इस बारे में फिटनेस एवं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट मनीषा चोपड़ा का कहना है, ‘’कब्ज और वजन का बढ़ना कुछ केसेस में एक साथ हो सकता है। अगर आपको कब्ज है, तो वजन में कुछ ग्राम बढ़ सकते हैं क्योंकि आपका बॉवेल (आंत) डायजेस्टेड फूड से भरा होता है। कॉन्स्टिपेशन में नॉर्मल इंटेस्टाइनल गैस स्लो मूविंग पूप के बीच फंस जाती है और बढ़ने लगती है। इसकी वजह से वजन बढ़ता है, क्योंकि आपके स्टूल का भी वजन होता है। दूध के साथ घी का सेवन कब्ज को कम करता है। जब आप दूध में कुछ चम्मच घी डालकर उसका सेवन करते हैं, तो यह एक डिटॉस्कीफाइंग एजेंट के रूप में काम करता है और हार्मफुल टॉक्सिन्स को बॉडी से बाहर निकालने में मदद करता है।’’ लेकिन क्या आप जानते हैं, कब्ज के कारण वजन बढ़ने (constipation and weight gain) की एक वजह और भी है! चलिए उसे भी समझ ही लीजिए, ताकि आप इस तकलीफ को हमेशा के लिए हरा सकें।
गट फ्लोरा बैक्टीरिया, जो फूड ब्रेकडाउन और न्यूट्रिएंट्स (nutrients) के अब्सॉर्प्शन में मदद करते हैं, इनमें इम्बैलेंस के कारण भी क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन हो सकता है। गट फ्लोरा एक ऐसा बैक्टीरिया है, जो डायजेस्टिव सिस्टम (digestive system) के लिए बेहद जरूरी है। ये बात साबित हो चुकी है कि वजन बढ़ने (weight gain) और व्यक्ति के गट बैक्टीरिया के बीच खास रिश्ता है। ये बैक्टीरिया ब्लोटिंग और हैवीनेस को कम करता है और लाइट फील करवाता है।
इसका मतलब ये है कि कॉन्स्टिपेशन अकेला नहीं आता, अपने साथ बीमारियों और परेशानियों की बारात लेकर आता है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि कब्ज के साथ मोटापा (obesity) आपको फ्री मिल जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले कब्ज की लगाम कसें। इसके बाद बाकी परेशानियां तो अपने आप ही इसके पीछे हो लेंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब्ज (constipation) ठीक करने के लिए भी हमारे पास एक अचूक तरीका है? क्या आप जानना चाहते हैं इसका नाम? तो सुनिए, इसका नाम है लैक्सेटिव। अब आप सोच रहे होंगे कि ये लैक्सेटिव क्या होता है? दरअसल, लैक्सेटिव एक ऐसा पदार्थ होता है, जो आपके पेट में जमा स्टूल को कुछ ही घंटों में बाहर का रास्ता दिखा देता है और आप कॉन्स्टिपेशन (constipation) से आजाद हो जाते हैं! यूं तो लैक्सेटिव कई तरह के होते हैं, लेकिन स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव इन सभी में ज्यादा कारगर है। अगर आप चाहें, तो स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव में बिसाकोडिल (Bisacodyl) पर भरोसा कर सकते हैं। ये एक ही रात में आपको कब्ज से गैरेंटीड राहत दे देता है। यह आपकी आंतों में कॉन्ट्रैक्शन बढ़ाता है और पॉटी (Stool) के बाहर निकलने का रास्ता आसान बनाता है। कब्ज की तकलीफ ठीक होने से आपको धीरे-धीरे दूसरी तकलीफों से भी राहत मिलती है। फिर चाहे वह कब्ज के कारण वजन बढ़ना हो या ब्लोटिंग। कब्ज के कारण वजन का बढ़ना आपके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है और ऐसा क्यों है, चलिए आपको इस बारे में आगे समझाते हैं।
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बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां वाह भाई वाह! (Constipation can give rise to weight gain, acidity, stress, hypertension and diabetes)
ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी? अगर नहीं सुनी तो हम सुना देते हैं। इसका मतलब होता है ‘बुरे का और बुरे से साथ मिलना’ या ‘एक बुरा तो दूसरा उससे भी बुरा’। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्योंकि कब्ज के कारण वजन बढ़ना आपकी हिचकोले खाती नैया को पूरी तरह डूबो सकता है। कब्ज जहां पेट दर्द (stomach ache), गैस (gas), एसिडिटी (acidity), मेंटल स्ट्रेस (mental stress) का कारण बनता है, वहीं कब्ज के कारण वजन बढ़ना आपको हार्ट से जुड़ी तकलीफों के साथ ही डायबिटीज (Diabetes) और हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का मरीज बना सकता है। बॉडी शेप और सिक्स पैक्स खराब होंगे सो अलग! यहां तक कि बारे में एक्सपर्ट ने भी अपनी राय दी है! इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल के मेटाबॉलिक सर्जरी विभाग के डायरेक्टर, डॉ. प्रदीप जैन का कहना है, “हमें कब्ज की समस्या को मजाक में नहीं लेना चाहिए। बड़ी आंत के धीरे-धीरे काम करने या फिर एनोरेक्टल समस्याओं की वजह से पेट साफ न हो पाने के कारण कॉन्स्टिपेशन हो सकता है।”