के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
पुदीना का तेल या पेपरमिंट ऑयल एक हर्बल सप्लिमेंट है, जो पेट के दर्द, सामान्य सर्दी-खांसी, अपच, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, मतली, उल्टी, दर्द, सांस संबंधी संक्रमण और तनाव तथा सिरदर्द के उपचार के के लिए प्रभावी पाया गया है।
पुदीना मिंट परिवार का एक सुगंधित जड़ी-बूटी है। यह एक हाइब्रिड जड़ी-बूटी का प्रकार है। यह उत्तरी अमेरिका और यूरोप में स्वाभाविक रूप से अधिक पाया जाता है।
पेपरमिंट ऑयल (Peppermint Oil )निम्नलिखित विभिन्न नामों से उपलब्ध है:
पुदीना का तेल पेपरमिंट पौधे की पत्तियों से निकाला जा सकता है और विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है।
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पेपरमिंट का तेल पाचन तंत्र में ऐंठन को कम करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। जब इसे त्वचा पर इस्तेमाल क्या जाता है, तो यह त्वचा में गर्मी लाता है। यह त्वचा के दर्द से राहत देता है। यह खुजली से राहत देने में भी मदद कर सकता है।
पेपरमिंट ऑयल (पुदीना का तेल) के उपयोग में बहुत विविधता है। उदाहरण के लिए, इसका उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है:
पेपरमिंट ऑयल (पुदीना का तेल) युक्त आहार की खुराक भी कुछ लोगों द्वारा निम्नलिखित स्थितियों के लिए उपयोग की जाती है, हालांकि इस बात के कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं कि वे सहायक हैं:
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पेपरमिंट तेल का उपयोग अक्सर कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। लेकिन त्वचा और बालों पर लागू होने पर पुदीना का तेल के संभावित लाभों के संदर्भ में पर्याप्त शोध उपलब्ध नहीं है।
पुदीना का तेल खुजली वाली त्वचा को शांत करने में मदद कर सकता है। मनुष्यों में बालों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पुदीना तेल की क्षमता पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
पिपरमेंट ऑयल का यूज IBS पर फोकस करता है। IBS क्रोनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंडीशन है जिसके कारण एब्डॉमिनल पेन, डायरिया और कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो सकती है। इस पर करीब 12 परिक्षण किए जा चुके हैं जिनमे ये बात सामने आई है कि पिपरमेंट ऑयल का यूज करने से पेट दर्द से राहत के साथ ही क्रोनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंडीशन के लक्षणों में राहत मिलती है। पेपरमिंट ऑयल की हेल्प से जीआई कंडीशन (GI conditions) में राहत मिलती है। पिपरमेंट ऑयल जीआई ट्रेक की मसल्स को स्मूथ करने का काम करता है। पिपरमेंट ऑयल में एंटीइंफ्लामेट्री इफेक्ट होता है। पिपरमेंट ऑयल का यूज जीआई ट्रैक में सेंसेशन को कम करता है।
पिपरमेंट ऑयल का यूज कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए किया जाता है। पिपरमेंट ऑयल में एंटीस्पास्मोडिक गुण (antispasmodic properties) होती है जो डायजेस्टिव ट्रेक की मसल्स को रिलेक्स करने का काम करता है। इस कारण से बाउल मूवमेंट आसानी से हो जाता है और कब्ज की परेशानी से राहत मिलती है।
2 बूंद पिपरमेंट असेंशियल ऑयल को एक टेबलस्पून हल्के गर्म कैरियर ऑयल या फिर ग्रेपसीड्स ऑयल में मिलाएं। अब इस ऑयल को एब्डमेन में लगाएं। मसाज करने से बाउल मूवमेंट तेज हो जाता है। आप दिन में दो से तीन बार मसाज कर सकते हैं। अगर आप इसे स्किन में प्रयोग करेंगे तो आप लाभ पहुंचेगा। आप कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए डॉक्टर से एक बार परामर्श जरूर लें। लाइफस्टाइल में सुधार के साथ ही फाइबर युक्त खानपान भी कब्ज की परेशानी से राहत दिलाता है।
माइग्रेन की समस्या से राहत पाने के लिए भी पिपरमेंट ऑयल या पुदीने का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि 10 परसेंट मेंथॉल सॉल्युशन माइग्रेन ट्रीटमेंट में हेल्प करता है। अगर पिपरमेंट ऑयल का युज माथे पर किया जाता है तो सिरदर्द से राहत मिलती है। साथ ही इस तेल की महक से जी मिचलाने की समस्या से भी राहत मिलती है। मेंथॉल जैल का उपयोग करने से भी माइग्रेन की समस्या से राहत मिलती है।
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पुदीना के तेल में हल्के रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं। विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और कवक के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता को निर्धारित करने के लिए विभिन्न अध्ययन किए गए हैं। नतीजे मिले-जुले रहे हैं।
पेपरमिंट ऑयल कुछ बैक्टीरिया के खिलाफ काम कर सकता है, लेकिन इस संबंध में जानकरी या शोध मिली-जुली है। इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। यह कैंडिडा के कुछ उपभेदों के खिलाफ हल्के एंटिफंगल गुणों को दर्शाता है।
कम मात्रा में पुदीने के तेल का उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ ही लोगों में इससे एलर्जी हो सकती है। खुजली या लालिमा जैसी हल्की त्वचा में जलन हो सकती है। उपयोग करने से पहले यह पता लगाने के लिए पैच टेस्ट करें कि क्या आप इस आवश्यक तेल के प्रति सेंसिटिव हैं या सामान्य।
कुछ लोग पुदीना और पुदीना का तेल के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसलिए यदि उन्हें इस तेल से किसी प्रकार की एलर्जी हो तो इसका उपयोग करने से बचें।
चूंकि इसमें मेन्थॉल शामिल है, इसलिए अधिक उपयोग से त्वचा को नुकसान हो सकता है।
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इसके औषधीय गुण होने के साथ-साथ पुदीना का तेल के फायदे होने के साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए पुदीना तेल का बहुत ही कम मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
शुद्ध पुदीना का तेल अत्यधिक गाढ़ा होता है, इसलिए इसे स्किन पर इस्तेमाल करने से पहले एक अन्य तेल के साथ मिलाया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में उपयोग करने से कुछ लोगों की त्वचा में जलन, खुजली और चकते आदि की समस्या हो सकती है।
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कुछ मामलों में, पेपरमिंट ऑयल त्वचा पर लगाने पर जलन या दाने होने का कारण हो सकता है। यदि आप पुदीने के तेल में त्वचा की प्रतिक्रिया के बारे में चिंतित हैं, तो पहले अपनी त्वचा के एक छोटे पैच का टेस्ट करें।
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यदि आपके डॉक्टर ने आपको इस दवा का उपयोग करने के लिए कहा है, तो डॉक्टर पहले से ही किसी भी संभावित दवा के बारे में पता कर सकता है और आपके लिए उनकी निगरानी कर सकता है। पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट के साथ जांच से पहले किसी भी दवा की खुराक को शुरू या बंद करने की जल्दबाजी न करें।
कुछ दवाओं के साथ पेपरमिंट तेल के सहभागिता या इंटरैक्शन के बारे में सतर्क रहें क्योंकि यह दवाओं को चयापचय करने और दुष्प्रभावों के जोखिम को बढ़ाने के लिए शरीर की क्षमता को बाधित कर सकता है।
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एन्टीसेप्टिक कैप्सूल के रूप में पेपरमिंट ऑयल के लगभग 1,200 मिलीग्राम रोजाना (180 से 400 मिलीग्राम 3 बार) आईबीएस से संबंधित कब्ज और दस्त तथा डायरिया के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है।
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पेट में दर्द जो इरिटेबल बॉवेल सीबड्रोम का कारण बनती हैं, जैसी विकारों के लिए प्रति कैप्सूल 0.2 मिली लीटर पेपरमिंट ऑयल युक्त एक या दो ऐंटीसैप्टिक कैप्सूल को रोजाना तीन बार लिया जा सकता है। इसे 8 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों द्वारा दो सप्ताह तक उपयोग जाना सुरक्षित है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन में दर्द की स्थिति में पेपरमिंट ऑयल क्रीम या जेल दो सप्ताह के लिए हर दिन 1-3 बार उपयोग किया जा सकता है।
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एंडोस्कोपी के कारण होने वाली ऐंठन के दौरान एंटीम पर 0.4-1.6% पेपरमिंट ऑयल की मात्रा वाले 20 एमएल स्प्रे का इस्तेमाल जा सकता है।
तनाव और सर दर्द के दौरान इथेनॉल के घोल में 10% पेपरमिंट ऑयल की मात्रा का उपयोग किया गया है।
पुदीना का तेल विभिन्न रूपों में पाया जा सकता है। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
तेल
एक बहुत ही केंद्रित रूप जिसे अरोमाथेरेपी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या त्वचा पर लगाया जा सकता है।
अर्क
एक पतला रूप जिसे खाद्य पदार्थों में पुदीना का स्वाद जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैप्सूल
इसे आहार पूरक के रूप में लिया जा सकता है। पेपरमिंट ऑइल (पुदीना का तेल) में तेज गंध होती है जो ठंडी और ताजा होती है। इसका स्वाद भी कुछ ऐसा ही है। पुदीना स्वाद के साथ कुछ खाने के बाद आप अपने मुंह में ठंडक के लिए रख सकते हैं। आप कैप्सूल का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल न करें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आपको किसी भी तरह के हर्बल का प्रयोग बिना एक्सपर्ट की सलाह के नहीं करना चाहिए। हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पुदीने के तेल या पिपरमेंच ऑयल के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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