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Pernicious anemia: पारनिसियस एनीमिया क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Shilpa Khopade द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/04/2021

Pernicious anemia: पारनिसियस एनीमिया क्या है?

जानें मूल बातें

पारनिसियस एनीमिया (Pernicious anemia) किसे कहते हैं?

एनीमिया एक ऐसी स्थिति होती है जब लाल रक्त कोशिकाओं (Red red blood cells) की मात्रा कम होती है। पारनिसियस एनीमिया विटामिन बी -12 की कमी के कारण होने वाला एनीमिया में से एक है। यह आपके शरीर से विटामिन बी -12 (Vitamin B12) को शोषित करने में असमर्थता का कारण होता है, जो हेल्दी RBC बनाने के लिए आवश्यक है।

एनीमियाके इस प्रकार को ‘घातक’ कहा जाता है। इसका कारण यह है, कि पहले उपचार की कमी के कारण यह जानलेवा बीमारी में बदल जाता था। लेकिन आज इस बीमारी का इलाज बी -12 इंजेक्शन या उसके सप्प्लिमेंट्स से आसानी से हो सकता है। अगर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो विटामिन बी -12 की कमी काफी गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।

 पारनिसियस एनीमिया (Pernicious anemia) कितना आम है?

पारनिसियस एनीमिया काफी दुर्लभ बीमारी है। जर्नल ऑफ ब्लड मेडिसिन के अनुसार, सामान्य बीमारी में 0.1% और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में 1.9% इतना इस बीमारी का प्रमाण पाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से चर्चा करें।

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लक्षण

पारनिसियस एनीमिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Pernicious anemia)

एनीमिया का विकास काफी धीमा होता है, इसलिए उसके लक्षण पहचानना मुश्किल होता है। आप लगातार असहज महसूस कर सकते हैं। आमतौर पर अनदेखी के लक्षणों में शामिल हैं:

  • काफी कमजोरी आना,
  • सिरदर्द होना,
  • छाती में दर्द होना,
  • वजन घटना

इस बीमारी के कुछ दुर्लभ मामलों में, लोगों में न्यूरोलॉजिकल संकेत और लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • अस्थिर चाल,
  • स्पास्टिसिटी, मांसपेशियों में कठोरता और जकड़न को कहा जाता है,
  • पेरीफेरल न्यूरोपैथी, हाथ और पैर में सुन्नता को कहा जाता है,
  • रीढ़ की हड्डी में प्रोग्रेसिव लेशंस होना,
  • मेमोरी लॉस होना

बी -12 की कमी के अन्य संकेत और लक्षण, जो एनीमिया गंभीर बीमारी को ओवरलैप कर सकते हैं, में शामिल हैं:

  • मतली और उल्टी (Vomiting) होना,
  • दिमागी तोर पर असहज महसूस होना,
  • तनाव (Tension) महसूस होना,
  • कब्ज (Constipation) की परेशानी होना,
  • भूख में कमी आना,
  • नाराज़गी महसूस होना

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मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करे और कौन सा सुझाव और उपचार आपके लिए ठीक है यह तय करें।

जानें पारनिसियस एनीमिया के कारण

पारनिसियस एनीमिया के कारण क्या हैं? (Cause of Pernicious anemia)

कई डॉक्टर मानते हैं कि इस एनीमिया के तीन मुख्य कारण हैं

  • विटामिन बी -12 की कमी: विटामिन बी -12 (Vitamin B 12) रेड ब्लड सेल्स (RBC) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए शरीर को विटामिन बी -12 की पर्याप्त मात्रा मिलाना जरुरी है। विटामिन बी -12 हमारे दैनिक भोजन में पाया जाता है जैसे कि मांस, अंडे, आदि।
  • आईएफ की कमी: आईएफ (इन्ट्रिंसिक फैक्टर) एक प्रकार का प्रोटीन है जो आपके शरीर को विटामिन बी 12 को अवशोषित करने में सक्षम बनाता है। यह प्रोटीन पेट में सेल्स द्वारा बनाया जाता है। जब आप विटामिन बी -12 का सेवन करते हैं, तो यह आपके पेट की जाता है, जहां वह आईएफ से तैयार करता है। तब दोनों को आपकी छोटी आंत के अंतिम भाग में अवशोषित किया जाता है।यदि आपके सेल्स आपके इम्यून सिस्टम (Immune System) के कारण खत्म हो जाती हैं, तो शरीर IF नहीं बना सकता है और विटामिन B-12 को अवशोषित नहीं कर सकता है।
  • मैक्रोसाइट्स: पर्याप्त विटामिन बी -12 के बिना, शरीर असामान्य रूप से लार्ज रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) तैयार नहीं करेगा, जिसे मैक्रोसाइट्स कहा जाता है। इस एनीमिया के प्रकार को मैक्रॉयटिक एनीमिया (Anemia) कहा जाता है। रेड ब्लड सेल्स के असामान्य रूप से बड़े आकार के कारण इसे कभी-कभी मेगालोब्लास्टिक एनीमिया भी कहा जाता है।

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इसके जोखिमों को जानें

किन चीजों के कारण ये बीमारी बढ़ने का खतरा होता है? (Risk factor of Pernicious anemia)

जिन चीजों के कारण जोखिम बढ़ सकती है, उनमे शामिल हैं:

  • इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री होना,
  • उत्तरी यूरोपीय या स्कैंडिनेवियाई वंश का होना,
  • टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes), ऑटो-इम्यून कंडीशन या आंत की कोई बीमारी होना जैसे की, क्रोहन रोग जैसे रोग,
  • अगर आपके पेट या आंतों का कोई हिस्सा हटा दिया गया हो तो,
  • 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना,
  • शाकाहारी होने के कारण बी -12 की कमी होना,

निदान और उपचार

 दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

इस बीमारी का निदान कैसे करते हैं? (Diagnosis of Pernicious anemia)

यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको इस बीमारी की परेशानी है, तो एक फिजिकल टेस्ट की जाएगी। टेस्ट के बाद, आपके डॉक्टर कुछ टेस्ट्स की सलाह देंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC): यह परीक्षण रक्त में आयरन के स्तर को मापता है।
  • विटामिन बी -12 की कमी की जांच: डॉक्टर ब्लड टेस्ट द्वारा आपके विटामिन बी -12 (Vitamin B12) के स्तर को जांचते हैं।
  • बायोप्सी: डॉक्टर यह भी देखना चाहेंगे कि आपके पेट की दीवारों को कोई नुकसान हुआ है या नहीं। वे एक बायोप्सी के माध्यम से इसका निदान कर सकते हैं। बायोप्सी में स्टमक सेल्स का एक नमूना निकालते हैं। उसके बाद सेल्स की जांच सूक्ष्म रूप की जाती है।
  • आईएफ कमी की जांच: रक्त के नमूने द्वारा इन्ट्रिंसिक फैक्टर डेफिशियेंसी टेस्ट किया जाता है। आईएफ और स्टमक सेल्स के विरोध में एंटीबॉडी के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।

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इस एनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Pernicious anemia)

इसके उपचार दो भागों में किया जाता है। डॉक्टर किसी भी मौजूदा विटामिन बी -12 की कमी का इलाज और आयरन (Iron) की कमी की जांच करते हैं।

विटामिन बी -12 इंजेक्शन को रोज या तो हर हफ्ते अनुसार दिया जा सकता है। यह तब तक होता हैं जब तक बी -12 का स्तर सामान्य (या सामान्य के करीब) नहीं हो जाता है। उपचार के पहले कुछ हफ्तों के दौरान, डॉक्टर फिजिकल एक्टिविटीज को कम करने की सलाह दे सकते हैं। आपके विटामिन बी -12 का स्तर सामान्य होने के बाद, आपको केवल हर महीने एक बार डोज लेना होगा। आप खुद से ही ये डोज ले सकते हैं या किसी और व्यक्ति से भी ले सकते हैं।

आपके बी -12 का स्तर सामान्य होने के बाद, डॉक्टर आपको इंजेक्शन के बजाय बी -12 की नियमित खुराक लेने की सलाह दे देंगे। ये गोलियों, नाक के जैल और स्प्रे के फॉर्म में आती हैं।

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Lifestyle changes & home remedies

क्या कुछ घरेलू उपचार या जीवन शैली के बदलाव से ये बीमारी ठीक हो सकती है?

नीचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे और बदलाव आपके इस बीमारी को ठीक करने में मददगार साबित होंगे:

विटामिन B12 (Vitamin B12) की ज्यादा मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को सेवन करें, जिससे शरीर की विटामिन B12 की कमी पूरी हो सके जैसे-

  • ज्यादा मात्रा में अनाज वाला विटामिन बी 12 का नाश्ता करना,
  • चिकन और मछली जैसे मांस को आहार में शामिल करना,
  • अंडे और डेयरी उत्पाद (जैसे दूध, दही और पनीर) का सेवन करना
  • खाद्य पदार्थ जो विटामिन B12 से फोर्टीफ़िएड होते हैं जैसे की, सोयायुक्त पेय और वेजीटेरियन बर्गर्स,
  • अगर आप शाकाहारी हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें और हमेशा अपनी विटामिन B12 के स्तर की जांच कीजिये।

अगर आपको कोई भी सवाल या चिंता सता रही है तो सही सुझाव के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। हैलो हेल्थ ग्रुप कोई भी मेडिकल सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता है।

शरीर को पोषक तत्वों कमी ना हो, इसलिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी होता है। नीचे दिए इस वीडियो लिंक को क्लिक कर जानें कब और क्या खाएं, जिससे स्वस्थ रहना होगा आसान।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Shilpa Khopade द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/04/2021

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