बार कीमोथेरेपी होने के दौरान चार दिन तक रोजाना तीन बार 3 mg नैबिलोन (Nabilone) का इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
    • कीमोथेरेपी से 8 से 12 घंटे पहले एक मिलीग्राम नैबिलोन (nabilone) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद शरीर के वजन के हिसाब से कीमोथेरेपी के बाद रोज़ाना दो से तीन बार 0.5 से 2mg नैबिलोन (nabilone) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • कीमोथेरेपी से दो घंटे पहले और कीमोथेरेपी के चार, आठ, 16 और 24 घंटे बाद 10mg/m2 टीएचसी (THC) की खुराक इस्तेमाल की जा सकती है।
    • कैनबिनोइड्स (Cannabinoids) को 0.5-1mg लेवोनेंट्राडोल (levonantradol) के रूप में 24 घंटे के दौरान रोज़ाना तीन बार मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जा सकता है।
    • पुराने दर्द में 25 दिनों तक 2.5mg कैनाबिनोइड्स (Cannabinoids) जैसे टीएचसी (THC), बेंजोपाइरेनोपेरीडीन (benzopyranoperidine, BPP), सीबीडी (CBD), नैबिलोन (nabilone), ड्रोनाबिनोल (dronabinol) या सिंथेटिक नाइट्रोजन टीएचसी (synthetic nitrogen THC) को कैप्सूल या फिर मुंह में स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
    • कैनाबिस पर आधारित दवाइयां (Cannabis-based medicines) एक से छह हफ़्तों तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा एक हफ्ते के लिए ऐजुलेमिक एसिड (Ajulemic acid) को भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

    भांग के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

    • सांस की समस्या: भांग के धुंए से फेफड़े में उलझन होती है। जो लोग भांग के धुंए को बार बार लेते हैं उन्हें वैसी ही सांस की समस्या होती है जैसा कि तम्बाकू के धुंए से होती है। भांग की वजह से कफ और बलगम की समस्या, बार बार फेफड़े से सम्बंधित बीमारियाँ और फेफड़े का इंफेक्शन आदि होते हैं। भांग स्मोकर्स को फेफड़े का कैंसर होने का कितना खतरा हो सकता है, इस बारे में ज्यादा शोध मौजूद नहीं है।
    • हार्ट रेट का बढ़ना: स्मोकिंग करने के बाद भांग हार्ट रेट को तीन घंटे तक बढ़ा देता है। इस वजह से हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। बुजुर्ग लोग और वे लोग जिन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारी होती है उन लोगों में भांग ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। 

    डिस्क्लेमर

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