डॉक्टर बवासीर के मरीजों को 15 मिनट के लिए गर्म पानी में बैठकर सिकाई करने की सलाह देते हैं। ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं। आप चाहें तो, हर बार मल त्यागने के बाद यह सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी बड़े टब में हल्का गर्म पानी भरें और उसी में 15 मिनट के लिए बैंठ जाएं। ऐसा करने से बवासीर से होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
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नारियल तेल
नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉश्चराइजर का काम करता है। नारियल का तेल लगाने से जलन और सूजन से राहत पाई जा सकती है। परेशानी कम बवासीर का इलाज नारियल तेल से भी किया जा सकता है।
ऐलोवेरा
ऐलोवेरा हर घर में बहुत आसानी से पाया जाता है। बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध के अनुसार, ऐलोवेरा बवासीर के घावों को बहुत जल्दी भर सकता है। इसको गूदे को लगाने से बवासीर होने के कारण होने वाली जलन, खुजली और सूजन से राहत मिल सकती है। इसलिए बवासीर का इलाज के लिए ऐलोवेरा का प्रयोग किया जा सकता है।
3. इंटेस्टाइनल प्रॉब्लम : हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लेक्स
हम जो भी खाना खाते हैं वो भोजन नली से होते हुए स्टमक में जाता है।अगर खाना पहुंचने की दिशा में बदलाव (Reflux) आता है तो स्टमक का एसिड गलें (Throat) में पहुंच जाता है। इस प्रकिया के दौरान आपको छाती में जलन होती है जिसे हार्टबर्न कहते हैं। एल्कोहॉल, कॉफी, फैटी फूड, स्पाइसी फूड,चॉकलेट, स्ट्रैस आदि इसके रिस्क को बढ़ाते हैं। (हार्टबर्न या सीने में होने वाली एक प्रकार की जलन की जांच करने के लिए ही बर्नस्टेन टेस्ट किया जाता है।
ऐसे करें इलाज
हार्ट बर्न की समस्या के कारणों में मुख्य रूप से हमारा खानपान शामिल है। अगर हम अपने खानपान में सुधार करें तो हार्टबर्न की समस्या से भी बचा जा सकता है। कॉफी, ओरेंज और दूसरे एसिडिक जूस या ड्रिंक्स लेने से हार्टबर्न की समस्या अधिक बढ़ सकती है। वहीं
लहसुन का अधिक सेवन, प्याज, पुदीना का सेवन या फिर चॉकलेट का अधिक सेवन भी हार्टबर्न की समस्या का कारण बन सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी व्यक्तियों के लिए हार्टबर्न का कारण कोई एक फूड ही। शरीर में अलग-अलग खाने पीने की चीजे विभिन्न प्रकार से प्रतिक्रिया करती हैं। आप चाहे तो इसे ऑब्जर्व भी कर सकते हैं ताकि आप ऐसे फूड को अवॉयड कर सके, जो आपको परेशानी में डालते हो।
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4. आंतों की समस्या – इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IRRITABLE BOWEL SYNDROME)
पेट में ऐंठन, सूजन, दस्त और कब्ज चार मुख्य लक्षण हैं, जो आंत में समस्या को बढ़ाते हैं। IBS पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दो गुना तेजी से प्रभावित करता है। ये समस्या 30-35 की उम्र में अधिक पाई जाती है। खान-पान में बदलाव करके या फिर कुछ दवाओं का यूज करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
कई बार बच्चों के पेट में अचानक दर्द या खिंचाव इंटससेप्शन के लक्षण हो सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है जिसमें आंत का एक हिस्सा आंत के साथ वाले भाग में स्लाइड करता है। इसके कारण अक्सर भोजन या तरल पदार्थ को सामान्य रूप से गुजरने में समस्या होती है।
ऐसे करें इलाज
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